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Updated: 23 नवम्बर, 2022 04:07 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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यूपी और बिहार की पृष्ठभूमि पर बनने वाली ज्यादातर वेब सीरीज वहां के अपराध जगत पर आधारित रही हैं. चाहे आपसी रंजिश में होने वाली खूनी वारदात हो या फिर अपनी धाक और रसूख जमाकर कारोबार, यहां की धरती में अनाज नहीं बंदूकें उगाई जाती रही हैं. यहां बड़ी संख्या में बाहुबली और माफिया डॉन हुए हैं. मुख्तार अंसारी से लेकर मोहम्मद शहाबुद्दीन तक अनेकों ऐसे नाम है, जिनती जरायम की दुनिया में तूती बोलती थी. इनकी कहानियों से ही प्रेरित होकर 'मिर्जापुर', 'रक्तांचल', 'रंगबाज', 'अपहरण' और 'असुर' जैसी वेब सीरीज का निर्माण हुआ है. इनको लोगों ने पसंद भी खूब किया है. इस कड़ी में एक नई वेब सीरीज 'कंट्री माफिया' जी5 पर स्ट्रीम हुई है. शशांक राय के निर्देशन में बनी इस सीरीज में रवि किशन, आयुष्मान पुष्कर, सतीश कौशिक, अनिता राज और सौंदर्या शर्मा लीड रोल में हैं.

वेब सीरीज 'कंट्री माफिया' की कहानी संजय मासूम, मिथिलेश कुमार सिंह, संगम शुक्ला, अब्दुल कादिर और शशांक राय ने लिखी है. इतनी लंबी-चौड़ी लेखन टीम को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेकर्स का कहानी पर कितना ज्यादा फोकस है. शायद यही वजह है कि इसकी कहानी रोचक और रोमांचक बन पड़ी है. वैसे भी किसी भी सिनेमा या सीरीज की जान उसकी कहानी ही होती है. ये बात बॉलीवुड के मेकर्स भूल गए हैं. लेकिन साउथ सिनेमा और ओटीटी की बंपर सफलता ने बता दिया कि कंटेंट ही किंग है. कंटेंट पर ध्यान दिए बिना केवल सितारों के सहारे फिल्म या वेब सीरीज को हिट नहीं कराया जा सकता. यदि कंटेंट में दम है तो अपरचित कलाकार भी रातों-रात सितारा बन सकता है. गुमनामी के अंधेरे में जी रहे पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजेपयी और नवाजुद्दीन इसके प्रमुख उदाहरण हैं.

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Country Mafia Web series की कहानी

'कंट्री माफिया' की कहानी एक भाई-बहन के ईर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए अपने इलाके के सबसे खौफनाक माफिया डॉन से लड़ जाते हैं. अजय (आयुष्मान पुष्कर) और नन्नू (सौंदर्या शर्मा) यूपीएससी की तैयारी कर रहे होते हैं. उनका सपना है कि वो आईपीएस बनकर देश और समाज का सेवा करें. उसके पिता अवैध शराब का कारोबार करते हैं. परिवार हंसी-खुशी जी रहा है. इसी बीच इलाके का माफिया डॉन बब्बन राय (रवि किशन) अजय की पिता की हत्या करवा देता है. उसके घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है, लेकिन उसकी मां ममता (अनिता राज) अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए अपने दोनों बच्चों को उकसाती है. अजय और नन्नू से कहती है कि वो राजपूत के बच्चे हैं. उनको अपने पिता का बदला लेना चाहिए. बब्बन राय का साम्राज्य खत्म कर देना चाहिए.

मां के कहने पर अजय और नन्नू अपने पति के कातिल से बदला लेने के लिए निकल पड़ते हैं. सबसे पहले वो उस शख्स की बर्बर हत्या करते हैं, जिसने उसके पिता को मारा है. घर आते हैं, तो मां कहती है, ''कुत्ते का उमर 12 साल, सियार का उमर 13 साल, राजपूत के बच्चे का उमर 30 साल. अब पीछे का रस्ता बंद हो चुका है बस आगे बढ़ना है. मारते हुए. मिट्टी का तेल बाहर रखा है, खून धो लो.'' इसके बाद दोनों एक लोकल अपराधी से हाथ मिलाते हैं, जो कभी उसके पिता का पार्टनर रह चुका है. तीनों मिलकर अवैध शराब का कारोबार दोबारा शुरू करते हैं, ताकि बब्बन के बिजनेस को नुकसान पहुंचाया जा सके. उनका धंधा निकल पड़ता है. इधर बब्बन उसके खिलाफ जांच कर रहे एक पुलिस अफसर का गला काट देता है. वो महंत (सतिश कौशिक) के संरक्षण में अपने बाहुबल को कायम रखता है. लेकिन अजय और नन्नू उसका जोरदार मुकाबला करते हैं. यहां तक कि बब्बन बौखला जाता है. क्या भाई-बहन अपने पिता की मौत का बदला ले पाते हैं, जानने के लिए वेब सीरीज देखनी होगी.

Country Mafia Web series की समीक्षा

किसी वेब सीरीज की सफलता मुख्य रूप से तीन बातों पर टिकी होती है. कहानी, निर्देशन और अभिनय. इन तीनों कसौटी पर 'कंट्री माफिया' खरी उतरती है. फिल्म की कहानी के बारे में पहले ही बताया जा चुका है. जहां तक निर्देशन की बात है, तो शशांक राय की मेहनत हर जगह नजर आती है. शशांक को भोजपुरी फिल्म 'शेर सिंह' के निर्देशन के लिए जाना जाता है. उनकी भोजपुरी की समझ का असर देखने को मिल रहा है. सीरीज की पृष्ठभूमि यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित है, इसलिए किरदारों के ज्यादातर संवाद भोजपुरी में या उससे मिलते-जुलते रखे गए हैं. सही मायने में भोजपुरी भाषी दर्शकों को रिझाने का ये प्रयास सफल दिख रहा है. इसके अलावा इस सीरीज में कई सीन ऐसे दिखाए गए हैं, जो पहले कभी नहीं देख गए. जैसे कि किसी शख्स का पूरा शरीर मिट्टी दबाकर उसका गला बाहर रखना और उसे कलम कर देना.

इस वेब सीरीज में माफिया बब्बन राय के किरदार में रवि किशन, अजय सिंह के किरदार में आयुष्मान पुष्कर, महंत के किरदार में सतीश कौशिक, मां ममता के किरदार में अनिता राज और नन्नू के किरदार में सौंदर्या शर्मा मौजूद है. अभिनय के लिहाज से देखा जाए तो रवि किशन बाजी मार ले गए हैं. सियासत में जाने के बाद भी सिनेमा में रवि की सक्रीयता देखते बनती है. वो लगातार जिस तरह से अपने क्षेत्र में मौजूद रहते हैं, उसी तरह फिल्मों और सीरीज में भी नजर आते रहते हैं. उनके अभिनय की परिपक्वता का पूरा फायदा इस सीरीज में देखने को मिल रहा है. वो हर तरफ छाए हुए हैं. आयुष्मान पुष्कर से उम्मीद बहुत ज्यादा थी, लेकिन वो उस स्तर पर अभिनय नहीं दिखा पाए हैं. 'जामताड़ा' और 'ग्रहण' जैसी वेब सीरीज में बेहतरीन अदाकारी करने वाले आयुष्मान अच्छे कलाकार हैं, लेकिन यहां मौका भुना नहीं पाए हैं.

वेब सीरीज में महंत के किरदार में सतीश कौशिक मौजूदगी खटकती है. उनका किरदार भी बहुत ज्यादा नहीं है. ऐसे में उनको ही इस रोल में क्यों कास्ट किया गया, ये समझ नहीं आ रहा है. ममता के किरदार में अनिता राज और नन्नू के किरदार में सौंदर्या शर्मा ने ईमानदार कोशिश की है. सौंदर्या 'रक्तांचल' के बाद उसी तरह की दूसरी सीरीज में दूसरी बार नजर आई हैं. लेकिन उनके टैलेंट के मुताबिक अभी तक किरदार नहीं मिल पा रहे हैं. माफिया और डॉन से अलग हटकर कुछ अलग तरह की भूमिकाएं उनको मिलनी चाहिए. यदि ऐसा हुआ तो वो लंबे रेस का घोड़ा साबित हो सकती हैं. कुल मिलाकर, 'कंट्री माफिया' एक उम्दा वेब सीरीज है. 'मिर्जापुर', 'रक्तांचल' और 'रंगबाज' जैसी सीरीज को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए बिंज-वॉचिंग है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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