Bunty Aur Babli 2: रिलीज से पहले बॉक्स ऑफिस पर तीन बड़ी दिक्कतें और दो फायदे
Rani Mukherjee और सैफ अली खान स्टारर Bunty Aur Babli 2 जिस वक्त रिलीज हो रही है ठीक उसी वक्त सीबीएसई और न्यूजीलैंड के साथ क्रिकेट सीरीज भी चल रही है. कैसे ये चीजें यशराज की फिल्म को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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16 साल बाद बॉलीवुड की गाढ़ी चासनी में ठगी का नया किस्सा आ रहा है. यशराज फिल्म्स की कॉमेडी ड्रामा- बंटी और बबली 2. यह बंटी और बबली का सीक्वल है जिसका निर्देशन वरुण शर्मा ने किया है. महामारी की वजह से बॉक्स ऑफिस पर लंबे समय बाद दर्शकों को फ्रेश कॉमेडी का विकल्प मिलने जा रहा है. क्या दर्शक सिनेमाघर आएगा, आ रहा है तो क्यों और नहीं आएगा तो क्यों? कई पेंच हैं जिन्हें देखा जा सकता है. यशराज फिल्म्स के लिए चीजें परेशानी का विषय भी बन सकती हैं और फायदे का सौदा भी.
बॉक्स ऑफिस पर बंटी और बबली 2 के सामने जो तीन बड़ी परेशानियां नजर आ रही हैं उनमें एक तो यही कि यशराज की फिल्म जब रिलीज हो रही है उसी वक्त सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हैं. यह पहली बार है जब बोर्ड की परीक्षाएं दो खंडों में हो रही हैं. सीबीएसई बोर्ड की पहले टर्म की परीक्षा मध्य नवंबर में शुरू है. बताने की जरूरत नहीं कि बच्चों की परीक्षाओं की वजह से शहरों का बड़ा दर्शक वर्ग निकले ही ना. बच्चों की वजह से उसे थियेटर जाने या घर से बाहर निकलने का विचार ही त्यागना पड़े. खासकर सिनेमा देखने जाने का.
बंटी और बबली 2 के लिए क्रिकेट भी आफत की तरह ही है. भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस वक्त टी 20 मैचों की सीरीज चल रही है. बंटी और बबली की रिलीज के ही दिन रांची में सीरीज का दूसरा मैच है. तीसरा मैच रविवार के दिन है. किसी भी फिल्म के लिए बॉक्स ऑफिस पर पहला हफ्ता महत्वपूर्ण होता है. इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत-न्यूजीलैंड की सीरीज बंटी और बबली 2 को नुकसान ना पहुंचाए.
बंटी और बबली 2 में रानी मुखर्जी को छोड़कर स्टारकास्ट नई है.
यशराज को बॉक्स ऑफिस पर तीसरी बड़ी चुनौती अन्य फिल्मों से मुकाबले के रूप में है. सिनेमाघरों में फिल्म के आगे और पीछे बड़ी एक्शन एंटरटेनर मौजूद हैं. सिनेमाघरों में रोहित शेट्टी की सूर्यवंशी की मौजूदगी अभी भी ठीक-ठाक है. बंटी और बबली 2 की रिलीज के एक हफ्ते बाद ही दो और पावर पैक्ड एक्शन फ़िल्में भी आ रही हैं. 25 नवंबर को जॉन अब्राहम की तिहारी भूमिका से सजी सत्यमेव जयते 2 और ठीक एक दिन बाद आयुष शर्मा -सलमान खान की अंतिम द फाइनल ट्रुथ. सिनेमाघरों में अकुपेंसी, स्टार पावर और तमाम दूसरी वजहों से बंटी और बबली 2 या यूं कहें कि तीनों फ़िल्में एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाती दिख रही हैं. अब नुकसान में कौन रहेगा अभी यह कहना जल्दबाजी है, मगर आंशिक रूप से तो यह तय ही नजर आ रहा है. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि फिल्म के सामने सिर्फ मुश्किलें ही मुश्किलें हैं.
यशराज की बंटी और बबली 2 बंटी और बबली का सीक्वल है. पहला पार्ट अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को लेकर शाद अली ने बनाया था. फिल्म ने दर्शकों का मनोरंजन किया था और बॉक्स ऑफिस पर कामयाब हुई थी. दूसरे पार्ट में रानी मुखर्जी को छोड़ स्टारकास्ट नई है जिन्होंने वरुण शर्मा के निर्देशन में काम किया है. इस बार ठगों की दो जोड़ियां हैं. बंटी और बबली की पुरानी जोड़ी के रूप में रानी मुखर्जी और सैफ अली खान हैं. दोनों शादी के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं उनका एक बेटा भी है. बंटी और बबली की नई जोड़ी में गली बॉय-इनसाइड एज फेम सिद्धांत चतुर्वेदी और सरवरी वाघ उनकी बबली हैं. सरवरी की यह पहली फिल्म है. दूसरे पार्ट के लिए मेकर्स ने पंकज त्रिपाठी और यशपाल शर्मा जैसे सितारों को बोर्ड पर लिया है. पंकज त्रिपाठी मस्तमौला पुलिस अफसर के किरदार में हैं. पहले पार्ट में अमिताभ ने ऐसा ही किरदार निभाया था. हालांकि उनका रोल उम्रदराज था.
बंटी औए बबली 2 का ट्रेलर यहां देख सकते हैं:-
सक्सेसफुल मूवी का सीक्वल होने की वजह से बंटी और बबली 2 पर सभी की नजरें हैं. होनी भी चाहिए. पहले पार्ट की कामयाबी के आधार पर मेकर्स को दूसरे पार्ट की सफलता का बहुत भरोसा होगा. मगर दो चीजें बंटी और बबली के लिए बॉक्स ऑफिस पर फायदेमंद भी हैं. कोरोना महामारी के महीनों के बाद अब सिनेमाघर पहले जैसे दिख रहे हैं. महाराष्ट्र और गोवा सर्किट के सिनेमाघरों को छोड़कर. यहां पचास प्रतिशत दर्शक क्षमता के साथ ही खुले हैं. बॉक्स ऑफिस पर बंटी और बबली 2 के लिए फायदे की बात यही है कि एक्शन एंटरटेनर की भीड़ में फिल्म का सब्जेक्ट अलग है. कॉमेडी ड्रामा. अब तक थियेटर में जो फ़िल्में आई हैं उनका विषय थ्रिलर, एक्शन और पॉलिटिकल रहा है. जो तीन बड़ी फ़िल्में आईं उनमें अक्षय कुमार की बेल बॉटम और सूर्यवंशी, अमिताभ बच्चन-इमरान हाशमी की चेहरे और कंगना रनौत की थलाइवी प्रमुख हैं. इसमें मार्वल की सुपरहीरो मूवी एटरनल्स भी रख सकते हैं जिसे शहरों में रिलीज तो ठीक ठाक किया गया, मगर अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाई.
उम्मीद की जानी चाहिए कि यशराज ने बंटी और बबली 2 में हिंदी दर्शकों के मनोरंजन की जरूरतों का ध्यान रखा होगा. फिलहाल फिल्म के ट्रेलर से तो फील ऐसा ही निकल रहा है कि इसे फैमिली ऑडियंस और आज की दूसरी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. एक हद साफ़-सुथरी दिख रही है जो कॉमेडी के चलताऊ और मसालेदार ट्रिक पर नहीं बनी है. महामारी के बाद यह पहली फिल्म हो सकती है जो बड़े पैमाने पर फैमिली ऑडियंस को सिनेमाघरों तक खींच कर ला पाए. लाइट कॉमेडी में ठगी के किस्से हैं. दूसरे पार्ट में एक स्ट्रांग किरदार बंटी और बबली के बच्चे का भी जोड़ा गया है.
बच्चों के साथ फैमिली ऑडियंस को यह फिल्म देखने में तकलीफ नहीं होनी चाहिए. इसे फिल्म का सबसे बड़ा स्ट्रेंथ मान सकते हैं. हां, यह देखना होगा कि बोर्ड परीक्षाएं कितना असर डालती हैं. यशराज ने ठगी की पुरानी कहानी को नया कलेवर देने और आज के दर्शक वर्ग को जोड़ने के लिए सीक्वल में एक और जोड़े को प्रमुखता दी है. सिद्धार्थ और सरवरी की जोड़ी. इनके जरिए मेकर्स युवा दर्शकों को मसाला-एक्शन और ग्लैमर का डोज देंगे. ह्यूमर के लिए पंकज त्रिपाठी का भी बेहतर इस्तेमाल करने की कोशिश है. फ्रेश स्टारकास्ट और दो जोड़ियों का प्रयोग हकीकत में तीन पीढ़ी के दर्शकों को लुभाने के लिए सटीक है. यशराज का फ़ॉर्मूला काम कितना करता है 19 नवंबर के बाद इसका पता चलेगा.
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