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Updated: 02 अप्रिल, 2019 10:18 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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अजय देवगन की फिल्म De De Pyaar De का Trailer आ गया है. ये फिल्म लव रंजन ने प्रोड्यूस की है जो प्यार का पंचनामा, सोनू के टीटू की स्वीटी जैसी फिल्में बना चुके हैं. लव रंजन की फिल्मों में प्यार को लेकर एक अलग ही टेक होता है जो बॉलीवुड की पारंपरिक लव स्टोरी से अलग होता है. लव रंजन की फिल्मों में रोमांस वैसे तो कभी पूरा नहीं हो पाता है, लेकिन फिर भी अगर बात होती है प्यार में नएपन की तो ये जरूर दिखता है. फिल्म में तबू, रकुलप्रीत, आलोक नाथ, जावेद जाफरी और जिम्मी शेरगिल भी अहम किरदार में हैं.

अजय देवगन अभिनित 'दे दे प्यार दे' में भी इसी तरह प्यार की नई कहानी है. एक 50 साल के पुरुष और एक 26 साल की लड़की के बीच का प्यार जहां परिवार आड़े आ जाता है. ये अनिल कपूर का लम्हे वाला प्यार नहीं बल्कि नई पीढ़ी का प्यार है जिसमें लड़का और लड़की दोनों ही साथ रहने को तैयार हैं, लड़का खुद को बूढ़ा मानने को तैयार ही नहीं है. लड़के का परिवार जिस तरह से इस रिश्ते को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देता है वो भी अनोखा ही है क्योंकि ये परिवार न तो चीख-चिल्ला कर माहौल खराब करता है, न ही बेफालतू का इमोशनल ड्रामा खड़ा करता है.

ये मॉर्डन इंडिया की मॉर्डन फैमिली है जिसे रिश्ते को बिना इमोशनल ड्रामा के निभाना आता है. साथ ही, माता-पिता और बच्चों के अनोखे रिश्ते भी दिखते हैं जहां एक बेटा अपने पिता से उसकी गर्लफ्रेंड की उम्र पूछता है जो खुद बेटे की उम्र की ही है.

बॉलीवुड में हमेशा ही बड़ी उम्र के इंसान और छोटी उम्र की लड़की को लेकर कुछ नए तरह के एक्सपेरिमेंट हुए हैं. हर ऐसी फिल्म में एक नया रंग देखने को मिला है. कई फिल्मों में ठरक को ही नया पैमाना बना दिया गया है तो कई में एक अजीब सा इश्क दिखाया गया है.

1. निशब्द: ऐसा रिश्ता जो बेहद संगीन जुर्म है

फिल्म निशब्द जब आई थी तो इसे लेकर जितने विवाद हो सकते थे उतने हुए थे. एक टीनएजर लड़की और एक बूढ़े इंसान के प्यार को दिखाया. फिल्म की कॉन्ट्रोवर्सी ठरक से बढ़कर कुछ थी. फिल्म में एक बूढ़े को एक जवान लड़की से प्यार में पड़ते हुए देखा जा सकता है. फिल्म का सीन भी बहुत विवादित था जिसमें विजय (अमिताभ बच्चन) अपनी बेटी की सहेली जिया (जिया खान) की ऐसी तस्वीर खींच लेता है जिसमें जिया अपने अंगों को छू रही है. विजय को उस तस्वीर के कारण प्यार हो जाता है और फिल्म के अंत तक अपना सब कुछ जिया की वजह से खोने के बाद भी विजय कहता है कि उसे आत्महत्या करने का मन करता है, लेकिन वो नहीं करना चाहता क्योंकि वो जिया की यादों के साथ जीना चाहता है.

यहां विजय और जिया का रिश्ता प्यार नहीं बल्कि एक ऐसा आकर्षण है जो उम्र के पड़ाव को नहीं मानता. ये फिल्म एक शादीशुदा और भरे-पूरे परिवार वाले इंसान का एक लड़की के प्रति ऐसा लगाव और उस लगाव का सबसे भयावह रूप जो उस आदमी को अकेला छोड़ देता है ये इस फिल्म में दिखाया गया है.

2. चीनी कम: एक इश्क जो मीठे में चीनी की तरह है

चीनी कम फिल्म में एक ऐसा इंसान दिखाया गया है जो नार्सिसिस्ट है और उसे खुद के आगे कुछ दिखता नहीं है. जब दिखने लगता है तब समझ आता है कि उसकी जिंदगी से मिठास कितनी कम है. ये मिठास अमिताभ बच्चन जो 64 साल के शेफ की भूमिका में हैं उनकी जिंदगी में 34 साल की तबू लेकर आती हैं. अमिताभ बच्चन खुद को तब भी बूढ़ा समझने की कोशिश नहीं करते. एक सीन जिसमें वो केमिस्ट के यहां कंडोम लेने जाते हैं उसमें जब दुकान वाला उन्हें चाचा कहता है, या फिर जब वो अपने ससुर से मिलने जाते हैं और ससुर पूछता है कि आपके पोते का नाम क्या रखा गया है वो बेहद साधारण होते हुए भी असाधारण है और इसलिए ये अनोखी कहानी बुढ़ापे के प्यार को दिखाती है.

3. शौकीन (द शौकीन्स): बढ़ती उम्र की ठरक का पैमाना

एक उम्र के बाद अगर किसी के पास पार्टनर न हो और अगर बुढ़ापे में भी शौख जवां हों तो क्या हाल होता है ये इस फिल्म में दिखाया गया है. शौकीन जो 1982 में बनी थी और द शौकीन्स जो पुरानी वाली का रीमेक थी और 2014 में बनी थी दोनों ही फिल्में तीन ठरकी बुड्ढों की कहानी बताती है जो एक लड़की का थोड़ा सा प्यार और ध्यान पाने के लिए कुछ भी कर गुजरेंगे.

4. लम्हे: जिंदगी के उस पड़ाव पर अधूरी इच्छा को पूरा करना

90 के दशक में आई ये फिल्म अपने समय से बहुत आगे थी. इस फिल्म में अनिल कपूर पहले श्रीदेवी (मां) से प्यार करता है और उसकी मौत के बाद उसी लड़की की बेटी श्रीदेवी (बेटी) से प्यार हो जाता है. मां जो अनिल कपूर की ही उम्र की थी और बेटी जो अनिल कपूर की बेटी की उम्र की है. रिश्ते को अंजाम भी दिया जाता है और समाज इस रिश्ते को कबूल नहीं करता. खुद विरेन और पूजा (अनिल कपूर और छोटी श्रीदेवी) भी इस रिश्ते को पहले झुठलाते हैं, लेकिन बाद में सारे बंधन तोड़कर मिल जाते हैं.

अनिल कपूर लमहे फिल्म में श्रीदेवी के साथ. पहली फोटो में वो मां के साथ हैं और दूसरी में बेटी के साथ.अनिल कपूर लमहे फिल्म में श्रीदेवी के साथ. पहली फोटो में वो मां के साथ हैं और दूसरी में बेटी के साथ.

ये फिल्म अनिल कपूर के प्यार की कहानी है और फिल्म को देखकर कहीं भी ये नहीं लगता कि ये रिश्ता छिछोरा है या समाज के हिसाब से इसे होना ही नहीं चाहिए था.

5. डर्टी पिक्चर: फिल्म इंडस्ट्री में एज गैप पर कटाक्ष

नसीरुद्दीन शाह जो एक मिडिल एज हीरो हैं उनका और एक कम उम्र की साइड एक्ट्रेस विद्या बालन का रिश्ता फिल्म इंडस्ट्री में जोड़ों के बीच की उम्र को दिखाता है. हीरो की शादी हो चुकी है, बच्चे भी हैं और हिरोइन जवान और बिना किसी रिश्ते के हीरो के साथ रह रही है. फिल्म में एक सीन भी है जिसमें नसीरुद्दीन शाह एक फिल्म की शूटिंग करते दिखाए गए हैं जहां वो अपने से छोटी हिरोइन को मां कहते हैं और उसकी गोद में सिर रखते हैं. वहां मौजूद डायरेक्टर और एक्टर भी इस सीन की बात करते हैं और कहते हैं कि हिरोइन अगर तीस पार हुई तो उसके लिए मां का कैरेक्टर ही अच्छा है.

6. इश्किया: 'दिल तो बच्चा है जी' वाला इश्क

इस फिल्म में भी नसीरुद्दीन शाह और विद्या बालन की जोड़ी दिखाई गई है. नसीरुद्दीन शाह जो अपने से काफी छोटी विद्या बालन के प्यार में पड़ जाता है और कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाता है. इस फिल्म का गाना 'दिल तो बच्चा है जी' बिलकुल उसी माहौल को दिखाता है जहां एक बूढ़ा इंसान बच्चों की तरह एक कम उम्र वाली लड़की से प्यार कर बैठता है. गाने के बोल 'उम्र कब की बरस के सफेद हो गई, काली बदरी जवानी की छंटती नहीं.' इसी कश्मकश को दिखाता है जिसमें एक इंसान जिसकी ऐसी उम्र है कि उसके बाल भी पक गए हैं उसे जवानी का अहसास हो रहा है.

7. मनी है तो हनी है: टीवी सीरियल वाला प्यार

गोविंदा जो खुद को स्टड समझते हैं वो एक कम उम्र की टीवी एक्ट्रेस के प्यार में पड़ जाते हैं और उसे पटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं. इस फिल्म में हंसिका मोटवानी और गोविंदा की जोड़ी को लेकर बहुत विवाद हुआ था क्योंकि हंसिका एक टीनएज लड़की थीं और गोविंदा 45+ लेकिन फिर भी ऑन स्क्रीन उनकी जोड़ी दिखाई गई और उम्र के अंतर को भी समझाया गया. गोविंदा किसी भी तरह से झूठी-सच्ची बातें कर हंसिका को पा ही लेते हैं.

8. लकी: स्कूल जाने वाली लड़की से इश्क

सलमान खान और स्नेहा उलाल की फिल्म लकी जो रशिया के युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी है. लकी यानी स्नेहा स्कूल जाती हुई बच्ची हैं और सलमान एक भरे पूरे गबरू जवान जो लकी के प्यार में ऐसे पड़ते हैं कि सब कुछ भूल जाते हैं. वो अपनी गाड़ी और लकी दोनों से बहुत प्यार करते हैं.

9. डर्टी पॉलिटिक्स: 60 साल के बुड्ढे की एक जवान लड़की के लिए लालसा

ओम पुरी जो 60+ हैं और मल्लिका शेहरावत जो 30 साल की हैं एक राजनीतिक खेल में फंस जाते हैं. ओम पुरी को अय्याश नेता का किरदार दिया गया है जो इतने ठरकी हैं कि वो किसी भी लड़की को सिर्फ एक ही नजर से देखते हैं. किस कदर एक बूढ़ा व्यक्ति छिछोरा हो सकता है और किस तरह एक लड़की ठरक का फायदा उठा सकती है ये इस फिल्म में दिखाया गया है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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