Cubicles 2 Review in Hindi: वर्क फ्रॉम होम में ऑफिस की याद दिलाएगी TVF की वेब सीरीज
ओटीटी प्लेटफॉर्म SonyLiv पर वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स 2' (Cubicles 2 Web Series) स्ट्रीम हो रही है. यूथ फोकस सीरीज बनाने वाली टीवीएफ यानी द वायरल फीवर (The Viral Fever) की इस वेब सीरीज में ऑफिस जाने वाले लोगों की समस्याओं और संघर्ष को बहुत बारीकी से दिखाया गया है.
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साल 2020 में शुरू हुई कोरोना की पहली लहर से लेकर इस वक्त चल रही तीसरी लहर तक अधिकांश कॉरपोरेट ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम चल रहा है. मैनेजर से लेकर एग्जीक्यूटिव क्लास तक पिछले दो साल से अपने घर में लगे ऑफिस सेट में काम कर रहे हैं. उनकी जिंदगी घर की चारदीवारी के बीच लैपटॉप और मोबाइल के साथ चल रही है. ऐसे लोगों के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनीलिव (SonyLiv) पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स 2' (Cubicles 2 Web Series) किसी सुखद एहसास कम नहीं होगी. द वायरल फीवर की ये वेब सीरीज ऑफिस जाने वाली यंग जेनरेशन को केंद्र में रखकर बनाई गई है, जिसमें उनकी समस्याओं और सहूलियतों को खास अंदाज में पेश किया गया है.
'कोटा फैक्ट्री' से लेकर 'एस्पिरेंट्स' तक जैसे बेहतरीन वेब सीरीज बनाने वाले टीवीएफ यानी द वायरल फीवर की सभी सीरीज यूथ फोकस होती है. प्यार, पढ़ाई, तकरार, करियर, दोस्ती, परेशानी, परिवार जैसी सभी बातें जिसमें आज का युवा रमा हुआ है वो सभी इन वेब सीरीज में दिखाई जाती हैं. इसमें ज्यादतर कॉलेज जाने वाले छात्रों की जिंदगी को केंद्र में रखा गया है. लेकिन टीवीएफ वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स' के जरिए कॉलेज से निकलकर ऑफिस पहुंचा. छात्र जीवन में मजे लेने वाले पात्रों के सामने नौकरी की चुनौतियों और जिंदगी की जहोद्द को रखा गया. दूसरे सीजन में उसी को आगे बढ़ाया गया है और दिखाया गया है कि जीवन संघर्ष किया जाता है.
द वायरल फीवर की वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स 2' ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनीलिव पर स्ट्रीम हो रही है.
Cubicles 2 Web Series की कहानी
वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स 2' की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहले सीजन की खत्म हुई थी. इस कहानी के केंद्र में पीयूष प्रजापति (अभिषेक चौहान) का किरदार है. पीयूष अपने दोस्त गौतम (बद्री चव्हाण) के साथ एक फ्लैट में रहता है. वो एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है. वहां कॉरपोरेट कंपनी की नुरा-कुश्ती से हर दिन दो-चार होता रहता है. इतना ही नहीं अपनी 9 से 5 की नौकरी के बीच समय से काम खत्म करने, इंक्रीमेंट के लिए अप्रेज़ल का वेट करने या फिर नई जॉब खोजने जैसी बातों के बीच उलझा हुआ है. इसके साथ ही पीयूष ऑफिस में अपने दो दोस्तों शेट्टी (निकेतन शर्मा) और गौतम के साथ नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा होता है.
इसी बीच उसके ऑफिस में एक नई लड़की सुनैना (आयुषी गुप्ता) ज्वाइन करती है. पीयूष की टीम लीडर मेघा (निधि बिष्ट) उसे उसके दोस्तों के साथ अपने केबिन में बुलाकर सुनैना से परिचय कराती है. पीयूष को अपने क्लाइंट सुनैना को देने के लिए बोलती है. इससे वो नाराज और निराश हो जाता है. इसी बीच एक प्रजेंटेशन के दौरान सुनैना उसकी खिंचाई भी कर देती है. इन घटनाओं से आहत पीयूष नई जॉब का अप्लीकेशन देता है. वहां से ऑफर भी आ जाता है. लेकिन अपने पुराने दोस्तों को छोड़ने और नई नौकरी में अच्छी सैलरी के पाने की कश्मकश के बीच पीयूष तय नहीं कर पाता है कि वो जाए या रहे. हालांकि, बाद में वो इस्तीफा दे ही देता है.
Cubicles 2 Web Series की समीक्षा
यदि वेब सीरीज 'क्यूबिकल्स' का सीजन 1 पीयूष प्रजापति की पहली नौकरी और उनके क्यूबिकल जीवन के बारे में था, तो सीजन 2 अलग-अलग किरदारों की अलग-अलग कहानियां बताता है. इसमें मेघा अस्थाना (निधि बिष्ट) को वर्क-लाइफ के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते देखा जा सकता है, तो दूसरी ओर शेट्टी (निकेतन शर्मा) को अपना परिवार शुरू करने की जहोद्द करते देखा जा सकता है. पीयूष अपनी प्रोफेशनल लाइफ में व्यस्त और पस्त रहता है, तो उसका दोस्त गौतम अपनी जिंदगी को सलीके से जीने की कोशिश में लगा रहता है. नए सीजन में पटकथा लेखकों अरुणभ कुमार, अमित गोलानी, अविनाश सिंह, विजय वर्मा, सिद्धार्थ तिवारी ने कहानी और उनके किरदारों की विविधता पर ज्यादा काम किया है. हर किरदार अलग-अलग व्यवहार करते हुए भी अंतिम में अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने में सफल रहता है.
इस वेब सीरीज का मुख्य किरदार पीयूष कहता है कि एक कर्मचारी और कंपनी के बीच तीन तरह के रिश्ते होते हैं. हुकअप- जब कोई कर्मचारी इस्तीफा देकर एक महीने की नोटिस सर्व करता है. डीलेड हुकअप- जब मामला 4-6 महीने तक खिंच जाता है. लेकिन जब रिश्ता लंबा चलता है तो शादी जैसा हो जाता है. लेकिन इन सबके बीच पीयूष एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए ललचा रहा है. वो इन हालातों से बाहर निकलना चाहता है. वो अपनी कंपनी में सैलरी इंक्रीमेंट से खुश नहीं है. इसके लिए वो एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में स्विच करना चाहता है. लेकिन वह इस दुविधा में है कि क्या वह ऐसी जगह चुनना चाहता है जहां काम करना सहज है और वहां उसके दोस्त हैं या फिर ऐसी जगह जहां कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अच्छी सैलरी मिलती है. पीयूष के किरदार में अभिषेक चौहान ने बेहतरीन काम किया है. एक लंबे सप्ताहांत की योजना के लिए अपने सहकर्मियों को समझाने में विफल रहने से लेकर एक क्रूर सहकर्मी को उसकी गलती का एहसास कराने तक, उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है.
निर्माता अमित गोलानी ने 'क्यूबिकल्स' के पहले सीजन में हर कॉरपोरेट कर्मचारी के जीवन के सूक्ष्म उदासीन और संबंधित अंशों का उपयोग किया था. दूसरे सीजन में निर्देशक चैतन्य कुंभकोणम ने कॉरपोरेट वर्क कल्चर में असमंजस की स्थिति, कड़वे-मीठे अनुभवों और अच्छे पहलुओं के जटिल रूप को सामने लाने का प्रयास किया है. 30-30 मिनट के पांच एपिसोड वाला 'क्यूबिकल्स सीज़न 2' अपनी सरल लेकिन रोचक कहानी की वजह से विंज वॉच है. इसे एक बैठक में देखा जा सकता है. इसका श्रेय निर्देशक और लेखन टीम को दिया जा सकता है. वेब सीरीज में अभिषेक चौहान, निधि बिष्ट, आयुषी गुप्ता, बद्री चव्हाण, निकेतन शर्मा, शिवंकित सिंह परिहार और खुशबू बैद अहम किरदारों में हैं. सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. बैकग्राउंड स्कोर और टाइटल ट्रैक सहित कार्तिक राव का म्युजिक वेब सीरीज में होने वाली घटनाओं का सार पेश करता है. अश्विन कदंबूर का छायांकन बेहतरीन है. कुल मिलाकर, ये वेब सीरीज आपको पसंद आने वाली है.
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