बॉलीवुड ने खारिज किया-दक्षिण ने प्यार दिया, क्या 'बबली बाउंसर' से तमन्ना की होगी घरवापसी?
तमन्ना भाटिया का जन्म मुंबई में हुआ. इसी शहर में पली बढीं. डेब्यू भी हिंदी फिल्म से किया मगर उन्हें काम दक्षिण में मिला. कई कोशिशें कीं उन्होंने हिंदी में आने की. खारिज हुई. अब मधुर भंडारकर की बबली बाउंसर उन्हें शायद हिंदी सिनाम उद्योग में जमा दे.
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तमन्ना भाटिया का जन्म सिंधी पंजाबी परिवार में हुआ. परिवार संपन्न है और मुंबई में ही रहता है. पिता हीरे के कारोबार से जुड़े हैं. सत्रह साल पहले उन्होंने बतौर एक्ट्रेस चांद सा रोशन चेहरा से डेब्यू किया था. यह हिंदी फिल्म थी. इसमें उन्हें समीर आफताब नाम के अभिनेता के अपोजिट कास्ट किया गया था. फिल्म का कोई जिक्र नहीं हुआ. या हुआ भी हो तो याद नहीं. तमन्ना का सपना एक्ट्रेस बनने का ही था. स्वाभाविक है कि जो लड़की मुंबई में ही पली बढी हो वह बॉलीवुड के ही सपने देखती होगी. मगर कई सपने पूरे नहीं होते. पहली फिल्म आई गई और बॉलीवुड में जमने का उनका सपना, लगभग सपना ही रहा. जबकि उन्होंने बहुत प्रयास किए होंगे.
तमन्ना की दूसरी हिंदी फिल्म आने में लगभग आठ साल का वक्त लग गया. किसी का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया. जबकि हिंदी की पहली और दूसरी फिल्म के बीच उन्होंने दक्षिण में तमिल और तेलुगु की करीब-करीब 27 फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं निभाई. इनमें कई तो तमिल और तेलुगु की बड़ी हिट हैं और कुछ ऐसी फ़िल्में भी हैं जिनका रीमेक बॉलीवुड ने बनाया. बावजूद तमन्ना पर बॉलीवुड के किसी निर्माता निर्देशक का कभी ध्यान नहीं गया. जब आठ साल बाद अजय देवगन के अपोजिट उनकी दूसरी फिल्म आई- दुर्भाग्य से फिल्म के लिए उन्हें तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
तमन्ना
फिल्म थी हिम्मतवाला. पहली बार हिंदी में उनका नाम लिया जा रहा था. मगर तमाम समीक्षक उन्हें लेकर बहुत सख्त थे. इसके ठीक अगले साल उनकी कॉमेडी ड्रामा हमशकल्स भी आई. अक्षय के साथ एंटरटेनमेंट भी इसी इसी साल आई. तमन्ना का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि दोनों फिल्मों के लिए उनका नाम पॉजिटिव नहीं लिया गया. कमाल की बात यह है कि जब हिंदी की सिनेमा इंडस्ट्री उन्हें लगभग खारिज या नजरअंदाज किया जा रहा था, यह लड़की दक्षिण में ठीक उसी वक्त सफलता के लगातार पायदान के चढ़ रही थी. तमन्ना को जो बड़ी पहचान मिली या जिसकी सकारत्मक चर्चा हुई वह फिल्म भी असल में तेलुगु इंडस्ट्री की ही थी- बाहुबली. प्रभास के अपोजिट उनकी यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज हुई और पहली बार तमन्ना को लेकर हिंदी बेल्ट में बड़े पैमाने पर हलचल दिखी.
ये दूसरी बात है कि बाहुबली ने एक्ट्रेस को बहुत बड़ी पहचान तो दे दी मगर हिंदी सिनेमा उद्योग में उन्हें लेकर कोई उत्साह नहीं नजर आया. पहले की तरह दक्षिण में ही तमन्ना की सक्रियता बनी रही. हालांकि एक्टिंग डेब्यू के लगभग सत्रह साल बाद ऐसा लग रहा कि तमन्ना की हिंदी में मनमाफिक घरवापसी हो रही है. आज ही उनकी हिंदी फिल्म 'बबली बाउंसर' का ट्रेलर आया है. इसे मसाला कहानियों से अलग फ़िल्में बनाने वाले मधुर भंडारकर बना रहे हैं. बबली बाउंसर में तमन्ना मुख्य भूमिका निभा रही हैं. फिल्म की कहानी का बैकड्राप हरियाणा का एक गांव है. एक ऐसा गांव जिसके बाउंसर्स की धूम है. मगर मेल बाउंसर्स की. गांव की एक लड़की बबली जो बिंदास है और बिल्कुल अलग ख्यालों की है. वह कैसे बाउंसर बन जाती है शायद मधुर की फिल्म में यही कहानी दिखाने का प्रयास है.
नीचे बबली बाउंसर का ट्रेलर देख सकते हैं:-
बबली बाउंसर के अलावा तमन्ना की दो और फ़िल्में कतार में हैं. बोले चूड़ियां और प्लान ए और प्लान बी. हालांकि ये दोनों फ़िल्में अगले साल रिलीज होंगी. बबली बाउंसर को सीधे ओटीटी पर स्ट्रीम किया जाएगा. इसे डिजनी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम किए जाने की चर्चा है. मधुर भंडारकर की फिल्मों से प्रियंका चोपड़ा से लेकर करीना कपूर और कंगना रनौत तक को एक अलग पहचान मिली है. हो सकता है कि मधुर की बबली बाउंसर उनके करियर में घर वापसी यानी हिंदी इंडस्ट्री में जमने के लिए एक बेहतर फिल्म साबित हो. फिल्म 23 सितंबर को रिलीज होगी.
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