Brahmastra: 400 CR में बनी फिल्म कम से कम 200 CR में बिकनी चाहिए, कौन खरीदेगा OTT राइट!
निर्माताओं के दावे को मानें तो ब्रह्मास्त्र ने सिर्फ एक हफ्ते में कमाई को लेकर बॉलीवुड के लगभग तमाम कीर्तिमान को ध्वस्त कर दिया है. मगर फिल्म की सक्सेस को लेकर कहीं जश्न नजर नहीं आ रहा. सफलता को देखते हुए माना जा सकता है कि ओटीटी राइट्स के बदले भी करण जौहर को मोटी रकम मिलेगी. और राइट खरीदने वाला भी कोई वीर बहादुर ही होगा.
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बॉलीवुड में 100 या 125 करोड़ भी कमाने वाली फिल्मों के कलेक्शन का जिस तरह ढिंढोरा पीटने का रिवाज रहा है करण जौहर के बैनर- धर्मा प्रोडक्शन की 'ब्रह्मास्त्र' के लिए नजर नहीं आया. बावजूद कि निर्माताओं की तरफ से 'ब्रह्मास्त्र' के जो कारोबारी आंकड़े साझा हुए हैं उसमें फिल्म ने कई बड़े बेंचमार्क हासिल किए हैं. इन्हें किसी भी सूरत में मामूली नहीं कहा जा सकता. बल्कि यह बॉलीवुड के इतिहास में 'ना भूतो ना भविष्यति' टाइप के हैं. बॉलीवुड की एक फिल्म सिर्फ तीन दिन में ही दुनियाभर के टिकट खिड़की पर 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाती है. घरेलू बाजार में भी 150 करोड़ की कमाई महज तीन दिन में हो जाती है, लेकिन निर्माता उसके कलेक्शन पर गर्व करते और उसे प्रचारित करते नहीं दिखते. सिर्फ ब्रह्मास्त्र ही नहीं, हाल फिलहाल भारतीय सिनेमा के इतिहास में भी ऐसा नहीं दिखा. केजीएफ 2 और आरआरआर के निर्माताओं ने कलेक्शन के हर बेंचमार्क को साझा किया यहां तक कि तेलुगु की कार्तिकेय 2 के भी हिंदी बिजनेस को खूब ;प्रचारित किया गया जो कुछ करोड़ के ही थे.
कहने का मतलब यह कि निर्माता ठीकठाक कलेक्शन को भी लेकर आसमान सिर पर उठाए दिखते हैं. अगर दावे सही थे तो ब्रह्मास्त्र जैसी ब्लॉकबस्टर को लेकर आखिर इस तरह चुप्पी के पीछे क्या रहस्य है? निर्माताओं ने पहले दिन वर्ल्डवाइड 75 करोड़ की कमाई का आंकड़ा साझा किया. एडवांस बुकिंग की रिपोर्ट और आंकड़ों के आने तक यह बहस आम हो गई कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है. कंगना रनौत ने तो उसे फर्जी ही बता दिया. हालांकि धर्मा प्रोडक्शन ने पहले दिन की कमाई के बाद के गर्व करने लायक रिकॉर्डतोड़ आंकड़ों को साझा करने से परहेज किया. जबकि यह निगेटिव कैम्पेन चलाने वालों के लिए तो तमाचे की तरह ही था. समझ नहीं आता कि लगभग हर रोज एडवांस बुकिंग के लिए अपीलें जारी करने वाला धर्मा प्रोडक्शन फिल्म के 'जादुई' और 'उल्लेखनीय आंकड़ों' को अब बताने से परहेज क्यों करता दिख रहा है?
ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर और अलिया भट्ट की जोड़ी है.
ब्रह्मास्त्र की सक्सेस पर जश्न से परहेज क्यों किया जा रहा?
सांच को आंच क्या? फिल्म ने अगर 300 करोड़ से ज्यादा कमा लिए हैं तो यह निश्चित ही जश्न की बात है. सिर्फ धर्मा प्रोडक्शन के लिए ही नहीं बल्कि समूचे बॉलीवुड के लिए. कोविड के बाद मुश्किल हालात में ऐसी कमाई का सिलसिला तो बॉलीवुड में ख़त्म होना ही नहीं चाहिए. श्रीलंका की क्रिकेट टीम ने एशिया कप जीता है. मगर वहां जश्न कुछ ऐसा है कि जैसे उनकी टीम ने विश्वकप जीत लिया हो. बॉलीवुड को भी ऐसे ही जश्न की जरूरत थी. लेकिन बॉलीवुड में ऐसा पहली बार दिख रहा जब एक ब्लॉकबस्टर फिल्म की सक्सेस पार्टियों का सिलसिला लगभग शून्य है. इतना सन्नाटा क्यों है भाई? लगभग सभी ट्रेड एक्सपर्ट्स अभीतक इस्टीमेट आंकड़े ही चला रहे. आज फिल्म का पहला हफ्ता ख़त्म हो जाएगा.
इस तरह सिनेमाघरों में होने वाली कमाई में निर्माताओं का शेयर और घट जाएगा. इस तरह अब दिन हफ्ता बीतने के साथ निर्माताओं का प्रॉफिट शेयर भी कम होता जाएगा. 400 करोड़ से ज्यादा बजट में बनी फिल्म ने दर्शकों का ऐतिहासिक विरोध झेला. जो प्रत्यक्ष दिखा वह यही था. लेकिन निर्माताओं का दावा कहता है कि इसी के बरक्स फिल्म ने जोरदार कमाई भी की. कोई फिल्म वह भी बॉलीवुड की अगर तीन दिन में 200 करोड़ कमा लेती है तो यह मानने में हर्ज नहीं कि उसके 'लाजवाब कंटेट' को दर्शकों ने खूब पसंद किया है और फिल्म का जबरदस्त आकर्षण बना हुआ हो. यानी कह सकते हैं कि सिनेमाघरों में धूम मचाने के बाद ब्रह्मास्त्र के ओटीटी राइट्स के लिए मारामारी नजर आएगी.
लाल सिंह चड्ढा के लिए जब आमिर 150 करोड़ मांग सकते हैं तो ब्रह्मास्त्र के लिए 200 करोड़ क्यों नहीं?
अगर आरआरआर, केजीएफ 2 और यहां तक कि इसी साल आई लाल सिंह चड्ढा के ओटीटी राइट्स को लेकर आई रिपोर्ट्स को देखें तो करण जौहर एंड टीम की ब्रह्मास्त्र को ओटीटी राइट्स के बदले कम से कम 200 करोड़ से ज्यादा ही मिलने चाहिए. आखिर जब महा बकवास फिल्म "लाल सिंह चड्ढा" के लिए आमिर खान 150 करोड़ की रकम मांग सकते हैं तो ब्रह्मास्त्र के लिए करण जौहर को 200 करोड़ से कम मिलता है तो मान लेना चाहिए कि यह अयान मुखर्जी के बेहतरीन शाहकार को कमतर आंकना है. आमिर ने 150 करोड़ मांगे थे, लेकिन उन्हें कोई 100 करोड़ भी देने को तैयार नहीं हुआ था. 50 करोड़ का ऑफर दिया गया था. वह भी शर्तों के साथ. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ओटीटी राइट्स के बदले पैन इंडिया RRR को 350 करोड़ और KGF 2 को भी 320 करोड़ मिले. ब्रह्मास्त्र जैसी ऐतिहासिक पैन इंडिया ड्रामा भी कम से कम 200 करोड़ तो डिजर्व करती ही है.
वैसे मेकर्स की तरफ से ब्रह्मास्त्र के ओटीटी राइट्स को लेकर किसी तरह के ऑफिशियल अपडेट्स अबतक सामने नहीं आए हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि ब्रह्मास्त्र का ओटीटी राइट डिज़नी प्लस हॉटस्टार को मिल चुका है. अंग्रेजी वेबसाइट 'न्यूज 18' ने भी इस बारे में रिपोर्ट की है. इसमें बताया गया है कि ओटीटी राइट बिक चुका है. हालांकि कितने में बिका है यह आंकड़े नहीं बताए गए हैं. ओटीटी दिग्गज डिजनी प्लस हॉटस्टार, ब्रह्मास्त्र के पीआर कैम्पेन का डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर भी है. चूंकि अनाउंसमेंट नहीं हुई तो अभी दावे से नहीं कहा जा सकता कि डिजनी ही ब्रह्मास्त्र के ऑफिशियल ओटीटी पार्टनर के रूप में दिखे. लेकिन ब्रह्मास्त्र का जिस तरह विरोध हुआ, डिजनी अगर जुसमें दिलचस्पी ले रहा तो इसे बहादुरी ही कहा जाएगा. क्योंकि अब तक ब्रह्मास्त्र के सहयोगी चैनल्स को भी विरोध का सामना करना पड़ा. कोई वीर बहादुर ही ब्रह्मास्त्र के ओटीटी राइट्स खरीदने में जोखिम मोल लेगा.
डिजनी ब्रह्मास्त्र के पीआर कैम्पेन का ओटीटी पार्टनर है, राइट मिला है तो बहादुर ही समझिए
उदाहरण के लिए पब्लिक हेट का सामना करने वाली फिल्मों- लाल सिंह चड्ढा और ब्रह्मास्त्र की वजह से मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर को पिछले दिनों तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. लाल सिंह चड्ढा का घटिया बिजनेस सामने आने के बाद पीवीआर को सिर्फ पांच दिन में 700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा था. इसी तरह ब्रह्मास्त्र की रिलीज होने और निर्माताओं की तरफ से जबरदस्त कलेक्शन आंकड़ों को साझा करने के बावजूद पीवीआर और आईनॉनक्स के शेयर्स में जबरदस्त गिरावट नजर आई और निवेशकों को करीब 800 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा. ब्रह्मास्त्र के कई दूसरे बिजनेस पार्टनर्स को भी विरोध का सामना करना पड़ा है.
अब सवाल है कि खराब कंटेंट और पब्लिक हेट की वजह से लाल सिंह चड्ढा में दिलचस्पी नहीं दिखाने वाले ओटीटी दिग्गज भला ब्रह्मास्त्र के साथ एसोसिएशन दिखाकर बिना वजह क्यों कारोबारी आफत मोल लेंगे? निगेटिव कैम्पेन के ट्रेंड को देखें तो यह बात तय है कि अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अयान मुखर्जी के निर्देशन में रणबीर कपूर-आलिया भट्ट की ब्रह्मास्त्र को स्ट्रीम करने वाले डिजिटल पार्टनर को कुछ ना कुछ विरोध का सामना तो करना ही पड़ेगा. किस स्तर पर और कितना- यह देखने वाली बात है. मौजूदा बिजनेस ट्रेड में फिल्म तभी मुनाफा हासिल करती दिखेगी जब उसे ओटीटी या दूसरे राइट्स के बदले मोटी रकम मिले.
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