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Updated: 12 फरवरी, 2022 05:58 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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''नया इक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम, बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम; ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी, कोई हंगामा बरपा क्यूं करें हम''...मशहूर शायर जौन एलिया की गजल की ये पंक्तियां रिश्ते की उस गहराई को समझने के लिए काफी हैं, जिस पर फिल्म 'गहराइयां' आधारित लगती है. धर्मा प्रोडक्शंस, वॉयकॉम 18 स्टूडियोज और जोउस्का फिल्म्स के बैनर तले बनी ये फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है. इसमें दीपिका पादुकोण, सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे, धैर्य करवा, नसीरुद्दीन शाह और रजत कपूर जैसे बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार अहम रोल में हैं. शकुन बत्रा के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज की कहानी आयशा देवित्रे, सुमित रॉय और यश सहाय ने लिखी है, जिसमें शकुन का भी अहम योगदान है. लेकिन ये फिल्म रिश्तों की जो परिभाषा गढ़ती है, वो सिर्फ सुपर अपर क्लास में ही देखने को मिलती है. माना कि रिश्तों में घुटकर जीना बुरा है, लेकिन अपनों को धोखा देकर एक नया रिश्ता बनाना कहां गुनाह नहीं हैं?

gehraiyaan-164451485_021222125527.jpgअमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही फिल्म 'गहराइयां' में दीपिका पादुकोण, सिद्धांत चतुर्वेदी और अनन्या पांडे लीड रोल में हैं.

फिल्म 'गहराइयां' के जरिए नए जमाने के ऐसे रिश्तों को धोखे की बजाए जायज ठहराने की कोशिश की गई है, जहां ये माना जाता है कि किसी भी एक रिश्ते में घुटकर रहने से अच्छा है, जो मन को खुशी देने वाले रिश्ते हों उनके साथ जिया जाए. शायद यही वजह है कि कहानी और इसके संवादों के जरिए बार-बार इस पर सवाल भी उठाया गया है. इसमें फिल्म की एक किरदार एलिशा एक जगह कहती है, ''आर वी जस्ट मेस्ड अप पीपल?'' क्या हमारा रिश्ता नाजायज है? इस पर उसकी चचेरी बहन का प्रेमी कहता है, ''हां शायद''. इसके बाद दोनों एक-दूसरे को किस करने लगते हैं. देखा जाए तो फिल्म में रिश्तों की गहराई पर बात करने की तरफ इशारा किया गया है. शायद यही वजह है कि इसका टाइटल 'गहराइयां' रखा गया है. लेकिन रिश्तों की गहराई दिखाने के लिए जो रास्ते अख्तियार किए गए हैं, वो खूब खटकते हैं. यदि हम किसी भी रिश्ते में खुश नहीं है, तो वहां से निकलने के सैकड़ों विकल्प हमारे पास मौजूद हैं. लेकिन उस रिश्ते से दगाबाजी करना सरासर गलत है.

इस फिल्म की कहानी लव ट्राएंगल पर आधारित है. इसमें कजिन सिस्टर्स बनीं दीपिका पादुकोण और अनन्या पांडे की जिंदगी में तब उथल-पुथल मच जाती है, जब इन दोनों को सिद्धांत चतुर्वेदी के किरदार से प्यार हो जाता है. दरअसल, टिया (अनन्या पांडे) और जेन (सिद्धांत चतुर्वेदी) एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में होते हैं. दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और बहुत जल्द शादी करने वाले होते हैं. जेन एक बिल्डर है, जो बहुत पैसे वाला होता है, इसलिए अपनी गर्लफ्रेंड टिया को हर ऐशो-आराम की जिंदगी देता है. वे लग्जरी लाइफ जीते हैं. इधर दीपिका पादुकोण की किरदार एलिशा अपनी जिंदगी से परेशान है. उसका ब्वॉयफ्रेंड करण जिसका किरदार धैर्य करवा ने निभाया है, उसे मीडिल क्लास फैमिली की जिंदगी देता है. दोनों अक्सर आपस में लड़ते रहते हैं. छोटी-छोटी बातों पर बहस करते हैं.

इसी बीच एक दिन टिया और जेन मुंबई में किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में आते हैं. टिया अपनी बहन एलिशा को मिलने के लिए बुलाती है. एलिशा अपने लिव इन पार्टनर करण के साथ टिया के पास जाती है. वहां टिया और जेन की जिंदगी की देखकर दंग रह जाती है. एलिशा से मिलने के बाद जेन उसकी तरफ आकर्षित होने लगता है. धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं. यहां तक कि छुप-छुप कर मिलने भी लगते हैं. दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बनने लगते हैं. जेन बिजनेस का बहाना बनाकर टिया से दूर रहने लगता है. इस पर उसको शक होता है. वो कई बार जेन से पूछती है, लेकिन वो हर बार इन बातों से इंकार कर देता है. लेकिन कहते हैं ना इश्क छुपाए नहीं छुपता. यदि आप किसी के साथ बहुत करीबी संबंध में हैं, तो उसका सच बाहर आ ही जाता है. एलिशा और जेन के सच का खुलासा हो जाता है.

इस खुलासे के बाद क्या होता है? ये जानने के लिए वैसे तो आपको वेब सीरीज देखनी चाहिए. लेकिन यदि आपने नहीं देखी, तो भी अच्छा ही है. क्योंकि एक बोर करने वाली कहानी को किसी कलाकार की मेहनत पर कितना देखा जा सकता है? इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस फिल्म के लिए दीपिका पादुकोण ने बहुत मेहनत की है. उनकी अदाकारी में उनकी मेहनत झलकती है. यहां तक शादीशुदा जिंदगी में होने के बावजूद किरदार की मांग पर उन्होंने ऐसे-ऐसे सीन किए हैं, जो शायद ही कोई पचा पाए. लेकिन एक कलाकार के लिए उसकी कला पूजा होती है. वो उसे सही और गलत के पैमाने पर नहीं देखता है. बस अपनी क्षमता और हिम्मत के अनुसार अपना प्रदर्शन करता जाता है. यही काम दीपिका ने किया है. फिल्म में उनका काम काबिले-तारीफ है. चचेरी बहन के किरदार में अनन्या पांडे ने भी पूरी मेहनत की है.

इसके साथ ही 'गली ब्वॉय' फिल्म फेम एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी ने भी एक ऐसे किरदार को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जिसकी कई परते हैं. एक ऐसा किरदार, जो रिश्‍तों की उधेड़बुन में उलझा हुआ है. लेकिन सिद्धांत से अब आगे जाने की उम्मीद की जाती हैं, क्योंकि ऐसा प्रदर्शन वो अपनी पहले की फिल्मों में कर चुके हैं. रही बात अभिनेता धैर्य करवा की तो, उनको फिल्म में विकी कौशल की जगह मिली है. इसलिए उनसे उम्मीदें ज्यादा थीं, लेकिन वो भी फिल्म ‘83’ के बाद खासा प्रभावित नहीं कर पाते हैं. यदि हम फिल्म की तकनीकी टीम की बात करें तो सबसे अहम फिल्म के छायांकन का काम देखने वाले सिनेमैटोग्राफर कौशल शाह ने अपना काम बेहतरीन किया है. लेकिन इसके बावजूद एटिडिंग टीम ने अपना काम इतना गैर जिम्मेदारी से किया है कि फिल्म बहुत लंबी हो जाती है. कुल मिलाकर, दीपिका पादुकोण की फिल्म 'गहराइयां' अपने समय से बहुत आगे की फिल्म नजर आती है. ऐसी कहानी आम समाज में फिट नहीं दिखती हैं. रिश्तों की गहराई में डूबती हुई दिखती है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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