बॉलीवुड ने ही करवा चौथ पॉपुलर किया, अब वहीं की अभिनेत्रियां देती हैं विवादित बयान!
फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' से लेकर 'कभी खुशी कभी गम' तक बॉलीवुड ने लंबे समय तक करवा चौथ (Karwa Chauth) की महिमा का यशोगान कर कमाई करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. लेकिन, अब बॉलीवुड की कुछ अभिनेत्रियां तथाकथित 'एक्टिविज्म' और 'वोकइज्म' के संक्रमण से ग्रस्त होकर करवा चौथ पर विवादित बयान देने को फैशन बना दिया है.
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करवा चौथ का त्योहार यूं तो कई बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया गया है. लेकिन, पहली बार फिल्मी पर्दे पर यश चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' में देखे करवा चौथ के सीन आज भी मेरी आंखों से ओझल नहीं होते हैं. इसके बाद 'कभी खुशी, कभी गम' में भी करवा चौथ की सरगी के महत्व को बताते हुए एक काफी लंबा सीन रखा गया था. आसान शब्दों में कहें, तो बॉलीवुड ने लंबे समय तक करवा चौथ की महिमा का यशोगान कर कमाई करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. ये कहना गलत नहीं होगा कि बॉलीवुड ने ही इस देश के कई हिस्सों में करवा चौथ का प्रचार-प्रसार किया है. लेकिन, ऐसा लगता है कि फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के निधन के बाद बॉलीवुड का करवा चौथ से मोहभंग सा हो गया. क्योंकि, बॉलीवुड की अभिनेत्रियों ने ही इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.
हद तो तब हो गई, जब फिल्म 'कभी खुशी, कभी गम' में करवा चौथ के त्योहार वाले सीन पर जमकर डांस करने वाली अभिनेत्री करीना कपूर ने ही इसे लेकर विवादित बयान दे दिया. दरअसल, बीते कुछ सालों में बॉलीवुड इंडस्ट्री 'एक्टिविज्म' और 'वोकइज्म' के संक्रमण काल से गुजर रही है. जो पूरी तरह से हिंदू धर्म पर ही फोकस्ड रहता है. आसान शब्दों में कहें, तो हिंदू धर्म के तीज-त्योहारों से लेकर हिंदुओं की परंपराओं-मान्यताओं पर सवाल खड़े करने को फैशन बना दिया गया हैं. जबकि, इस तरह के विवादित बयानों को हिंदू धर्म के प्रति नफरत की भावना का उदाहरण कहा जा सकता है. बॉलीवुड अभिनेत्रियों को आज भी लगता है कि भारतीय महिलाओं पर करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कथित पितृसत्तात्मक समाज दबाव डालता है. जबकि, स्थिति इसके उलट है.
शायद ही आज किसी महिला को जबरदस्ती करवा चौथ का व्रत रखने के लिए मजबूर किया जा सकता है. जिसे करवा चौथ का व्रत रखना होता है, वो महिलाएं रखती हैं. और, जिन्हें नहीं रखना होता, उनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की जाती है. आसान शब्दों में कहें, तो ये बुर्का नहीं है, जो मुस्लिम महिलाओं के लिए अनिवार्य बाध्यता है. बल्कि, करवा चौथ का व्रत हिंदू महिला की इच्छा और पसंद पर निर्भर करता है. वैसे, करवा चौथ का त्योहार महिलाओं के लिए सजने-संवरने से लेकर खुद को स्पेशल फील करने का त्योहार है. लेकिन, कुछ बॉलीवुड अभिनेत्रियों को लगता है कि ये महिलाओं को पितृसत्तात्मक समाज में बांधे रहने का जरिया है. जबकि, कटरीना कैफ से लेकर आलिया भट्ट सरीखी अभिनेत्रियां खुद करवा चौथ का व्रत रखती हैं. खैर, आइए जानते हैं बॉलीवुड अभिनेत्रियों के ऐसे ही कुछ विवादितों बयानों के बारे में...
रत्ना पाठक शाह, ट्विंकल खन्ना और करीना कपूर जैसी अभिनेत्रियां करवा चौथ पर विवादित बयान देकर आलोचनाओं का शिकार हो चुकी हैं.
रत्ना पाठक को 'शाह' हो जाने पर भी करवा चौथ से चिढ़
कुछ महीने पहले ही बॉलीवुड अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि 'हमारा समाज बहुत ही रुढ़िवादी होता जा रहा है. मैं शिद्दत से ये चीज महसूस कर रही हूं. हम अंधविश्वासी भी होते जा रहे हैं. हम लोगों को ये मानने पर मजबूर किया जा रहा है कि धर्म जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. आज तक किसी ने मुझसे नहीं पूछा कि करवा चौथ का व्रत क्यों नहीं कर रहीं हैं आप? पिछले साल पहली बार किसी ने मुझसे पूछा. मैंने सोचा, 'पागल हूं क्या? अजीब नहीं है पढ़ी-लिखी महिलाएं भी पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.'
वैसे, इस बयान के बाद रत्ना पाठक शाह की काफी आलोचना हुई थी. लेकिन, रत्ना पाठक शाह का ये बयान सिर्फ उनकी हिंदू धर्म के प्रति कुंठा को दर्शाता है. दरअसल, नसीरुद्दीन शाह की पत्नी के तौर पर वह एक मुस्लिम महिला हैं. और, मुस्लिम महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना होता है. हां, अगर रत्ना पाठक शाह के यही शब्द रोजा रखने को लेकर होते, तो उनको असल में महिलाओं की हितैषी माना जाता. लेकिन, मुस्लिम धर्म के खिलाफ उनका मुंह सिल जाता है. क्योंकि, इससे उनका निकाह खतरे में पड़ सकता है.
ट्विंकल खन्ना के विरोध का अलग ही स्तर
बॉलीवुड के 'खिलाड़ी कुमार' कहे जाने वाले अक्षय कुमार की पत्नी और अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं. लेकिन, शायद ही उन पर कभी अक्षय कुमार या किसी अन्य पारिवारिक सदस्य की ओर से करवा चौथ मनाने का दबाव बनाया गया होगा. लेकिन, इसके बावजूद अपने एक्टिविज्म और वोकइज्म का प्रदर्शन करते हुए ट्विंकल खन्ना हिंदू धर्म के त्योहारों और परंपराओं पर ज्ञानवाचन करती रही हैं. कुछ साल पहले ट्विंकल खन्ना ने एक ट्वीट में करवा चौथ पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि 'आजकल जहां लोग 40 की उम्र में दूसरी शादी कर लेते हैं, तो पहले पति के लिए फास्ट रखने से क्या फायदा? जब उनके साथ जिंदगी भर साथ रहना ही नहीं.' इस बयान पर ट्विंकल खन्ना की काफी फजीहत हुई थी.
इसके बावजूद ट्विंकल खन्ना ने करवा चौथ को लेकर अपने विवादित ट्वीट जारी रखे. अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि 'ज्यादा जीने के लिए धीरे मेटाबॉलिज्म की जरूरत होती है. नाकि, औरतों के व्रत रखने की.' वैसे, ट्विंकल खन्ना के साथ समस्या ही कुछ और है. कहना गलत नहीं होगा कि असल मामला ये है कि उनके पति अक्षय कुमार बीते कुछ सालों में राष्ट्रवादी विचारों को बढ़ाने वाली फिल्में बड़ी संख्या में कर रहे हैं. तो, मजबूर होकर घर का एक सदस्य होने के नाते ट्विंकल को इस तरह के बयान देने पड़ते हैं. वरना, सियासी और बुद्धिजीवी वर्ग का एक धड़ा अक्षय कुमार की तरह ही ट्विंकल खन्ना को भी निशाने पर लेने लगता. तो, कहा जा सकता है कि ये ट्विंकल खन्ना की मजबूरी है कि उन्हें इस तरह के बयान देकर खुद को अक्षय कुमार से अलग सोच रखने वाला साबित करना पड़ता है.
करीना कपूर खान को व्रत नहीं रखना था, तो वजह सही बतानी थी
अभिनेता सैफ अली खान के साथ शादी करने के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर से एक कार्यक्रम के दौरान करवा चौथ व्रत को लेकर सवाल पूछा गया था. जिसके जवाब में उन्होंने कहना था कि 'जब बाकी औरतें भूखी रहेंगी, मैं खूब खा रही होऊंगी. मुझे अपना प्यार साबित करने के लिए भूखे रहने की जरूरत नहीं है.' वहीं, जब उनसे व्रत न रखने का कारण पूछा गया, तो करीना कपूर ने कहा था कि 'मैं एक कपूर हूं. मैं खाए बिना नहीं रह सकती.' जबकि, करीना कपूर के करवा चौथ का व्रत न रखने की वजह सीधे तौर पर उनकी सैफ अली खान से शादी ही कही जा सकती है. क्योंकि, मुस्लिम धर्म में किसी भी अन्य धर्म के त्योहारों को मनाने का मतलब कुफ्र हो जाता है. लिखी सी बात है कि करवा चौथ का व्रत न रखने के पीछे करीना कपूर ये वजह नहीं बता सकती थीं. तो, उन्होंने एक अलग ही तर्क गढ़ दिया.
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