कॉमेडियन्स जो हीरो भी बने
एक्टिंग का लोहा मनवाने के लिये कॉमेडी का तड़का सभी ने लगाया है, मगर ऐसे कॉमेडियन्स कम हैं जिन्हें हीरो बनने का मौका मिला है और इस लिस्ट में एक नाम है बेहतरीन कॉमेडियन सुनील ग्रोवर का जो विशाल भारद्वाज की अगली फिल्म 'छुरियां' में लीड रोल निभायेंगे.
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कहते हैं हंसाना सबसे मुश्किल काम होता है. शायद यही वजह है बड़े से बड़े हीरो के बावजूद कॉमेडियन्स का अपना खास मक़ाम रहा है, फिर चाहे बात आज के ज़माने की हो या पहले की, और यही वजह है ज्यादातर एक्टर्स ने अपने करियर में कॉमेडी जरूर की, फिर चाहे वो दिलीप कुमार हों, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार या कोई भी खान. एक्टिंग का लोहा मनवाने के लिये कॉमेडी का तड़का सभी ने लगाया है, मगर ऐसे कॉमेडियन्स कम हैं जिन्हें हीरो बनने का मौका मिला है और इस लिस्ट में एक नाम है बेहतरीन कॉमेडियन सुनील ग्रोवर का.
एक बार फिर फिल्म के हीरो बनेंगे सुनील ग्रोवर
हाल ही में मशहूर निर्देशक विशाल भारद्वाज ने अपनी अगली फिल्म 'छुरियां' का ऐलान किया, और इस फिल्म में मशहूर कॉमेडियन सुनील ग्रोवर और विजय राज लीड रोल निभायेंगे. फिल्म की कहानी राजस्थानी बैक्ड्रॉप पर बुनी गई है. विशाल के मुताबिक फिल्म में 6 गाने होंगे, सभी गानों में राजस्थान की मिट्टी की खुशबू होगी.
कपिल शर्मा के शो से बेहद पॉपुलर हो गए सुनील ग्रोवर
सुनील ग्रोवर ने कपिल शर्मा के शो से लोकप्रियता हासिल की, वैसे आमिर खान की 'गजनी' और अक्षय कुमार की फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' आदि फिल्मों में छोटे किरदार निभा चुके हैं. 2017 में सुनील ग्रोवर ने फिल्म 'कॉफी विद D' से फिल्म डेब्यू किया था. लेकिन ये फिल्म इतनी सफल नहीं हो पाई थी. लेकिन विशाल की फिल्म 'छुरियां' उनके करियर के लिये मील का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि एक दो फिल्मों में बतौर हीरो तो कुछ कॉमीडियन्स ही आए हैं, लेकिन बतौर हीरो लंबी पारी बहुत कम लोग ही खेल पाये हैं, उम्मीद है सुनील इस मौके का फायदा उठाएंगे.
2017 में आई फिल्म 'कॉफी विद D' को भी सहाहा गया था
एक नजर उन कॉमेडियन्स पर भी जिन्होंने एक मुकाम हासिल किया-
कपिल शर्मा-
सुनील ग्रोवर से पहले जो नाम ज़ुबां पर आता है, वो है कपिल शर्मा का. कपिल ने अपने नाम से ही शो शुरू किया और उनकी लोकप्रियता जगज़ाहिर है. जबरदस्त सफलता के बाद कपिल बतौर हीरो लॉन्च हुए निर्देशक अब्बास मस्तान की फिल्म 'किस किस को प्यार करूं' से. 2015 में रिलीज इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस सफलता हासिल की.
कपिल शर्मा का दूसरी फिल्म फिरंगी बुरी तरफ फलॉप हुई थी
इसके बाद 2017 में कपिल अपनी दूसरी फिल्म 'फिरंगी' लेकर आये और इस बार वो निर्माता भी थे, लेकिन 'फिरंगी' बुरी तरह से पिटी और कपिल की अपनी लापरवाहियों की वजह से उनका शो भी बंद हो गया. कपिल के टेलेंट की लोग आज भी क़द्र करते हैं लेकिन जो मुक़ाम कपिल ने हासिल किया था चंद महीनों में उसे गंवा दिया. अब हालात देखते हुए शायद ही कोई निर्माता फिल्म में उनके उपर पैसे लगायेगा.
परेश रावल-
कॉमेडी की दुनिया में परेश रावल का खासा नाम है
कॉमेडी में जलवा तो परेश रावल ने भी दिखाया, हालांकि परेश की शुरूआत बतौर खलनायक हुई, लेकिन "हेरा फेरी" में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी के साथ वो बतौर हीरो ही लगे, वो अलग बात है इस फिल्म की जान परेश ही थे. परेश ने बतौर हीरो तो नहीं लेकिन मुख्य कलाकार के तौर कुछ फिल्में की जो चलीं भी "oh my God" के हीरो या मुख्य कलाकार कहें तो परेश रावल थे, स्पेशल रोल में अक्षय कुमार थे. परेश आज भी हिंदी सिनेमा के बेहतरीन एक्टर्स की फ़ेहरिस्त में शामिल हैं.
राजपाल यादव-
राजपाल यादव ने भी फिल्मों में हीरो का रोल किया था
राजपाल यादव ने भी कॉमेडी में गजब की सफलता हासिल की लेकिन बतौर हीरो वो भी बड़ा कारनामा नहीं दिखा पाये, जबकि 2004 में 'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं' में वो हीरो थे और 2005 में 'मैं ,मेरी पत्नी और वो' में राजपाल बतौर हीरो दिखे थे. उनकी ख़्वाहिश थी ग्रेट संजीव कुमार की तरह वो अपने करियर को बनाएं लेकिन वो हो ना सका. आज की तारीख में राजपाल चैक बाउंस के केस में फंसे हुए हैं और बतौर निर्देशक और एक्टर उन्होंने 2012 में एक फिल्म बनाई थी 'अता पता लापता' जिसकी वजह से उन्हें करोड़ों का नुक्सान हुआ, आज राजपाल काम तो कर रहे हैं लेकिन अपना रुतबा खो चुके हैं.
असरानी-
अपने जमाने के जानेमाने कॉमेडियन रह चुके हैं असरानी
बतौर हीरो तो सत्तर और अस्सी के दशक के महान कॉमेडियन असरानी भी लॉन्च हो चुके हैं, 1977 की फिल्म 'चला मुरारी हीरो बनने' फिल्म में असरानी के काम की तारीफ भी हुई थी, लेकिन बतौर हीरो असरानी वो जगह नहीं बना पाए जो उन्होंने बतौर कॉमेडियन बनाई. आज भी असरानी का नाम लेते ही, शोले का मशहूर डायलॉग "हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर" ही याद आता है.
महमूद-
अब बात ऐसे शक्स की जिसका नाम ना लिया जाये तो फिल्म इंडस्ट्री में कॉमेडी को वो दर्जा नहीं मिलता जो आज है, यानी महमूद की. जी हां, महमूद साठ के दशक के ऐसे कलाकार हैं जिनके सामने बड़े से बड़े हीरो काम करने से डरते थे. क्योंकि जिस फिल्म में महमूद हों, सारी लाइमलाइट उन्हें ही मिलती थी. महमूद कॉमेडियन थे लेकिन इसके बावजूद उनके ऊपर गाने भी फ़िल्माये जाते थे. 1965 की फिल्म 'गुमनाम' का वो मशहूर गाना आज भी लोगों को याद है 'हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं'.
महमूद ने ही फिल्मों में कॉमेडी को दर्जा दिलाया
महमूद वाहिद कॉमेडियन हैं जो इमोशनल और संजीदा फिल्मों में भी कामयाब थे, 1974 की इमोशनल सुपर हिट 'कुँवारा बाप' के निर्देशक भी महमूद थे और टाइटिल रोल भी उन्होंने ही निभाया था. सही मायने में महमूद अकेले कॉमेडियन थे जिनकी लोकप्रियता हीरो से भी ज्यादा थी. और वो अकेले ऐसे कॉमिक एकटर थे जो बतौर हीरो और निर्माता निर्देशक के तौर पर सफल भी रहे. अमिताभ बच्चन के बुरे दौर में महमूद ने ही उन्हें बतौर हीरो 1972 की फिल्म Bombay to Goa से दोबारा चान्स दिया और अमिताभ स्ट्रगल के दौर में महमूद के बंगले में दो साल रहे भी थे.
आईएस जौहर-
कॉमेडी जगत का चमकता सितारा थे आईएस जौहर
महमूद की बात अभी यहां खत्म नहीं होती, महमूद के अलावा आइएस जौहर भी जबरदस्त कॉमेडियन थे, बल्कि महमूद और आइएस जौहर मात्र ऐसे कॉमेडियन्स हैं जिनके नाम पर फिल्म का टाइटल रखा जाता था. 1965 की कॉमेडी फिल्म 'जौहर महमूद इन गोवा' 1971 की 'जौहर महमूद इन हांगकांग', 1966 की 'जौहर इन कश्मीर'. 50 के दशक के स्टार कॉमेडियन थे आइएस जौहर और महमूद के साथ उनकी जोड़ी सोने पे सुहागा थी.
महमूद और जौहर ने साथ में बेहतरीन फिल्में दीं
कॉमेडी का बोलबाला हर जमाने में रहा है. पहले के मुक़ाबले आज कॉमेडियन्स फिल्मों से ज्यादा टीवी पर छाए हैं और आज कहानियों का स्टाइल भी बदल रहा है, जहां सिर्फ हंसने के लिए सीन नहीं डाले जाते. देखना दिलचस्प होगा सुनील ग्रोवर अपने फिल्मी करियर में कहां तक जाते हैं.
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