SMJ 2 और 'अंतिम' आग का दरिया है, और 'बंटी और बबली 2' को डूबकर जाना है!
YRF की बंटी और बबली 2 के लिए तो बॉक्स ऑफिस किसी आग के दरिया की तरह ही है. दरिया पार जाएंगे कैसे जब बड़े-बड़े सितारों की बड़ी-बड़ी फ़िल्में डुबाने का पूरा इंतजाम किए बैठी हैं.
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जिन्हें लग रहा कि नवंबर के आख़िरी हफ़्तों में सिर्फ जॉन अब्राहम की सत्यमेव जयते 2 और आयुष शर्मा-सलमान खान की अंतिम: द फाइनल ट्रुथ के बीच बॉक्स ऑफिस की सबसे तगड़ी भिड़ंत हैं वो गलत हैं. गौर करें तो बॉक्स ऑफिस की भिड़ंत एक तरह से त्रिकोणीय बन गई है. सत्यमेव जयते 2 और अंतिम की लड़ाई में यशराज फिल्म्स की बंटी और बबली 2 भी मुकाबले में रहेगी. यशराज कैम्प की हिट फिल्म बंटी और बबली का सीक्वल इसी महीने 19 नवंबर को सिनेमाघरों में आ रहा है. बंटी और बबली 2 में सैफअली खान-रानी मुखर्जी और सिद्धांत चतुर्वेदी-सरवरी वाग की जोड़ी है.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों को कम से कम दो हफ़्तों का वक्त चाहिए होता है. बड़े निर्माता हमेशा इस तरह के क्लैश से बचना चाहते हैं. लेकिन बंटी और बबली 2 को रिलीज से पहले और रिलीज के बाद दो बड़ी फिल्मों से टक्कर लेना पड़ सकता है. सूर्यवंशी के रूप में एक मजबूत फिल्म पहले से ही थियेटर में मौजूद है. पहले हफ्ते सूर्यवंशी ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कलेक्शन निकाला है. दूसरे हफ्ते में भी टिकट खिड़की पर मजबूत दिख रहा ट्रेंड एक हद तक फिल्म की रफ़्तार आगे भी बरकरार रहने की संभावनाएं जता रहा. यानी नंवबर के आखिर तक अक्षय कुमार की ठीकठाक स्क्रीन्स पर मौजूद रहेगी. यह बंटी और बबली 2 के लिए चौतरफा संकट की तरह ही है.
सूर्यवंशी की चुनौती पहले से है सुपर बंटी और बबली 2 को बॉक्स ऑफिस पर खेल दिखाने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का खुला वक्त मिलेगा. एक हफ्ते बाद 25 नवंबर को सत्यमेव जयते 2 आएगी. 26 नवंबर को अंतिम रिलीज होगी. स्वाभाविक है कि सिनेमाघरों में लिमिटेड स्क्रीन्स के लिए मारामारी होना तय है. और तीन फिल्मों के बीच स्क्रीन्स के बंटने का सीधा-सीधा मतलब होता है फिल्मों का बिजनेस बंट जाना, कमजोर पड़ना और कलेक्शन कम होना. कंटेंट कमजोर रहा तो बंटी और बबली 2 को सिनेमाघरों में आगे स्क्रीन्स छोड़ना पड़ेगा. भला कौन एग्जिबिटर घाटा उठाकर भी फिल्मों को स्क्रीन पर टांगे रखने में दिलचस्पी दिखाएगा.
बंटी और बबली 2 में इस बार दो जोड़ियां नजर आने वाली हैं.
तो साफ है कि नवंबर के आख़िरी हफ्ते तक थियेटर हिंदी ऑडियंस के पास चार मजबूत विकल्प रहेंगे. सूर्यवंशी, बंटी और बबली 2, सत्यमेव जयते 2 और अंतिम द फाइनल ट्रुथ. बताने की जरूरत नहीं कि यहां फिल्मों का कंटेंट ही उनका भविष्य तय करने वाला है. बंटी और बबली 2 के भविष्य का पूरा दारोमदार कंटेट पर ही निर्भर करता है. और जब मुकाबले में सामने तीन पावर पैक्ड एक्शन एंटरटेनर, बड़े-बड़े सितारों की फिल्म हो तो चुनौती की मुश्किलों को समझना बहुत आसान है. अक्षय कुमार, जॉन अब्राहम और सलमान खान निश्चित ही सैफ अली खान और रानी मुखर्जी की जोड़ी पर कई मायनों में बीस हैं.
इन सितारों के पास अपनी ऑडियंस है जो उन्हें पागलों की तरह पसंद करती है. सलमान खान के प्रशंसक तो ऐसे हैं कि उन्हें यह भी फर्क नहीं पड़ता कि भाईजान की फिल्म अच्छी है या खराब. सलमान की कई घटिया फ़िल्में भी फर्स्ट डे ओपनिंग के मामले में ना जाने कितनी बार रिकॉर्ड बना चुकी हैं. जॉन अब्राहम भी ख़ास तरह की फिल्मों के जरिए टिकट खिड़की पर अक्षय कुमार जैसा सितारा बनने की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. उनकी फ़िल्में अपने दर्शकों के भरोसे पर खरा भी उतर रही हैं और निर्माताओं की कमाई भी हो रही हैं. इनकी तुलना में बंटी और बबली 2 के पास क्या है? यशराज का बड़ा बैनर, एग्जिबिटर्स का नेटवर्क, सैफ और रानी का चेहरा. सिद्धांत का कंधा अभी अकेले फिल्म ढोने लायक मजबूत तो नहीं दिख रहा.
तो दर्शकों के लिए यशराज की फिल्म देखने की सबसे बड़ी वजह पहले पार्ट की लीगेसी ही है. 16 साल पहले जब बंटी और बबली रिलीज हुई थी तब दर्शकों ने उसे खूब प्यार दिया था. अमिताभ-अभिषेक और रानी मुखर्जी की तिकड़ी ने परदे पर बेहद कमाल जादू दिखाया था. शाद अली के निर्देशन और शंकर एहसान लॉय के म्यूजिक ने इसमें और रंग भर दिए थे. तब बंटी और बबली ने ऐश्वर्या के कजरा-रे आइटम नंबर की वजह से भी खूब दर्शक जुटाए थे. बंटी और बबली 2 में सिर्फ रानी मुखर्जी रिपीट हैं. अकेले रानी दर्शकों को कितना आकर्षित कर पाती हैं और बाकी का तामझाम पहले पार्ट की तरह है भी या नहीं यह देखने वाली बात है.
यशराज की बंटी और बबली 2 के लिए तो बॉक्स ऑफिस किसी आग के दरिया की तरह ही है. दरिया पार जाएंगे कैसे जब बड़े-बड़े सितारों की बड़ी-बड़ी फ़िल्में डुबाने का पूरा इंतजाम किए बैठी हैं.
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