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Updated: 09 जुलाई, 2022 11:44 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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हिंदी सिनेमा के महान फिल्मकार गुरु दत्त साहब की 97वीं बर्थ एनिवर्सरी बहुत खास रही है. उम्र के 39वें साल में ही दुनिया को अलविदा कह देने वाले गुरु दत्त ने महज आठ ही फिल्मों का ही निर्देशन किया था, लेकिन इन फिल्मों ने हिंदी सिनेमा की दिशा और दशा दोनों बदल दी थी. इनमें उनकी फिल्म 'प्यासा' को दुनिया की सबसे बेहतरीन फिल्म माना जाता है. इतना ही नहीं 'कागज के फूल', 'चौदहवीं का चांद' और 'साहेब बीवी' और 'गुलाम' को कल्ट सिनेमा की कैटेगरी में रखा जाता है. 'कागज के फूल' उनकी आखिरी फिल्म थी, जिसे 1959 में रिलीज किया गया था. ये फिल्म उस वक्त तो सफल नहीं हुई, लेकिन बाद में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुई. इसी फिल्म के नाम के जरिए मशहूर फिल्म मेकर आर बाल्की ने गुरु दत्त को उनकी जयंती पर अनोखी श्रद्धांजलि दी है. उनकी आने वाली फिल्म 'चुप' का टीजर रिलीज हुआ है, जिसमें गुरु के जन्मदिन और फिल्म का जिक्र है.

650_070922105932.jpgवेब सीरीज 'सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड' में अमृता सुभाष ने बेहतरीन अभिनय किया है.

होप प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म में अभिनेता दुलकर सलमान, सनी देओल और अभिनेत्री पूजा भट्ट, श्रेया धनवंतरी जैसे कलाकार नजर आने वाले हैं. फिल्म की कहानी, पटकथा और संवाद आर बाल्की ने लिखी है, जो कि निर्देशक की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. संगीत अमित त्रिवेदी का है. फिल्म 'चुप' के 37 सेकंड के टीजर में दुलकर सलमान, सनी देओल और श्रेया धनवंत्री के किरदारों की पहली झलक दिखाई गई है. शुरूआत दुलकर सलमान के किरदार से होती है, जो कि अखबार के कतरन से कागज के फूल बनाते हुए दिख रहे हैं. उसके साथ ही हैप्पी बर्थडे सॉन्ग भी गा रहे हैं. इसके बाद वो कागज के फूल से बने गुलदस्तों को श्रेया के किरदार को देते हुए नजर आ रहे हैं. श्रेया गुलदस्ते को देखकर कहती हैं, ''गुरु दत्त के बर्थडे पर कागज के फूल. कागज के फूल को उस वक्त बहुत क्रिटिसाइज किया था ना?'' इस पर सनी देओल की आवाज गूजती है, ''चुप''.

Chup फिल्म का टीजर देखिए...

इसके बाद गुरु दत्त की फिल्म 'कागज के फूल' का आखिरी गाना गूंजने लगता है, ''वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम, तुम रहे न तुम हम रहे न हम.'' इस फिल्म का पूरा नाम 'चुप: द रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' है. इसका स्लग 'रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' (Revenge Of The Artist) है, जिसका मतलब एक कलाकार का बदला हुआ. ऐसे में फिल्म के टीजर के जरिए ये संकेत दिया गया है कि गुरु दत्त के करियर और जीवन के आखिरी दिनों में उनके साथ जो कुछ हुआ था. उसे फिल्म में दर्शाया जाने वाला है. सवाल ये भी उठता है कि क्या फिल्म गुरु दत्त की बायोपिक है? या फिर ये फिल्म उनके जीवन से प्रेरित किसी कहानी पर आधारित है? हालांकि, इन दोनों ही सवालों पर अभी तक मेकर्स की तरफ कुछ भी नहीं गया है, लेकिन ये जरूर कहा जा रहा है कि इस फिल्म के जरिए गुरु दत्त साहब को सिनेमा में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी जाएगी.

फिल्म 'चुप: द रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' की टीम पर नजर डाली जाए तो निर्देशक से लेकर कलाकार तक, सभी जबरदस्त हैं. फिल्म में लीड रोल कर रहे दुलकर सलमान साउथ सिनेमा के सुपरस्टार हैं. उनको मुख्यत: मलयालम सिनेमा में काम के लिए जाना जाता है, लेकिन तमिल, तेलुगू और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने खूब काम किया है. इससे पहले कारवां (2018) और द जोया फैक्टर (2019) जैसी हिंदी फिल्मों में नजर आ चुके हैं. बॉलीवुड एक्टर सनी देओल किसी परिचय के मोहताज नहीं है. हिंदी पट्टी के सिनेप्रेमी उनको बखूबी जानते हैं. वो लंबे समय बाद इस फिल्म के जरिए कमबैक करने जा रहे हैं. हालांकि, वो फिल्म 'गदर 2' की शूटिंग भी कर रहे हैं. अभिनेत्री पूजा भट्ट जिन्होंने बॉम्बे बेगम वेब सीरीज से अपना कमबैक किया था, वो भी लंबे समय बाद किसी फिल्म में नजर आने वाली हैं. श्रेया धनवंतरी को स्कैम 1992 वेब सीरीज से लोकप्रियता हासिल हुई है.

इस फिल्म ने अपने टीजर के जरिए गुरु दत्त की याद ताजा कर दी है. दत्त साहब की प्रोफेशनल जिंदगी जितनी अच्छी रही, पर्सनल उतनी ही ज्यादा खराब रही है. उन्होंने नाम और पैसा खूब कमाया, लेकिन व्यक्तिगत जिंदगी में कभी खुश नहीं रहे. प्यार मिला, परिवार बना, लेकिन कभी संतुष्टि हासिल नहीं कर पाए. हंसता-खेलता परिवार होने के बावजूद उनका आखिरी समय अकेला ही कटा. शायद यही वजह है कि अकेलापन उन्हें मौत तक खींच ले गया. 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक में पैदा हुए गुरु दत्त का असली नाम बसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण रखा गया, लेकिन बाद में उनका नाम गुरुदत्त पादुकोण हो गया. फिल्मों में आने के बाद उन्होंने 'कागज के फूल', 'प्यासा', 'चौधवी का चांद', 'साहिब बीवी और गुलाम' जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. उनकी फिल्मों को कल्ट सिनेमा के लिए जाना जाता है. साल 2010 में गुरु दत्त को टॉप 25 एक्टर्स ऑफ आल टाइम माना गया है.

'चुप: द रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' फिल्म में गुरु दत्त की जिस फिल्म कागज के फूल का जिक्र किया गया है, उसमें उन्होंने लीड रोल किया था. इस फिल्म की कहानी को उनके और वहीदा रहमान की प्रेम कहानी पर आधारित बताया जाता है. फिल्म रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी. इसकी वजह से दत्त साहब को बहुत नुकसान हुआ था. कहा जाता है कि जब गुरु दत्त फिल्म का बनाने जा रहे थे तो कई लोगों ने रोका था कि वह यह फिल्म न बनाएं. लेकिन गुरु दत्त की एक अलग तरह की जिद थी, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ गया, जिसका नतीजा उन्होंने इस फिल्म के साथ ही निर्देशन से संयास ले लिया. हालांकि, बाद में फिल्म को बहुत ज्यादा तवज्जो मिला. साल 1980 के दशक में फिल्म को विश्व सिनेमा के कल्ट क्लासिक के रूप में माना गया. फिल्म का संगीत एस. डी. बर्मन ने दिया था. गीत कैफ़ी आज़मी और शैलेन्द्र द्वारा लिखे गए थे.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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