CAT Web series Review: रणदीप हुड्डा के मजबूत कंधों पर टिकी एक बेहतर वेब सीरीज!
CAT Web series Review in Hindi: पंजाब में स्थित ड्रग्स की समस्या पर आधारित वेब सीरीज 'कैट' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस सीरीज के जरिए अभिनेता रणदीप हुड्डा ने अपना ओटीटी डेब्यू किया है. इसमें प्रेम और भाईचारे के बीच राजनीति और अपराध के सांठगांठ को पेश किया गया है.
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पंजाब में ड्रग्स एक अहम सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा है. लगातार कोशिशों के बावजूद पंजाब सरकार इस समस्या पर काबू नहीं कर पाई है. पीजीआईएमईआर की एक किताब 'रोडमैप फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ सब्सटेंस एब्यूज इन पंजाब' में कहा गया है कि 30 लाख से अधिक लोग या लगभग पंजाब की 15.4 फीसदी आबादी इस समय नशीले पदार्थो का सेवन कर रही है. यहां हर साल करीब 7500 करोड़ रुपये का ड्रग्स का कारोबार होने का अनुमान है. नशे की वजह से परिवार और पीढ़ियां बर्बाद हो रही हैं. महिलाएं असमय विधवां हो रही हैं. इस समस्या साल 2016 में एक फिल्म 'उड़ता पंजाब' रिलीज की गई थी, जिसे लेकर काफी चर्चा हुई थी. इस फिल्म की वजह से देश के दूसरे हिस्से में रहने वाले लोग इस समस्या को जड़ से समझ पाए थे. इसी कड़ी में इस मुद्दे पर आधारित एक वेब सीरीज 'कैट' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.
वेब सीरीज 'कैट' के जरिए अभिनेता रणदीप हुड्डा ने ओटीटी डेब्यू किया है. इसमें वो लीड रोल में है. 'साहेब बीवी और गैंगेस्टर', 'हिरोइन', 'हाईवे', 'सरबजीत', 'सुल्तान', 'बागी 2' और 'राधे' जैसी फिल्मों में काम कर चुके रणदीप ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उनको अपना टैलेंट दिखाने के लिए ओटीटी पर जाने की जरूरत नहीं है. हालांकि, ओटीटी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उनको इस प्लेटफॉर्म पर आना ही पड़ा है. लेकिन अपनी फिल्मों की तरह उन्होंने इस सीरीज में भी दमदार अभिनय किया है. यदि ये कहा जाए कि पूरी सीरीज उनके मजबूत कंधों पर टिकी हुई है, तो अतिश्योक्ती नहीं होगी. इसमें उनके अलावा ज्यादातर किरदार या तो नए हैं या फिर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले हैं. ऐसे में अकेले रणदीप हिंदी दर्शकों से कनेक्ट करने का काम कर रहे हैं. अपनी मजबूत अदाकारी से उन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है. उनका ठेठ देसी अंदाज हर किसी को पसंद आता है.
वेब सीरीज 'कैट' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.
बलविंदर सिंह जंजुआ के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज में रणदीप हुड्डा के साथ सुविंदर विक्की, हसलीन कौर, गीता अग्रवाल, काव्या थापर, गुरिंदर कमना, प्रमोद पाठक जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. मूल रूप से पटकथा लेखक रहे बलविंदर सिंह जंजुआ को 'सांड की आंख', 'पौदा' और 'अनफेयर एंड लवली' के लिए जाना जाता है. इस क्राइम थ्रिलर की कहानी और पटकथा में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. इसके साथ ही निर्देशन की बागडोर बहुत मजबूती से पकड़े हुए हैं. यही वजह है कि खालिस्तान आंदोलन और ड्रग्स तस्करी जैसी गंभीर समस्याओं को भी वो सहजता के साथ पर्दे पर पेश कर सके हैं. 80 के दशक में पूरे पंजाब में खालिस्तान आंदोलन जोरों पर था. इस दौरान पंजाब उग्रवाद और आतंकवाद की भेंट चढ़ चुका था. इस सीरीज की कहानी उसी दौर से शुरू हो कर वर्तमान पंजाब की सबसे बड़ी समस्या ड्रग्स तस्करी की पृष्ठभूमि पर स्थापित होती है.
वेब सीरीज 'कैट' की कहानी के केंद्र में रणदीप हुड्डा का किरदार गुरनाम सिंह ऊर्फ गैरी है. 1980 के दौर में खालिस्तान आंदोलन के दौरान आतंकवादी बलजीत राजपुरिया (गुरिंदर मकना) उसके माता-पिता की हत्या कर देता है. इसमें उसका चाचा आतंकवादी की मदद करता है. ये बात पता चलते है गुरनाम चाचा की हत्या करके गांव से भाग जाता है. लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दे देती है. वहां एक पुलिस अफसर सहताब सिंह (सुविंदर विक्की) गुरनाम को पुलिस का जासूस बनने का ऑफर देता है. इस तरह गुरनाम पंजाब पुलिस के लिए कैट बनकर काम करने के लिए तैयार हो जाता है. उसकी मदद से पुलिस अलगाववादियों के कई गुटों का खात्मा कर देती है. अंत में बलजीत राजपुरिया भी मारा जाता है. इसके बाद सहताब सिंह नई पहचान के साथ गुरनाम को एक नए गांव में छोड़ आता है. वहां गुरनाम अपने भाई सनी (दानिश सूद) और बहन के साथ रहने लगता है.
इस घटना के करीब 20 साल गुजर जाते हैं. गुरनाम सिंह मैकेनिक का काम करके अपनी बहन की शादी कर चुका है. अपने भाई को बड़ा अधिकारी बनाना चाहता है. इसके लिए उसे हर रोज पढ़ने के लिए दबाव बनाता है. लेकिन उसका भाई सनी आवारा लड़कों की संगत में पड़कर ड्रग्स पैडलर का काम करने लगता है. एक दिन पुलिस रेड में गिरफ्तार हो जाता है. इसकी सूचना गुरनाम सिंह को मिलती है, तो सीधे थाने भागता है. वहां जाकर अपने भाई की पिटाई करने लगता है. पुलिस से उसे छोड़ने की गुहार लगाता है. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता. तभी गुरनाम को सहताब सिंह दिख जाता है. वो उससे मदद मांगता है. सहताब उसके सामने एक बार फिर कैट बनने की शर्त रखता है, जिसके जरिए वो पंजाब के ड्रग्स नेटवर्क का भांडाफोड़ करना चाहता है. इससे इलाके की ताकतवर नेता मैडम औलख (गीता अग्रवाल) और उनके परिवार के लोग जुड़े होते हैं. औलख सहताब का एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपमान कर देती है, जिसका वो बदला लेना चाहता है. क्या गुरनाम दोबारा कैट बनेगा? उसके भाई का क्या होगा? ये सब जानने के लिए सीरीज देखनी होगी.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि रणदीप हुड्डा इस वेब सीरीज की जान है. वो एक एक अनिच्छुक लेकिन पारिवारिक व्यक्ति के रूप में शो में प्रवेश करते हैं और अंत में, एक कठोर और निष्ठुर शख्स के रूप में सामने आते हैं. उनके किरदार के अनुरूप चरित्र में बदलाव अद्भुत है. इसके साथ ही पंजाबी अभिनेता सुविंदर विक्की ने भी कमाल का काम किया है. वो गुरनाम सिंह के हैंडलर की भूमिका निभाते हैं, जो एक षडयंत्रकारी पुलिस वाला है, जिसके दिल में केवल अपना हित है. उनकी गतिशील भूमिका अभिनेता को गुंजाइश देती है और वह बहुत ही सहजता से महत्वाकांक्षा, ईर्ष्या और सत्ता की लालसा को प्रदर्शित करते हुए एक बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं. पूर्व मिस इंडिया हसलीन कौर ग्लैमर से इतर एक निम्न मध्यवर्गीय पुलिसकर्मी के किरदार में हैं. इस तरह की भूमिका चुनना उनके जैसी पृष्ठभूमि से आने वाले एक कलाकार के लिए साहसिक कार्य होता है. फिल्म के ज्यादातर संवाद पंजाबी में होने के बावजूद हिंदी भाषियों को समझ में आ जाते हैं. कुल मिलाकर, 'कैट' औसत से बेहतर वेब सीरीज कही जा सकती है. इसे रणदीप की शानदार एक्टिंग के लिए देखा जाना चाहिए.
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