बॉलीवुड का 'ब्रह्मास्त्र' साबित हो सकती है रणबीर कपूर-आलिया भट्ट की फिल्म
अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' बॉलीवुड के लिए लकी साबित हो सकती है. इस फिल्म में वो सारे तत्व मौजूद हैं, जिसके जरिए वो पैन इंडिया जबरदस्त सफलता का स्वाद चख सकती है. इस फिल्म का टीजर देखने के बाद लोग इसकी तुलना हॉलीवुड फिल्मों से करने लगे हैं.
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रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' लगातार चर्चाओं में बनी हुई है. इसका टीजर लॉन्च होने के बाद से ही हर रोज कोई न कोई नया अपडेट सामने आ रहा है. नई सूचना ये है कि फिल्म से साउथ सिनेमा के मेगा स्टार चिरंजीवी भी जुड़ गए हैं. उन्होंने फिल्म के तेलुगू वर्जन में अपनी आवाज दी है. पहले नागार्जुन, फिर एसएस राजामौली और अब चिरंजीवी के जुड़ने के बाद फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की स्थिति साउथ में लगातार मजबूत होती जा रही है. देखा जाए तो ये पहली बॉलीवुड फिल्म है, जिसके मेकर्स साउथ सिनेमा की स्ट्रेटजी पर काम कर रहे हैं. जिस तरह से साउथ की फिल्में हिंदी बेल्ट में फोकस करके लॉन्च की जाती हैं, यहां के बॉक्स ऑफिस पर अंधाधुंध पैसा कमाती है, कुछ उसी तरह की रणनीति पर अयान मुखर्जी और करण जौहर काम कर रहे हैं. उनको पता है कि बॉलीवुडी की पैन इंडिया फिल्मों के पिटने की एक वजह साउथ में नहीं चल पाना भी है.
सभी जानते हैं कि साउथ की ऑडिएंश अपने सुपरस्टार्स की फिल्मों को देखना ज्यादा पसंद करती है. वहां के हर स्टार की अपनी फैन फॉलोइंग है. यही वजह है कि बॉलीवुड की फिल्में साउथ के बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होती हैं, तो उनको दर्शक ही नहीं मिल पाते. उदाहरण के लिए अक्षय कुमार की हालिया रिलीज फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' की कमाई को ही देख लीजिए. इस फिल्म ने साउथ के मुकाबले हिंदी बेल्ट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. यदि साउथ बॉक्स ऑफिस पर भी इसकी कमाई उसी तरह से हो जाती, जैसे कि साउथ सिनेमा की फिल्मों की कमाई हिंदी बेल्ट में होती है, तो आज फिल्म की आर्थिक स्थिति कुछ और होती. यह अकेला ऐसा उदाहरण नहीं है. इससे पहले रिलीज हुई तमाम हिंदी फिल्मों का ऐसा ही हाल रहा है. अच्छी बात है कि 'ब्रह्मास्त्र' के मेकर्स उन सभी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं, जिनकी वजह से कोई फिल्म पैन इंडिया सुपर सक्सेस हो सकती है.
इन वजहों से बॉलीवुड का 'ब्रह्मास्त्र' साबित हो सकती है फिल्म 'ब्रह्मास्त्र'...
- पैन इंडिया स्टारकास्ट
साउथ सिनेमा के फिल्म मेकर्स पैन इंडिया स्ट्रेटजी पर काम करते हैं. उनकी फिल्में एक साथ हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज की जाती हैं. फिल्म की पैन इंडिया अपील बनाए रखने के लिए स्टारकास्ट में साउथ के साथ बॉलीवुड के सितारों को भी रखा जाता है. उदाहरण के लिए हालिया रिलीज 'आरआरआर' और 'केजीएफ चैप्टर 2' को देख लीजिए. 'आरआरआर' में साउथ के सुपरस्टार रामचरण और जूनियर एनटीआर के साथ बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और एक्ट्रेस आलिया भट्ट को भी प्रमुख रोल दिया गया था. इसी तरह 'केजीएफ चैप्टर 2' में कन्नड एक्टर यश के साथ बॉलीवुड के संजय दत्त और रविना टंडन अहम किरदारों में हैं.
ऐसा इसलिए किया जाता है कि हर फिल्म इंडस्ट्री की ऑडिएंश अपने स्टार के जरिए फिल्म से खुद को कनेक्ट कर सके. फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की स्टारकास्ट में भी इसका बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया. इसमें रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, मौनी रॉय और डिंपल कपाड़िया के साथ तेलुगू स्टार नागार्जुन को अहम रोल दिया गया है. अमिताभ पहले से ही पैन इंडिया स्टार हैं. उनकी फैन फॉलोइंग नॉर्थ की तरह साउथ में भी है. आलिया फिल्म आरआरआर की वजह से साउथ में परिचित हो चुकी हैं. नागार्जुन तमिल और तेलुगू इंडस्ट्री के बेताज बादशाह हैं. इतना ही नहीं अब चीरंजीवी के आ जाने के बाद फिल्म की पैन इंडिया अपील और ज्यादा बढ़ गई है.
- 'बाहुबली' राजामौली का साथ
फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' को पैन इंडिया हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज किया जा रहा है. इसे नॉर्थ में हिंदी में करण जौहर प्रेजेंट कर रहे हैं, जबकि साउथ में 'बाहुबली' फेम निर्देशक एसएस राजामौली को तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में प्रेजेंट करने की जिम्मेदारी दी गई है. राजामौली साउथ में एक स्थापित नाम हैं. उन्होंने 'ईगा', 'मगधीरा', 'बाहुबली', 'बाहुबली 2' और 'आरआरआर' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्माण किया है. देश को पहली पैन इंडिया फिल्म देने वाले पहले फिल्म मेकर वही हैं. ऐसे में उनका इस फिल्म का प्रेजेंटर बनाना अपने आप में बहुत बड़ी बात है. राजामौली और करण की दोस्ती भी बहुत पुरानी है. इसका फायदा भी फिल्म को मिलने वाला है.
राजामौली की फैन फॉलोइंग और नेटवर्क को इस्तेमाल करके करण इस फिल्म को साउथ बॉक्स ऑफिस पर हिट करा सकते हैं. उदाहरण के लिए राजामौली की वजह से ही उनके पिता के. वी. विजयेंद्र प्रसाद जो कि बाहुबली जैसी फिल्म के लेखक हैं, जाने माने स्क्रिप्ट राइटर हैं, उन्होंने फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' को देखने के बाद चार जगह बदलाव का सुझाव दिया था. अयान मुखर्जी ने तुरंत इन चारों बदलावों को फिल्म में करा दिया था. इस बारे में रणबीर ने कहा था, ''विजयेंद्र जी ने अयान को एक सुझाव दिया था. अयान चाहता है कि सबसे राय ली जाए. यदि किसी सुझाव से फिल्म बेहतर हो सकती है तो वह ऐसा करते हैं. मेरे दादा राज कपूर भी जब भी कोई सीन शूट करते थे तो एडिट करके पत्नी, बच्चों और दोस्तों को देर रात आर. के. स्टूडियो बुलाते थे और उनसे सलाह लेते थे. मुझे लगता है कि अयान ने विजयेंद्र जी से सलाह लेकर जो अतिरिक्त चीज जोड़ी है, वह फिल्म में बहुत मदद करेगी.''
- नॉर्थ से साउथ तक जबरदस्त प्रमोशन
फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के निर्देशन अयान मुखर्जी और लीड एक्टर रणबीर कपूर प्रमोशन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. यही वजह है कि नॉर्थ से लेकर साउथ तक फिल्म का जमकर प्रमोशन कर रहे हैं. फिल्म के टीजर लॉन्च के दिन दोनों वाराणासी में मौजूद थे, लेकिन अगले दिन ही विशाखापट्टनम पहुंच गए. वहां राजामौली के साथ मिलकर फिल्म का प्रमोशन किया. उस दिन राजामौली, रणबीर और अयान को लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला. पहली बार बॉलीवुड के किसी सितारे को लोगों ने इतना ज्यादा मान-सम्मान दिया है. उनके आने से पहले ही एयरपोर्ट पर ही भीड़ जुट गई थी. आते ही लोगों ने तीनों पर फूल बरसाए.
इसके बाद राजामौली, रणबीर और अयान रोड शो के लिए शहर में निकले. वहां भी उनका जबरदस्त स्वागत किया गया. दौरान क्रेन से भारी भरकम गुलाब की माला रणबीर कपूर को पहनाई गई. रणबीर ने भी किसी फैन को निराश नहीं किया. वो दर्शक के साथ प्यार और सम्मान से मिले. सभी जानते हैं कि ये भीड़ रणबीर की लोकप्रियता से कम राजामौली की वजह से ज्यादा आई है. ऐसे में इसे नमूने के रूप में देखा जा सकता है. जब प्रमोशन के दौरान राजामौली की वजह से ऐसा रिस्पांस मिल रहा है, तो फिल्म रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस पर हैरान कर देने वाले आंकड़े देखने को मिल सकते हैं. वैसे भी फिल्म का कंटेंट उस तरह का जैसा साउथ की ऑडिएंश पसंद करती है.
- धर्म की चाशनी में लिपटी साई-फाई फिल्म
'ब्रह्मास्त्र' एक साइंस और फिक्शन फिल्म है, जिसे धर्म की चाशनी में लपेटा गया है. इसे आधुनिक दुनिया में भारतीय पौराणिक कथा भी कहा जा सकता है. फिल्म की कहानी के केंद्र में खुद ब्रह्मास्त्र है, जो कि एक दैवीय हथियार है. आधुनिक युग के संदर्भ में यदि समझना है तो ये समझ लीजिए कि 'ब्रह्मास्त्र' एक परमाणु बम है. इसकी मारक क्षमता के बारे में हर कोई जानता है. फिल्म के सबसे पहले टीजर के आखिरी फ्रेम में इसकी कहानी का सूत्रपात होता है. इस फ्रेम में शिवजी की एक विशालकाय मूर्ती के सामने ठीक उन्हीं की देह भंगिमा लिए रणबीर कपूर का किरदार शिवा दिखता है. उसके दाहिने हाथ में त्रिशूल है. फिल्म ब्रह्मा, विष्णु और महेश की ट्रियोलजी पर आधारित है. इसमें शिवा (रणबीर कपूर) का किरदार भगवान शिव, प्रो. अरविंद चतुर्वेदी का किरदार (अमिताभ बच्चन) ब्रह्मा और पुरातत्त्वज्ञ अजय वशिष्ठ (नागार्जुन) का किरदार विष्णु से प्रेरित है.
अयान मुखर्जी ने फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के लिए कड़ी मेहनत की है. उन्होंने 13 साल तक रिसर्च करने के बाद 5 साल में इस फिल्म को बनाया है. इस फिल्म के लीड एक्टर रणबीर कपूर ने भी इसके लिए बहुत ज्यादा मेहनत की है. साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'संजू' के बाद वो अब इस फिल्म में नजर आने वाले हैं. इस तरह रणबीर ने भी चार साल तक लगातार फिल्म के लिए काम किया है. वो अयान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर जगह नजर आते हैं. फिल्म में आधुनिक तकनीक और वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है.
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