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Updated: 25 अप्रिल, 2022 12:19 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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बॉलीवुड के लिए कोर्टरूम ड्रामा हमेशा से ही एक सुपर हिट सब्जेक्ट रहा है. इस पर आधारित ज्यादातर फिल्में या वेब सीरीज सफल रही हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसके विषय का आम आदमी से जुड़ा हुआ होना है. अक्सर दो लोगों के बीच जब झगड़ा होता है, तो हमने कहते हुए सुना है, ''मैं तुम्हें कोर्ट में देख लूंगा''. यह वाक्य धमकी भरा जरूर है, लेकिन इसके साथ ही ये न्यायालय और न्याय व्यवस्था के प्रति लोगों के विश्वास को भी प्रकट करती है. जब इंसान हर तरफ से, हर तरह से, मजबूर हो जाता है, तो इंसाफ के लिए कोर्ट की शरण में जाता है. वैसे जल्दी कोई कानूनी पचड़ों में नहीं फंसना चाहता है. आम आदमी के लिए तो कोर्ट की कार्यवाही, वकीलों के दांव-पेंच और जज के बजते हथौड़े किसी बुरे सपने की तरह होते हैं, लेकिन यही अदालत जब रूपहले पर्दे पर लगती है, तो दर्शक रोमांचित हो उठते हैं. उनको ऐसा लगता है कि वो इस पूरी प्रक्रिया में शरीक हैं.

ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'गिल्टी माइंड्स' कोर्ट रूम ड्रामा पर आधारित है. शेफाली भूषण के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज में श्रिया पिलगांवकर, वरुण मित्रा, कुलभूषण खरबंदा, सुगंधा गर्ग, नम्रता शेठ, सतीश कौशिक, शक्ति कपूर, बेंजामिन गिलानी और गिरीश कुलकर्णी जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. इस सीरीज में 50-50 मिनट के 10 एपिसोड हैं, जो विषय की गंभीरता को देखते हुए ठीक माने जा सकते हैं, लेकिन कहानी और कलाकारों के अभिनय पर ज्यादा निर्भर करते हैं. इस वेब सीरीज के हर एपिसोड में दो लॉ फर्म खन्ना एंड एसोसिएट्स और फॉर द पीपुल एसोसिएट्स बने रहते हैं, लेकिन केस एपिसोड-दर-एपिसोड बदलता रहता है, जो कहानी में विविधता लाने में सफल रहता है. जैसे कि कास्टिंग काउच, वीडियो गेम एडिक्शन, टेस्टट्यूब बेबी फ्रॉड और डेटिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी की समस्याएं इसमें लीगल एंगल से उठाई गई हैं.

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Guilty Minds Web series की कहानी

वेब सीरीज 'गिल्टी माइंड्स' की कहानी दिल्ली की दो लॉ फर्म खन्ना एंड एसोसिएट्स और फॉर द पीपुल एसोसिएट्स के इर्द-गिर्द घूमती रहती है. इसमें खन्ना एसोसिएट्स एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म हैं. इसके हेड एल एन खन्ना (कुलभूषण खरबंदा) हैं. उनके चार जूनियर होते हैं, लेकिन वो दीपक राणा (वरुण मित्रा) के जरिए अपने फर्म का काम कराते हैं. दीपक तेज-तर्रार है. वो अपने हुनर के जरिए कई बड़े केस डील करता है. उसके कोर्ट में अपनी प्रतिभा की बदौलत जीतता भी है. इससे खन्ना का विश्वास उसके ऊपर जमता जाता है.

खन्ना का फर्म 15 साल से रेप केस डील नहीं करता, लेकिन दीपक की सलाह पर एक हाईप्रोफाइल रेप केस अपने हाथ में लेता है. इस केस में एक डायरेक्टर पर अपनी एक्ट्रेस का रेप करने का आरोप लगा है. डायरेक्टर खन्ना फर्म को अपना केस लड़ने के लिए कहता है. दूसरी तरफ एक्ट्रेस का केस फॉर द पीपुल एसोसिएट्स को कशफ कैज यानी श्रिया पिलगांवकर और उसकी पार्टनर वंदना यानी सुगंधा डील करती हैं. इस रेप केस में कशफ और दीपक एक-दूसरे के खिलाफ कोर्ट में खड़े होते हैं. आगे क्या होता है, जानने के लिए वेब सीरीज देखनी होगी.

Guilty Minds Web series की समीक्षा

फिल्मों और वेब सीरीज के ज्यादातर कोर्ट रूम ड्रामा में दो पक्षों के वकीलों के बीच होने वाली बहस पर फोकस किया जाता है. उनके द्वारा दिए जाने वाले तर्क दर्शकों को प्रभावित करते हैं. लेकिन वेब सीरीज 'गिल्टी माइंड्स' इस बहस से अधिक वकील का किरदार निभा रहे लीड कलाकारों की निजी जिंदगी पर भी प्रकाश डालती है. यही बात इसे अन्य वेब सीरीज से अलग करती है. सबसे बड़ी बात वेब सीरीज की निर्देशक शेफाली भूषण खुद एक लॉ फैमिली से संबंध रखती हैं.

ऐसे में उन्होंने अपनी समझ को बहुत बारीकी से वेब सीरीज में दिखाने की कोशिश की है. कोर्ट रूम के साथ किसी जज या वकील के घर का माहौल कैसा होता है, इसे उन्होंने बहुत रियलस्टिक तरीके से पेश किया है. हर एपिसोड में एक नया कथानक वेब सीरीज को दिलचस्प बनाता है. शेफाली भूषण और उनकी लेखन टीम केंद्रीय पात्रों के जीवन में चल रही घटनाओं के साथ संतुलित करने की कोशिश करती है. वे एक हद तक इसमें सफल होते हैं, लेकिन इसकी वजह से सीरीज की गति धीमी हो जाती है. हालांकि, इसका स्क्रीनप्ले इसका सबसे मजबूत पक्ष है, जो सीरीज को रोचका प्रदान करता है.

इस वेब सीरीज में दो केंद्रीय पात्र हैं, दीपक राणा और कशफ कैज. दीपक राणा लॉ फर्म खन्ना एंड एसोसिएट्स से जुड़ा है, जिसका किरदार वरुण मित्रा ने निभाया है. वहीं, कशफ कैज अपनी कॉलेज की दोस्त वंदना के साथ लॉ फर्म फॉर द पीपुल एसोसिएट्स चलाती है. उसके पिता मुनव्वर कैज सुप्रीम कोर्ट में जज हैं. कशफ की सोच आदर्शवादी है. इस किरदार को श्रिया पिलगांवकर ने निभाया है. वरुण मित्रा और श्रिया पिलगांवकर ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है. उन्हें देखकर लगता ही नहीं कि वो वकील होने का अभिनय कर रहे हैं. किसी भी कलाकार के लिए ये साधुवाद है कि वो अपने किरदार में उतर जाए.

इन दोनों कलाकारों के अलावा कुलभूषण खरबंदा, सुगंधा गर्ग, नम्रता शेठ, सतीश कौशिक, शक्ति कपूर ने अपने-अपने किरदार में बेहतरीन काम किया है. तकनीकी टीम का सहयोग भी सकारात्मक है. कुल मिलाकार, 'गिल्टी माइंड्स' एक अच्छी वेब सीरीज है. इस संडे अपने परिवार के साथ बैठकर आप इस सीरीज को देख सकते हैं.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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