Drishyam 2 Film Review: परिवार की खातिर 'साधारण' से इंसान के 'असाधारण' बनने की कहानी
किसी सफल फिल्म का सीक्वल बनाना आसान नहीं, बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण काम माना जाता है. यही वजह है कि फिल्म निर्देशक जीतू जोसफ ने कई सालों तक 'दृश्यम' के सीक्वल बनाने के आइडिया का विरोध किया था. लेकिन 7 साल बाद उनका इंतजार खत्म हुआ.
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'दृश्यम (Drishyam) एक ऐसी फिल्म थी, जो अपने समय से आगे थी. इस रोमांचक थ्रिलर को सभी ने पसंद किया था. दृश्यम 2 के साथ हम जॉर्जकुट्टी और उसके परिवार की कहानी को वहीं से आगे ले जा रहे हैं, जहां से हमने इसे छोड़ा था. मुझे काफी खुशी हो रही है कि इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक की रिलीज अमेजन प्राइम पर हुई है, जिसके साथ मैं भी जुड़ा हुआ हूं.' मलयालम फिल्म 'दृश्यम 2' (Drishyam 2) के बारे में मशहूर एक्टर मोहनलाल (Mohanlal) ने ये बातें कही हैं, जो लीड रोल में हैं. उनके साथ फिल्म में एक्ट्रेस मीना (Meena), अंसीबा हसन (Ansiba Hassan), ईस्थर अनिल (Esther Anil) और मुरली गोपी (Murali Gopi) की भी अहम भूमिका है. फिल्म के निर्देशक जीतू जोसेफ (Jeethu Joseph) हैं.
किसी सफल फिल्म का सीक्वल बनाना आसान नहीं, बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण काम माना जाता है. जब एक सफल ब्रांड को आगे ले जाना होता है, तब पता होता है कि दर्शक पहली फिल्म के पात्रों से परिचित है. वह अपने दिमाग में कुछ खास बात रख कर सीक्वल देखने आता है. सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि सीक्वल के समय पात्रों को सीमित दायरे में ही रखना होता है. पहली फिल्म में जो कैरेक्टर रहा है, उससे अलग नहीं जा सकते. इस दायरे रखकर कुछ नया लिखना काफी कठिन होता है. यही वजह है कि फिल्म के निर्देशक जीतू जोसफ ने कई सालों तक 'दृश्यम' फिल्म के सीक्वल बनाने के आइडिया का विरोध किया था. वह ऐसी स्क्रिप्ट के इंतजार में थे, जो पहली फिल्म के साथ न्याय कर सके. 7 साल बाद उनका इंतजार खत्म हुआ.
मलयालम फिल्म 'दृश्यम 2' के हिन्दी रीमेक का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है.
क्या है 'दृश्यम 2' की कहानी
मलयालम फिल्म दृश्यम के दूसरे सीक्वेल में एक पुलिस अफसर के बेटे वरुण प्रभाकर का मर्डर करके उसकी डेडबॉडी को छुपाने और अपने परिवार को इस क्राइम के लिए पुलिस से बचाने की नायक की चतुराई की पहले दिखाई जा चुकी कहानी का विस्तार है. एक अंधेरी और डरावनी रात के सीन के साथ फिल्म की शुरुआत होती है. इसमें एक शख्स दौड़ता-भागता किसी से बचता हुआ दिखाई देता है. इधर लोकल केबल ऑपरेटर जॉर्जकुट्टी (मोहनलाल) अपनी पत्नी रानी और अंजू-अनु नामक दो बेटियों के साथ जिंदगी जीने की कोशिश कर रहा होता है. दुनिया आगे बढ़ चुकी है. जॉर्जकुट्टी ने कुछ तरक्की की है. एक सिनेमाहॉल खरीद लिया है. इसके साथ ही फिल्म भी बनाना चाहता है. स्क्रिप्ट भी लिख रहा है. परिवार भी ट्रॉमा से बाहर आने की कोशिश में है.
इसी बीच पुलिस करीब 6 साल बाद वरुण प्रभाकर का केस रीओपन कर देती है. पुलिस जांच शुरु हो जाती है. जासूस लगाए जाते हैं. एक महिला और पुरुष पुलिसकर्मी को पति-पत्नी बनाकर जार्जकुट्टी के पड़ोस में शिफ्ट कर दिया जाता है. वे नज़र रखे हुए हैं. उनकी कोशिश है कि एक बार लाश बरामद हो जाए और जॉर्जकुट्टी को दबोच लें. जार्ज की पत्नी एक दिन महिला पुलिसकर्मी को अपना पड़ोसी समझ मर्डर की पूरी कहानी बता देती है. इसके बाद पूरी तैयारी के साथ पुलिस अपना जाल बिछाती है. जार्जकुट्टी को गिरफ्तार कर लिया जाता है. लेकिन पुलिस से खेलने में माहिर हो चुका जॉर्जकुट्टी इस बार अपने तरकश में कौन से तीर रखे हुए है, ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. रोमांच बना रहे, इसलिए हम पत्ते नहीं खोल रहे हैं.
मोहनलाल की दमदार एक्टिंग
अपने आप में अभिनय की पाठशाला कहलाने वाले मोहनलाल मौजूदा भारतीय सिनेमा के मंजे हुए अभिनेता हैं. इस फ़िल्म में कई जगह किरदार की दिमाग़ी उधेड़बुन की अभिव्यक्ति के लिए उन्होंने आंखों से बहुत बढ़िया काम लिया है. उनके चेहरे का भाव परिस्थितियों का बोध कराने में सफल रहा है. उन्होंने एक सहमे हुए आम आदमी के किरदार में जान डाल दी है. सहायक कलाकारों ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किेया है. इस फिल्म को क्लाइमैक्स तक पहुंचाने के लिए जीतू जोसेफ़ ने थोड़ा लंबा और अटपटा सा ताना-बाना बुना है, लेकिन आख़िरी हिस्सा अतार्किक लगते हुए भी फ़िल्म को एक सस्पेंस थ्रिलर वाले दिलचस्प मोड़ तक ले आता है. हालांकि, अन्य फिल्मों के सीक्वल की तरह यह स्टैंड अलोन मूवी नहीं है. पहली फिल्म पर पूरी तरह निर्भर है.
'दृश्यम 2' फिल्म स्टोरी, स्क्रिप्ट, डायलॉग, एक्टिंग, डायरेक्शन और ट्रीटमेंट सहित हर मोर्चे पर खरी उतरती है. फिल्म की राइटिंग और एडिटिंग इतनी सधी हुई है कि इसे देखते हुए कब ढाई घंटे गुजर जाते हैं, इसका अहसास ही नहीं होता. यदि आप मलयालम भाषा जानते हैं या अंग्रेजी सबटाइटल के साथ फिल्म देखने में आपको कोई समस्या नहीं है, तो यह नितांत देखने योग्य फिल्म है. शुरू से अंत तक फिल्म में रोमांच और रहस्य बरकरार रहता है. ऊपर से सिनेमेटोग्राफी इतनी शानदार हुई है कि किरदारों के जानदार अभिनय के बीच चार चांद लगा रही है. इस फिल्म को जरूर देखा जाना चाहिए.
Drishyam 2 Official Trailer (Malayalam)...
2022 में दृश्यम 2 का हिंदी रीमेक
बताते चलें कि अमेजन प्राइम पर दृश्यम 2 के रिलीज होने के बाद इसके हिंदी रीमेक बनने की भी तैयारियां शुरू हो गई है. इसके लिए प्रोड्यूसर कुमार मंगत और अजय देवगन ने राइट्स खरीद लिए हैं. उन्होंने मोटी रकम चुकाई है. फिल्म के दूसरे भाग में पहले वाली कहानी को ही आगे बढ़ाया गया है. हिंदी रीमेक में भी ऐसा ही होने वाला है. बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और तब्बू ने दृश्यम के हिन्दी रीमेक में काम करके दर्शकों का दिल जीत लिया था. इस फिल्म को क्रिटिक के साथ ऑडियन्स ने भी खूब पसंद किया था. मेकर्स फिल्म की शूटिंग साल 2021 के आखिरी में शुरू करेंगे. तब तक अजय देवगन अपने बाकि के प्रोजेक्ट्स को खत्म कर लेंगे. वह फिल्म को अगले साल रिलीज करने का प्लान कर रहे हैं.
Drishyam Official Trailer (Hindi)...
मशहूर फिल्म समीक्षक तरन आदर्श का रिव्यू...
#OneWordReview...#Drishyam2: BRILLIANT.Rating: ⭐️⭐️⭐️⭐️Power-packed sequel... Flawless screenwriting... Super finale... Director #JeethuJoseph deserves brownie points... #Mohanlal is in terrific form, delivers knockout performance... Strongly recommended! #Drishyam2Review pic.twitter.com/6YYlZoRoXC
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 20, 2021
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