'ब्रह्मास्त्र' पर अयान ने 7 साल रिसर्च की है, लेकिन लोग इसे हॉलीवुड की सस्ती कॉपी ही कहेंगे!
'ब्रह्मास्त्र' (Brahmastra) अपने ट्रेलर (Trailer) की शुरुआत से लेकर अंत तक साबित करने में सफल हुई है कि ऐसी फिल्म इससे पहले बॉलीवुड (Bollywood) में नहीं बनी है. क्योंकि, ट्रेलर में दिखे वीएफएक्स और सीजीआई विजुअल्स ने हॉलीवुड (Hollywood) की सुपरहीरो (Superhero) फिल्मों की याद दिला दी. लेकिन...
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2006 में बॉलीवुड ने कृष के तौर पर एक सुपरहीरो गढ़ा. और, फिल्म सुपरहिट हुई. आसान शब्दों में कहा जाए, तो 'कोई मिल गया' फ्रेंचाइज से निकली कृष 3 भी सुपरहिट हुई. लेकिन, इसके बाद बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की 'रा. वन' से लेकर टाइगर श्रॉफ की 'ए फ्लाइंग जट' जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थीं. खैर, कहने का बहुत सीधा सा मतलब है कि सुपरहीरो के किरदार वाली हिट फिल्में के मामले में बॉलीवुड का नंबर गेम खराब है. वैसे, इस बात में कोई दो राय नही है कि लंबे समय से सुर्खियां बटोर रही अयान मुखर्जी की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' का ट्रेलर लोगों की आंखों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा है. सोशल मीडिया पर मिल रहे 'ब्रह्मास्त्र' के ट्रेलर को मिल रहे रिव्यू इसकी तस्दीक कर रहे हैं.
पौराणिक कथाओं के अस्त्रों पर बनी फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के पार्ट-1 को बनाने के लिए अयान मुखर्जी ने 8 साल रिसर्च करने का दावा किया है. और, 300 करोड़ के मेगाबजट की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र-पार्ट 1' के ट्रेलर को देखकर लग भी रहा है कि उन्होंने इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की है. रील से रियल लाइफ कपल बन चुके रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के रोमांस की कहानी के साथ अस्त्रों के रहस्यमयी संसार की कहानी का तालमेल बिठाने में अयान कामयाब नजर आते हैं. 'ब्रह्मास्त्र' अपने ट्रेलर की शुरुआत से लेकर अंत तक साबित करने में सफल हुई है कि ऐसी फिल्म इससे पहले बॉलीवुड में नहीं बनी है. क्योंकि, ट्रेलर में दिखे वीएफएक्स और सीजीआई विजुअल्स ने हॉलीवुड की सुपरहीरो फिल्मों की याद दिला दी. और, यही वो जगह है जहां, हॉलीवुड की सुपरहीरो फिल्मों से तुलना में दर्शक इसे हॉलीवुड की सस्ती कॉपी ही कहेंगे. आइए जानते हैं क्यों?
'ब्रह्मास्त्र' के ट्रेलर में अयान मुखर्जी की मेहनत नजर आ रही है.
'ब्रह्मास्त्र' का सीधा मुकाबला मार्वल से
सुपरहीरो फिल्मों के लिए हॉलीवुड में मार्वल और डीसी यूनिवर्स की अपनी एक अलग पहचान हैं. मार्वल की सुपरहीरो फिल्मों का मेगाबजट किसी से छिपा नहीं है. और, हॉलीवुड की फिल्मों के बजट के आगे बॉलीवुड में बनी 'ब्रह्मास्त्र' के सामने 'लो बजट' हो जाने का खतरा है. आशंका इस बात की भी है कि 'ब्रह्मास्त्र' के ट्रेलर को शोकेस करने में ही कहीं सारे वीएफएक्स और सीजीआई विजुअल्स का इस्तेमाल तो नहीं कर दिया गया. क्योंकि, कई सीन्स के लिए दिल खोल कर पैसा खर्च करना पड़ता है. जो 300 करोड़ की मेगाबजट फिल्म में शायद संभव न हो पाया हो. खैर, अयान मुखर्जी ने एक इंडियन माइथोलॉजिकल सुपरहीरो लॉन्च करने का रिस्क उठाया है. तो, उनका यह कदम बेहतरीन कहा जा सकता है.
अस्त्रवर्स बनाम मल्टीवर्स
मार्वल यूनिवर्स की फ्रेंचाइज डॉक्टर स्ट्रेंज की हाल ही में फिल्म 'डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस' रिलीज हुई थी. कुछ इसी से मिलता जुलता नाम अयान मुखर्जी ने भी अस्त्रों की दुनिया को दर्शाने के लिए किया है. 'अस्त्रवर्स' बेहतरीन कॉन्सेप्ट है. लेकिन, कॉपी किया हुआ ही माना जाएगा. क्योंकि, मार्वल की डॉक्टर स्ट्रेंज फ्रेंचाइज में इसका इस्तेमाल बहुत पहले से हो रहा है.
पैन इंडिया होने पर ही सफलता की गारंटी
'ब्रह्मास्त्र' को ओवरसीज देशों में कितना पसंद किया जाएगा या नहीं? आज के समय में उससे ज्यादा जरूरी नजर आता है फिल्म का पैन इंडिया होना. खैर, कहा जा सकता है कि इस मामले में अयान मुखर्जी ने बाजी मार ली है. हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अस्त्रों के संसार को 'ब्रह्मास्त्र' के जरिये दिखाकर उन्होंने साउथ सिनेमा के दर्शकों को भी जोड़ लिया है. क्योंकि, दक्षिण में भी उत्तर भारत की तरह ही ये पौराणिक कथाएं मौजूद हैं. शायद ही भारत में कोई ऐसा होगा, जिसे सबसे बड़े अस्त्र 'ब्रह्मास्त्र' की जानकारी न हो. वैसे, हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं पर बनी फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' को इसका ट्रेलर देखने के साथ ही ब्लॉकबस्टर घोषित माना जा सकता है. क्योंकि, 'ब्रह्मास्त्र' के ट्रेलर में ही वीएफएक्स और सीजीआई विजुअल्स का जादू लोगों के सिर चढ़ बोल रहा है.
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