शाहरुख खान अभिनेता हैं... प्रधानमंत्री नहीं..
अरे शाहरुख खान किसी को कुछ भी दें. ये उनकी अपनी मर्जी है. वो फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता हैं, देश के प्रधानमंत्री नहीं हैं. देश के नागरिकों की तरह वो भी टैक्स भरते हैं.
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हाल ही में चेन्नई बाढ़ प्रभावितों के लिए शाहरुख खान ने एक करोड़ रुपए दान में दिए थे. लेकिन कुछ लोगों ने शाहरुख की इस चैरिटी में भी भेदभाव ढ़ूंढ़ निकाला. एमएनएस से जुड़े संगठन 'चित्रपट कर्मचारी सेना' ने लोगों से अपील की थी कि वे ‘दिलवाले’ देखने नहीं जाएं. क्योंकि शाहरुख महाराष्ट्र के किसानों की खराब हालत के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं हैं.' इसी बात को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने तरीके से कहा तो बात में वजन आ गया.
लेकिन लग रहा था कि ये बात किसी राजनीतिक दल के बजाय एक बच्चे की तरफ से आ रही हो जो रो रोकर ये कह रहा हो कि 'उसे इत्ता सारा दे दिया, मुझे इत्ता सा!!'. चेन्नई के लिए शाहरुख ने एक करोड़ दान किए तो किए, इसमें रोने वाली कौन सी बात है. महाराष्ट्र के किसानों को भूल गए... अरे शाहरुख खान किसी को कुछ भी दें. ये उनकी अपनी मर्जी है. वो फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता हैं, देश के प्रधानमंत्री नहीं हैं. देश के नागरिकों की तरह वो भी टैक्स भरते हैं. उसके बाद भी अगर किसी की मदद कर रहे हैं तो उसमें भी परेशानी. अब इस बात से अगर MNS की खिल्ली उड़ गई तो? शायद राज ठाकरे को ये जल्दी समझ आ गया. और उन्होंने इस विवाद से खुद को अलग कर लिया. उनका कहना है कि- ‘शाहरुख खान ने चेन्नई में बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों के लिए एक करोड़ रुपए दान दिया. लेकिन वह महाराष्ट्र में सूखा-पीड़ित किसानों का दर्द भूल गए. चित्रपट सेना का यह कहना सही है. शाहरुख महाराष्ट्र आकर बड़े बने, नाम कमाया और उसके बाद महाराष्ट्र को भूल जाना सही बात नहीं है. शाहरुख को यह बात समझनी चाहिए. पर मैं यह भी साफ कर देना चाहता हूं कि फिल्म का बहिष्कार करने का चित्रपट सेना का फैसला हमारी पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है’.
शाहरुख खान फिल्म दिलवाले में काजोल के साथ नजर आने वाले हैं. और ये फिल्म18 दिसंबर को रिलीज हो रही है.
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