Ekta Kapoor: 'सास-बहू' से लेकर 'लव-सेक्स' तक शो बनाने वाली एकता ऐसे बनीं 'TV क्वीन'
टेलीविजन प्रोड्यूसर, फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर एकता कपूर (Indian Television Producer Ekta Kapoor) की सफलता का सफर इतना आसान नहीं था, जितना लोग समझते हैं. एक सुपरस्टार की बेटी होने के बावजूद उन्होंने बहुत संघर्ष किया. अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर ये मुकाम हासिल किया.
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'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, बेटा हमारा ऐसा काम करेगा; मगर यह तो कोई न जाने, की मेरी मंजिल है कहां'...साल 1988 में आई फिल्म 'कमायत से कमायत तक' का ये सॉन्ग हर पिता के दिल की आवाज है. पापा चाहे प्रधानमंत्री हो या कोई सुपरस्टार या फिर गरीब मजदूर, हर किसी की ख्वाहिश यही रहती है कि उनके बच्चे बड़े होकर परिवार का नाम रौशन करें. अपने जमाने के मशहूर अभिनेता जितेंद्र ने भी शायद यही सोचा होगा और हुआ भी वही. उनकी बेटी एकता कपूर ने अपनी लगन और मेहनत से टीवी इंडस्ट्री को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है. उनकी क्रिएटिविटी और कॉनसेप्ट की वजह से ही आज छोटा पर्दा बड़े पर्दे को चुनौती देता है. वरना एक वक्त था, जब सिनेमा के कलाकार टीवी में काम करना नहीं चाहते थे. लेकिन आज बिगबी जैसे कई बड़े कलाकारों की किस्मत छोटे पर्दे ने ही बदली है.
टेलीविजन प्रोड्यूसर, फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर टीवी क्वीन एकता कपूर का जन्म 7 जून 1975 को मुबंई में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जितेंद्र के घर हुआ था. अब जिसका पिता इतना बड़ा सुपरस्टार हो तो उसे किस बात की कमी हो सकती है. ऐसे बच्चों को तो कहा जाता है, 'मुंह में सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं'. पापा का ऐसा प्रभाव था कि बचपन से लेकर जवानी तक सबकुछ शानदार गुजरा. आए दिन पार्टी करना, दोस्तों के साथ घूमने जाना, तो जैसे आम बात थी. जितेंद्र भी अपनी फिल्मी दुनिया में इतने व्यस्त रहते थे कि बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते थे. उम्र बढ़ती गई, लेकिन बच्चों में जिम्मेदारी नहीं आई, तो जितेंद्र ने एक दिन एकता को टोक दिया. उस वक्त एकता 17 साल की थी. लेकिन पिता ने उस दिन जो बात कही, वो उनके दिल में बैठ गई. इसके बाद पूरी जिंदगी बदल गई.
'टीवी क्वीन' एकता कपूर टेलीविजन प्रोड्यूसर, फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं, जिनकी सफलता का सफर प्रेरणादायी है.
बकौल एकता उनके पिता जितेंद्र ने कहा था, 'या तो शादी कर लो या फिर पार्टी करने की बजाय काम करो, जैसा कि मैं चाहता हूं.' उन्होंने यहां तक कहा कि वो पॉकेट मनी के अलावा और कुछ नहीं देंगे. तब पैसा कमाने के लिए एकता ने एक ऐड एजेंसी में काम करना शुरू कर दिया. वहां दो साल तक काम करने के बाद एक दिन जितेंद्र ने लंदन बेस्ड चैनल टीवी एशिया के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाने का मौका दिला दिया. एकता ने अपने दोस्त केतन सोमानिया के साथ पार्टनरशिप में इस काम को करने का फैसला किया. इस बीच चैनल (एशिया टीवी) जी टीवी को बेच दिया गया. एकता तबतक सॉफ्टवेयर बना चुकी थीं. उन्होंने इसे बेचने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई भी इसे खरीदने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद उनकी पार्टनरशिप टूट गई और 2 लाख रुपए का उनका इनवेस्टमेंट भी डूब गया.
एकता कपूर के 'क' अक्षर के प्रेम की सफलता का राज
एकता कपूर ने इसके बाद भी हार नहीं मानी. उन्होंने 'हम पांच' नामक एक शो के लिए पायलट शूट करने का निर्णय लिया. इसे जी-टीवी को बेच दिया. यह शो जब ऑनएयर हुआ, तब वो महज 19 साल की थी. शो हिट हो गया. इस तरह एकता कपूर ने प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रख दिया. उन्होंने प्रोडक्शन शुरू कर दिया. इसी बीच उनके कुछ शो से कमाई हो रही थी, तो कुछ फेल हो रहे थे, लेकिन उन्हें चुनौती लेने में मजा आने लगा था. इसके बाद इसी साल यानि साल 1995 में उन्होंने पड़ोसन, कैप्टन हाउस और मानो या ना मानो जैसे शो बनाए. साल 1999 में उन्होंने एक टीवी शो कन्यादान बनाया, जो बहुत सफल हुआ था. इसके बाद से ही एकता का 'क' प्रेम जागा यानि उन्होंने अपने टीवी सीरियल्स के नाम क से रखने शुरू कर दिए. साल 2000 में कौन, कसम, कश्ती, कविता, कुंडली और कोशिश जैसे सीरियल बनाए.
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' ने बनाया था इतिहास
3 जुलाई 2000 को उन्होंने भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक ऐसे सीरियल का निर्माण किया, जिसने छोटे पर्दे की दुनिया ही बदल दी. इसी साल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की शुरुआत हुई, जो लगातार 20 साल तक चलता रहा. इस सीरियल ने एकता कपूर को छोटे पर्दे की महारानी बना दिया. इसमें काम करने वाले कलाकारों के किरदार हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए. कलाकारों की लोकप्रियता हर घर तक पहुंच गई. तुलसी और मिहीर की कहानी हर किसी को पसंद आई. स्मृति ईरानी, मंदिरा बेदी से लेकर अमर उपाध्याय, रोनित रॉय तक, सभी कलाकारों की पहचान एकता के इसी सीरियल के जरिए हुई थी. इसके बाद उनकी सफलता का जो सफर शुरू हुआ वो आज तक जारी है. इस बीच उन्होंने टीवी सीरियल के बाद फिल्म प्रोडक्शन में भी कदम रखा. ओटीटी के जमाने में वेब सीरीज भी धड़ल्ले से बना रही हैं.
सास-बहू से लेकर लव-सेक्स तक जैसे शो का निर्माण
एकता कपूर की सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनकी मेहनत और लगन को जाता है. इसके साथ ही समय को समझते हुए उसके अनुसार शो या फिल्मों का निर्माण में उनको कभी असफल नहीं होने दिया. जिस वक्त सास-बहू जैसे फैमिली सीरियल की डिमांड थी, उस वक्त उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' बनाया. 'नागिन' जैसे टीवी सीरियल्स का निर्माण करके अलौकिक शक्ति में विश्वास रखने वाले दर्शकों को खुश किया. इसके बाद जमाना बदला और ओटीटी का जब दौर आया, तो उन्होंने बोल्ड कंटेंट देना शुरू कर दिया. कहानी घर घर की, कसौटी जिंदगी की के, कसम से, पवित्र रिश्ता, बड़े अच्छे लगते हैं, ये है मोहब्बतें और जोधा अकबर बनाने वाली एकता कपूर ने लव, सेक्स और धोखा जैसी फिल्मों को भी बनाया. इसके बाद बेकाबू, गंदी बात और XXX जैसी एडल्ट वेब सीरीज बनाकर हर तरफ तहलका मचा दिया.
TV के सर्वोच्च सम्मान 'हॉल ऑफ फेम' से सम्मानित
एकता कपूर ने साल 2017 में ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी को लॉन्च किया था. साल 2020 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. अभी तक वो 100 से ज्यादा टीवी शो और 30 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस कर चुकी हैं. हाल ही में उनको भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार के 20वें एडिशन के पुरस्कारों में 'हॉल ऑफ फेम' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह एक बड़ा सम्मान माना जाता है. एकता कपूर 45 साल की हो चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है. साल 2019 में वह सरोगेसी के जरिए एक बेटे की मां बनी थीं. उनके बेटे का नाम रवि है. उनके भाई तुषार कपूर ने भी शादी नहीं की है. वह भी सरोगेसी के जरिए बेटे लक्ष्य के पिता बने हैं. एकता ने भले ही शादी नहीं की, लेकिन उन्होंने अपने काम से मुहब्बत की और उसे जिया. यही वजह है कि आज वो इस मुकाम पर हैं.
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