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Updated: 11 अक्टूबर, 2020 01:40 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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कहावत है 'करे कोई भरे कोई.'ये कहावत हमें क्यों याद आई? वजह है मिर्जापुर 2 (Mirzapur 2). लोगों की फेवरेट रह चुकी वेब सीरीज मिर्जापुर के दूसरे सीजन को आने में अभी कुछ वक़्त शेष है मगर जैसी सरगर्मियों बॉलीवुड (Bollywood) में अलग अलग मुद्दों को लेकर चल रही हैं हर दूसरी चीज का बॉयकॉट यूजर्स द्वारा हो रहा है. मिर्जापुर सीजन 2 के बॉयकॉट (Boycott Mirzapur Season 2) की अपील भी इसी का उदाहरण है. दर्शक पहले सीजन में गुड्डू पंडित (Guddu Pandit) का किरदार निभाने वाले अली फ़ज़ल से नाराज़ हैं. याद आपको भी होगा अभी बीते दिनों ही देश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर एक बड़े वर्ग ने अपना विरोध दर्ज किया था. एक्टर अली फ़ज़ल (Ali Fazal) विदेश में थे और उन्होंने ऐसे ही एक प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और जोरदार स्पीच दी थी. बस यही बात दर्शकों को बुरी लगी और विवाद हो गया. नतीजा हमारे सामने हैं.

Amazon Prime Video Mirzapur 2, Mirzapur Web Series, Ali Fazal, Boycott Mirzapurअली फज़ल के कारण मिर्ज़ापुर का सीजन 2 बुरी तरह से मुसीबत में आ गया है

अली फ़ज़ल के पुराने ट्वीट्स इंटरनेट पर तहलका मचाए हुए हैं. इन ट्वीट्स का यदि अवलोकन करें तो मिलता है कि तब अली फ़ज़ल ने बोला और मुखर होकर बोला. CAA को मुद्दा बनाकर अली का तब का बोलना आज उनके गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है. हालांकि, अली अपनी बात पर कायम हैं. वे कहते हैं कि हम सोशल मीडिया ट्रेंड की महरबानी के भरोसे नहीं रह सकते. हमें अब ये तय करना पड़ेगा कि आर्ट इस तरह के ट्रेंड से प्रभावित न हो. कुछ लोग एक एप पर जाकर ये तय नहीं कर सकते कि कौन सी चीज देखी जाए और किसे बॉयकॉट किया जाए.

लेकिन, अली फैजल से नाराज लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वे अली के पुराने विवादों बयानों को याद कर रहे हैं.

भले ही इस बॉयकॉट को अली हल्के में ले रहे हों लेकिन मिर्जापुर के निर्माता, निर्देशक और खुद अमेज़न प्राइम कभी इनसे पूछ के देखिए. आने वाले समय में वो यही लोग होंगे जिन्हें अली की करनी को भोगना और उससे उपजे नुकसान को झेलना पड़ेगा.

राष्ट्रवाद के नाम पर इंडस्ट्री से जुड़ी चीजों के बॉयकॉट पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी है मगर जिस तरह लोग इस अभियान में जुट रहे हैं और अपने मन की तृप्ति के लिए दूसरे का नुकसान कर रहे हैं वो इसलिए भी विचलित करता है कि बॉयकॉट के इस गंदे खेल में किसी एक का नुकसान नहीं हो रहा बल्कि इनसे कई लोग प्रभावित हो रहे हैं.

अली फ़ज़ल के एंटी सीएए प्रोटेस्ट में शामिल होने के बाद आज जो लोग भी मिर्ज़ापुर सीजन 2 के विरोध में आए हैं उन्हें समझना चाहिए कि मिर्ज़ापुर सीजन 2 में सिर्फ गुड्डू भइया या ये कहें कि अली फ़ज़ल नहीं हैं. सीरीज में तमाम लोग हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग से इतिहास रच दिया है. सवाल है कि गुड्डू की गलती का खामिययाजा गोलू, मुन्ना, कालीन भइया, मकबूल और रति शंकर शुक्ला के परिजन क्यों भुगतें?

याद रखिये इंसाफ का ये तकाजा बिल्कुल नहीं है. हम अली फ़ज़ल द्वारा की गई मूर्खता के लिए किसी और के चूल्हे में पानी नहीं डाल सकते. इंसाफ की बात तो तब है जब हम अली फ़ज़ल की गलती की सजा केवल उन्हीं को दें.बहरहाल हम जानते हैं कि इन बातों का कोई फायदा नहीं है.

लोग विरोध कर रहे हैं आगे भी करेंगे. लेकिन जो लोग आज अली फ़ज़ल के विरोध में सामने आए हैं और सबक सिखाने के उद्देश्य से Ban Mirzapur Season 2 की वकालत कर रहे हैं वो ठंडे दिमाग और पूरे धैर्य के साथ सोचें कि एक की करनी की सजा एक समूह को देना हरगिज़ सही नहीं है. लोग विरोध करें लेकिन एक स्तर बनाकर. कहीं ऐसा न हो उनका ये विरोध उनकी खुदकी जगहंसाई का कारण न बन जाए.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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