Detective Boomrah Review in Hindi: रहस्य और रोमांच से भरपूर एक स्पाई थ्रिलर वेब सीरीज
मशहूर शॉर्ट फिल्म 'चायपत्ती' बना चुके कहानीकार सुधांशु राय की स्पाई थ्रिलर वेब सीरीज 'डिटेक्टिव बुमराह' उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई है. इसमें सुधांशु राय के साथ राघव झिंगरन, शोभित सुजय, अभिषेक सोनपलिया और प्रियंका सरकार अहम रोल में हैं.
-
Total Shares
मशहूर लेखक शरदेन्दु बन्द्योपाध्याय के जासूसी उपन्यास 'ब्योमकेश बक्शी' के बारे में तकरीबन हर कोई जानता है. शरदेन्दुजी ने इस बांग्ला जासूसी संग्रह की रचना अंग्रेजी लेखक आर्थर कोनन डायल द्वारा रचित महान साहित्यिक जासूस 'शरलोक होम्स' से प्रेरणा लेकर की थी. इस उपन्यास पर आधारित एक फिल्म 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' बनी थी, जिसे साल 2015 में रिलीज किया गया था. इसमें दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत लीड रोल में थे. 'ब्योमकेश बक्शी' की उन्हीं कहानियों से प्रेरित होकर कहानीकार सुधांशु राय एक स्पाई थ्रिलर वेब सीरीज 'डिटेक्टिव बुमराह' लेकर हाजिर हुए हैं. इसका पहला एपिसोड 'द मिसिंग मैन' उनके ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो गया है. इसमें सुधांशु राय के साथ राघव झिंगरन, शोभित सुजय, अभिषेक सोनपलिया, प्रियंका सरकार, अहमद आजाद, मनीषा शर्मा और गरिमा राय अहम रोल में हैं. बहुत ही कम संशाधनों में सुधांशु राय द्वारा किया गया ये एक साहसी प्रयास है, जिसकी सराहना होनी चाहिए.
स्पाई थ्रिलर वेब सीरीज 'डिटेक्टिव बुमराह' में कहानीकार सुधांशु राय निर्देशक और अभिनेता दोनों की भूमिका में हैं.
वेब सीरीज 'डिटेक्टिव बुमराह: द मिसिंग मैन' की तकनीकी टीम की बात करें, तो बता दें कि सेंट्स आर्ट्स द्वारा निर्मित पहले एपिसोड की कहानी सुधांशु राय और पुनीत शर्मा ने लिखी है. इन दोनों ही इसका निर्देशन भी किया है. इसके सहनिर्देशक और क्रिएटिव निर्माता अनंत राय हैं. फोटोग्राफी निर्देशन विपिन सिंह का है, जबकि संपादन साहिब अनेजा ने किया है. इसके बैकग्राउंड स्कोर को लेजर एक्स ने डिजाइन किया है, जबकि निखिल पटवर्धन ने एडिशनल म्यूजिक दिया है. ऐसे समय में जब वेब सीरीज के नाम पर आ रहे अधिकांश कंटेंट लोगों को, खासकर युवाओं में ऊब और खीज पैदा करते हैं, 'डिटेक्टिव बुमराह' उन्हें रहस्य और रोमांच से सराबोर करती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि जिस दौर में ओटीटी पर सिनेमा के निर्माण के लिए बॉलीवु़ड के बड़े-बड़े बैनर काम कर रहे हों, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस हॉटस्टार और जी5 जैसे बड़े ओटीटी प्लेयर लगातार ओरिजनल कंटेंट परोस रहे हों, उसमें एक छोटी टीम लेकर सुधांशु एक बेहतरीन कहानी पेश किए हैं.
'डिटेक्टिव बुमराह: द मिसिंग मैन' वेब सीरीज की कहानी दो जासूसों बुमराह (सुधांशु राय) और सैम (राघव झिंगरन) के इर्द-गिर्द घूमती रहती है. दोनों एक दिन साथ बैठकर शतरंज खेल रहे होते हैं. हमेशा की तरह बुमराह अपने दोस्त सैम को हरा देता है. इसके बाद सैम उसको एक कहानी सुनाता है. उसके मुताबिक हवेली में रहने वाला एक शख्स अपनी जान देने के लिए छत से कूदता है, लेकिन हवा में ही गायब हो जाता है. इसकी जासूसी के लिए बुमराह और सैम राजस्थान की रूपम हवेली पहुंच जाते हैं. वहां होटल का स्टाफ और मैनेजर उनको पूरी कहानी सुनाते हैं. उनके मुताबिक, गायब होने वाला शख्स उस हेरिटेज होटल के बंद कमरे में अचानक पाया जाता है. उससे जब पूछताछ की कोशिश की जाती है, तो वो उस हवेली की छत से कूदने के बाद हवा में गायब हो जाता है. जब सभी उसे खोज पाने में असफल हो जाते हैं, तब डिटेक्टिव को बुलाया जाता है. हमेशा की तरह बुमराह अपने दिलचस्प अंदाज में दोस्त सैम के साथ मिलकर इस रहस्य को सुलझाने में जुट जाता है.
देखिए Detective Boomrah वेब सीरीज का पहला एपिसोड...
वेब सीरीज 'डिटेक्टिव बुमराह' के ट्रेलर के लॉन्चिंग के वक्त इसके अभिनेता-निर्देशक सुधांशु राय ने कहा था, "डिटेक्टिव बुमराह एक ऐसा किरदार है जिसे मैंने वर्षों पहले बनाया था और तब से ही मेरे दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया है. अन्य किसी भी आइकॉनिक जासूसी पात्र के विपरीत डिटेक्टिव बुमराह भौगोलिक, आकाशीय या वास्तविक बाधाओं सीमाओं से परे जाता है, और उन चीजों को भी देख पाता है, जो सामान्य सोच के परे है. यही वह एक्स फैक्टर है, जो डिटेक्टिव बुमराह को बाकी समकालीन कैरेक्टर से जुदा करता है. इस तरह का कंटेंट और कांसेप्ट भारतीय दर्शकों ने शायद ही पहले देखा है. हमें पूरा भरोसा है कि डिटेक्टिव बुमराह के किरदार के जरिए हम अपने दर्शकों और प्रशंसकों की रोमांचकारी उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरेंगे." हालांकि, सुधांशु राय इसे सौ फीसदी खरा उतरते नहीं दिख रहे हैं. क्योंकि यदि हम केवल यूट्यूब की बात करें, तो टीवीएफ यानी द वायरल फीवर जैसे चैनल एक से एक शानदार कंटेंट परोस रहे हैं. उसी के दम पर अब ओटीटी पर राज कर रहे हैं.
माना कि सुधांशु राय जैसे मेकर्स के पास संशाधनों का अभाव होता है. उनके पास जरूरी पैसों की कमी होती है. कोई बड़ा फाइनेंसर नहीं होता, लेकिन ये भी सच है कि इंटरनेट पर अब बैनर नहीं कंटेंट बिकता है. यदि आपके कंटेंट और अभिनय में दम है, तो आप रातों-रात सुपरस्टार बन सकते हैं. हालांकि, सुधांशु और उनकी टीम ने पूरी इसकी पूरी कोशिश है. कहानी और अभिनय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, लेकिन तकनीकी स्तर पर मार खा गए हैं. वेब सीरीज को देखकर कई बार ऐसा लगता है कि आज से 20 साल पहले जिस तरह से टीवी सीरियल शूट किए जाते थे, उसी तरह से इसे शूट किया गया है. डबिंग और एडिटिंग भी सधी हुई नहीं है. साउंथ और माउथ लिपसिंग कई बार अलग-अलग दिखाई और सुनाई पड़ती है. कहानी के हिसाब से लोकेशन का चुनाव सही किया गया है. हवेली जितनी भव्य दिखती है, उतनी ही रहस्यमयी भी लगती है. शूटिंग भले ही यूपी के बुलंदशहर में हुई है, लेकिन राजस्थान का लुक साफ नजर आता है. कुल मिलाकर, इसे एक बार देखा जा सकता है.
आपकी राय