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Updated: 29 नवम्बर, 2018 11:28 AM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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एक फ्रेम में कैद वो तस्वीरें बड़ी प्यारी लगती हैं जिसमें पूरा परिवार मुस्कुराता दिखाई देता है. जाहिर है एक हैप्पी फैमिली से बेहतर और कुछ नहीं होता. बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रौशन ने इंस्टाग्राम पर अपनी हैप्पी फैमिली की एक तस्वीर शेयर की है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है. तस्वीर के माध्यम से ऋतिक ने ये बताने की कोशिश की है कि तलाक के बावजूद भी उनकी एक्स वाइफ सुजैन उनकी सबसे खास दोस्त हैं और तलाक के बावजूद भी उनका परिवार बिखरा नहीं है.

hrithik roshan, suzzane khanइंस्टाग्राम पर शेयर की है ये तस्वीर

इस तस्वीर में ऋतिक ने कैप्शन में लिखा है कि- ये है सुजैन, मेरी सबसे करीबी दोस्त (मेरी पूर्व पत्नी भी), जो मेरे और हमारे बच्चों के साथ एक खूबसूरत पल को कैद कर रही है. ये खुद ही एक पल है. ये पल हमारे बच्चों के लिए कहानी की तरह है कि एक दुनिया में विचारों से अलग होने के बावजूद भी एकसाथ होना संभव है. अलग-अलग होने के नाते आपकी पसंद भले ही अलग हो लेकिन फिर भी आप अविभाजित रह सकते हैं.

ऐसा पहली बार नहीं है जब ऋतिक या उनकी एक्स वाइफ सुजैन ने अपने दोनों बेटों रियान और ऋदान के साथ कोई तस्वीर शेयर की हो. बल्कि ये दोनों हमेशा से ही अपने बच्चों की तस्वीरें शेयर करके ये बताने की कोशिश करते रहते हैं कि वो आदर्श माता-पिता हैं और तलाक हो जाने के बावजूद भी को-पेरेंटिंग कर रहे हैं.

hrithik roshan, suzzane khanदोनों समय समय पर बच्चों के साथ वक्त बिताते हैं

हो सकता है कि ये खुशनुमा तस्वीरें लोगों को प्रेरित करती हों कि पेरेंटिंग ऐसी होनी चाहिए. हो सकता है कई पेरेंट्स इन तस्वीरों को देखकर अपनी फैमिली के साथ ऐसे ही वेकेशन का प्लान बना लें, लेकिन एक पेरेंट होने के नाते मुझे ये तस्वीरें हमेशा झूठी लगती हैं. इन बच्चों की मुस्कुराहटों में एक खालीपन नजर आता है. मुझे हमेशा लगता है कि ऋतिक और सुजैन अपने बच्चों के साथ-साथ दुनिया को ये साबित करने में जुटे हुए हैं कि तलाक से घर नहीं टूटते और इससे बच्चों की परवरिश पर कोई फर्क नहीं पड़ता.

ज्यदातर तलाक के मामलों में बच्चे दोनों पेरेंट में से किसी एक के पास रहते हैं. बच्चे छोटे होते हैं तो कस्टडी मां को मिलती है. इसलिए परवरिश ज्यादातर माएं ही करती हैं. जबकि एक बच्चे के लिए माता-पिता दोनों का होना बहुत जरूरी होता है. 14 साथ संग बिताने के बाद 2014 में जब ऋतिक और सुजैन ने तलाक लिया तो रेहान और ऋदान 7 और 5 साल के थे. इतनी छोटी उम्र में जब बच्चों को पेरेंट्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तब उन्होंने बच्चों के मन को एक बहुत बड़ा घाव दिया था, और अब वो उसी घाव पर मरहम लगा रहे हैं. हां अच्छी बात है कि सुजैन इंडिपेंडेंट हैं और अपने दम पर बच्चों को पाल सकती हैं. लेकिन जब बच्चों को पापा की जरूरत होती है तो वो तुरंत पापा को बच्चों के सामने पेश नहीं कर सकतीं. और न ही खुद पापा बन सकती हैं. बच्चे अपनी मां से ही नहीं अपने पिता से भी सीखते हैं. वो कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता.

hrithik roshan, kidsबच्चे अपने पिता के साथ अच्छा वक्त बिता रहे हैं, लेकिन मां साथ नहीं है

अपनी पर्सनल लाइफ को इम्पॉर्टेंस देना जरूरी है, हर इंसान को देना भी चाहिए, लेकिन ये तब अच्छा होता है जब आप पेरेंट नहीं होते. तलाक लेना दो लोगों की सुविधा हो सकती है, आजादी हो सकती है, निजी जीवन का फैसला हो सकता है, स्वार्थ हो सकता है, लेकिन जो भी हो बच्चों के लिए तो कभी सही नहीं हो सकता. और ये तस्वीरें शेयर करके वो न तो सिर्फ खुद को धोखे में रख रहे हैं बल्कि पूरी दुनिया को भी ये मैसेज दे रहे हैं कि पति या पत्नी में अगर डिफरेंसेज़ हो तो तलाक लिया जा सकता है.

देखने वालों को ये तस्वीरें बहुत सुखद लगती हैं, लेकिन इसके पीछे सिर्फ कड़वाहट होती है. ये न तो प्रेरणादायक हो सकती हैं और न ही हैप्पी फैमिली को परिभाषित करती हैं. हां, वो उनकी जिंदगी का एक खूबसूरत लम्हा जरूर हो सकती हैं, जिसे वो साल में एक या दो बार बच्चों के जन्मदिन या किसी त्योहार पर साथ होकर पा लेते हैं. लेकिन इन खूबसूरत लम्हों का वजन बहुत हल्का पड़ता है, जब एक तरफ हम एक ऐसे परिवार को साथ देखते हैं जो सच में साथ होता है. तलाक से दो लोग आजाद तो हो जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे वो बच्चों के मन और जीवन में एक कड़वाहट घोलते जाते हैं जो न सिर्फ बच्चों के विकास को प्रभावित करती है बल्कि उनके पूरे व्यक्तित्व को बदलकर रख देती है.

hrithik roshan, suzzane khanये दोनों अच्छे दोस्त तो हो सकते हैं लेकिन क्या अच्छे पेरेंट्स हो सकते हैं?

ऋतिक और सुजैन दुनिया की नजरों में भले ही करीबी दोस्त बनकर रहें, लेकिन अपने बच्चों की नजरों में एक आदर्श माता-पिता कभी नहीं रह पाएंगे. हां वो सिर्फ माता और सिर्फ पिता जरूर हो सकते हैं. अलग रहकर जो ज्यादती वो अपने बच्चों के साथ कर रहे हैं उसका अहसास उन्हें आज नहीं कल होगा. खुशनुमा तस्वीरों के इस प्रदर्शन को सिर्फ गिल्ट कहा जा सकता है, हैप्पी फैमिली नहीं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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