बॉलीवुड के बहाने आलिया भट्ट का विरोध करने वालों को ये बातें भी जरूर जान लेनी चाहिए!
दिग्गज फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में अभिनेत्री आलिया भट्ट के दमदार किरदार की तारीफ हर तरफ हो रही है. लेकिन कुछ लोग बॉलीवुड के 'मठाधीशों' के विरोध के बहाने अभिनेत्री के बेहतरीन प्रदर्शन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं.
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फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में एक वेश्या से माफिया क्वीन बनी गंगूबाई का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आलिया भट्ट ने अपने दमदार अभिनय प्रदर्शन से हर किसी को हैरान कर दिया है. आलिया जैसी नाजुक काया और मासूम चेहरे वाली एक अभिनेत्री के लिए इतना सशक्त किरदार निभाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. संजय लीला भंसाली जैसे दिग्गज निर्देशक के कुशल निर्देशन में उनका अभिनय खिलकर सामने आया है. इस किरदार के लिए जरूरी हर नाज-ओ-अंदाज, हिम्मत, ताकत, गुस्सा, साहस, प्यार जैसे हर भाव उनके चेहरे पर साफ नजर आते हैं. आलिया ने अपनी अलहदा अदाकारी से गंगूबाई के किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया है. यही वजह है कि उनके अभिनय की हर तरफ तारीफ हो रही है. लेकिन इसके साथ ही एक वर्ग ऐसा भी है, जो बॉलीवुड से नाराज है. ग्लैमर की दुनिया के स्याह पक्ष से नफरत करता है. वहां मौजूद नेपोटिज्म और कास्टिंग काउच जैसी बीमारियों से घृणा करता है. इसकी वजह से वो आलिया की मेहनत को नजरअंदाज करके उनका विरोध कर रहा है.
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में आलिया भट्ट ने बेहतरीन अभिनय किया है.
माना कि बॉलीवुड में तमाम समस्याएं हैं. हमारे समाज की तरह यहां भी ऐसे लोगों का कब्जा हो चुका है, जो घुन की तरह अंदर ही अंदर उसकी साख को नष्ट कर रहे हैं. वो लोग भाई-भतीजावाद फैला रहे हैं. बॉलीवुड के बाहर से आने वाले प्रतिभाशाली कलाकारों का दमन करते हैं. ऐसे ही लोगों का शिकार सुशांत सिंह राजपूत जैसा टैलेंटेड सितारा भी हुआ. लेकिन इन सबके साथ हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि बॉलीवुड का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. करीब 100 वर्षों के अपने सफर में बॉलीवुड कई अहम पड़ावों से होकर गुजरा है. इसने कई नायाब हीरे भी दिए हैं. लता मंगेशकर, मुकेश और मो. रफी जैसे बेहतरीन गायक, दिलीप कुमार, देवानंद और राजकपूर जैसे दिग्गज अभिनेता यहीं पैदा हुए हैं. सत्यजीत रे, महबूब खान और गुरु दत्त जैसे महान फिल्म मेकर्स भी इसकी देन हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की दशा और दिशा दोनों बदली है. इसी तरह फिल्मी घरानों में भी कई ऐसे सितारे पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपने टैलेंट के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल किया है. जैसे राज कपूर, ऋषि कपूर, रितिक रौशन, संजय दत्त, और अब आलिया भट्ट.
एक ही साल में तीन हिट फिल्में
सभी जानते हैं कि आलिया भट्ट मशहूर फिल्म मेकर महेश भट्ट की बेटी हैं. बतौर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और लेखक महेश भट्ट का हिंदी सिनेमा बहुत बड़ा योगदान माना जाता है. उनकी कई फिल्में जैसे सारांश, नाम, आवारगी, आशिकी, दिल है कि मानता नहीं, सड़क, हम हैं राही प्यार के, जिस्म और मर्डर को लोग आज भी याद रखते हैं. ऐसे में निश्चित तौर पर आलिया भट्ट को लॉन्च होने में महेश भट्ट का नाम जरूर काम आया होगा. बचपन से ही एक्ट्रेस बनने का ख्वाब देखने वाली आलिया ने बतौर बाल कलाकार साल 1999 में फिल्म 'संघर्ष' में अभिनय किया था. इसके बाद साल 2012 में करण जौहर कैंप की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. उनकी पहली फिल्म हिट हुई थी. उसके बाद साल 2014 में उनकी तीन फिल्में हाईवे, 2 स्टेट्स और हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां रिलीज हुईं. तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं. इससे कम से कम यह तो कहा जा सकता है कि बतौर स्टार किड्स लॉन्चिंग तो आसानी से हो सकती है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में बने रहने के लिए टैलेंट और हार्ड वर्क का विकल्प कोई नहीं है.
100 करोड़ क्लब में पांच फिल्म
इस तरह आलिया ने साबित किया है कि वो महेश भट्ट की बेटी होने के बावजूद अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर बॉलीवुड में टिकी हुई हैं. लगातार अपनी फिल्मों के जरिए बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार कर रही हैं. इसकी गवाही उनकी फिल्में ही दे रही हैं. देखा जाए तो एक्ट्रेस ने अभी तक कुल 19 फिल्में की हैं. इनमें 13 फिल्मों में ही वो लीड रोल में नजर आई हैं. इन 13 फिल्मों में 7 फिल्में सुपरहिट/हिट रही हैं, 3 फिल्में औसत सफल रही हैं और 3 फिल्में फ्लॉप हुई हैं. इस तरह से उनकी फिल्मों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर दिखाई देता है. यदि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात की जाए, तो आलिया की पांच फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हुई हैं. इनमें साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म 'गली बॉय' ने 140 करोड़ रुपए, साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'राजी' ने 200 करोड़ रुपए, साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म 'बदरीनाथ की दुल्हनियां' ने 206 करोड़ रुपए, साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म 'डियर जिंदगी' ने 140 करोड़ रुपए, फिल्म 'उड़ता पंजाब' ने 100 करोड़ रुपए, साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म '2 स्टेट्स' ने 175 करोड़ रुपए की कमाई की है. यदि फिल्म के बजट के मुकाबले इन फिल्मों की कमाई का आंकड़ा देखें, तो इनमें से कई फिल्मों ने अपनी लागत से 6-7 गुना अधिक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है.
आने वाली फिल्में भी कम नहीं
आलिया भट्ट को उनकी पीढ़ी की अभिनेत्रियों में से सबसे ज्यादा सफल माना जाता है. उनको अभी तक चार फिल्म फेयर अवॉर्ड मिल चुका है. इसमें फिल्म हाईवे (2014) के लिए बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड क्रिटिक्स और उडता पंजाब (2016), राज़ी (2018) और गली बॉय के लिए फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिल चुका है. इनमें फिल्म राजी और उड़ता पंजाब में उनके बेहतरीन और दमदार अभिनय के लिए हर किसी ने तारीफ की थी. फिल्म समीक्षों ने भी उनके टैलेंट की सराहना की थी. इतना ही नहीं आज के तारीख में आलिया की फिल्मों की सफलता की दर करीब 80 फीसदी है, जो बहुत ही कम कलाकारों के हिस्से आती है. इसके साथ ही उनकी आने वाली कई फिल्में बहुत बड़े बैनर और बजट की हैं. जैसे कि राजामौली की राम चरण और एनटीआर स्टारर फिल्म 'आरआरआर', अयान मुखर्जी की रणबीर कपूर स्टारर 'ब्रह्मास्त्र', करण जौहर की रणवीर सिंह स्टारर फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' फिल्म इसी साल रिलीज होने वाली हैं. इन फिल्मों से बॉलीवुड को बहुत उम्मीदें हैं. इसके साथ ही ये आलिया के अभिनय के एक नए स्तर पर ले जाने वाली हैं.
आखिर में मुद्दे की बात
पूरे देश में जिस तरह की सियासत हो रही है, उसकी वजह से हमारा समाज दो हिस्से में बंट चुका है. या यूं कहें कि लोगों का नजरिया ऐसा बन चुका है कि वो समाज को दो तरह से ही देखते हैं. एक या तो वो मोदी समर्थक होगा या फिर मोदी विरोधी. बुद्ध के इस देश में 'मध्यम मार्ग' की अब कोई अहमियत या जगह नहीं रह गई है. कम से कम सोशल मीडिया पर तो ऐसा ही है. सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद तो सिनेमा प्रेमी भी दो धड़ों में बंट गए लगते हैं. कोई बॉलीवुड और उसकी फिल्मों की तारीफ करेगा, तो दूसरा पक्ष उसे बिका हुआ करार दे देंगे. पैसा लेकर बॉलीवुड और कलाकारों की तारीफ करने वाला कहा जाएगा. लेकिन, विसंगति ये भी है कि इतनी तमाम नफरत होने के बावजूद बॉलीवुड फिल्में हिट हो रही हैं. वे एक्टर्स भी खूब कमाई कर रहे हैं, जिनके माथे पर नेपोटिज्म का तमगा लगा हुआ. यदि बॉलीवुड इतना ही नफरत के काबिल है, तो उसकी फिल्में देखने कौन जा रहा है?
चलते-चलते: आलिया की ही तरह शाहरुख खान भी एक वर्ग के निशाने पर रहते हैं. अब ताजा खबर ये है कि शाहरुख खान की अगली फिल्म पठान का टीजर रिलीज हो गया है. इसमें वे एक राष्ट्रभक्त की भूमिका में हैं. आपको क्या लगता है, क्या ये फिल्म फ्लॉप होगी? क्या शाहरुख की आलोचना करने वाले पठान को बायकॉट करेंगे? या राष्ट्रभक्ति वाले रोल के कारण शाहरुख के प्रति नफरत कुछ कम हो जाएगी?
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