Hum Do Hamare Baarah: जनसंख्या विस्फोट पर बनी फिल्म पर इतना बवाल क्यों मचा है?
अन्नू कपूर की आने वाली फिल्म 'हम दो हमारे बारह' पर बवाल हो रहा है. इस फिल्म का पहला पोस्टर फिल्म मेकर कमल चंद्रा ने जैसे ही सोशल मीडिया पर शेयर किया, कुछ लोगों ने इसे इस्लामोफोबिया से ग्रसित बता दिया. उनका कहना है कि जानबूझकर इस फिल्म के जरिए मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया जा रहा है. आइए पूरा माजरा समझते हैं.
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जनसंख्या नियंत्रक कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से जवाब मांगा है. धर्मगुरु देवकी नंदन ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जनसंख्या नियंत्रण के लिए क़ानून बनाने की मांग की है. जनसंख्या विस्फोट संबंधित इन चर्चाओं के बीच इसी मुद्दे पर आधारित एक फिल्म 'हम दो हमारे बारह' का ऐलान किया गया है. फिल्म के निर्देशक कमल चंद्रा ने इसका पहला पोस्टर जैसे ही सोशल मीडिया पर शेयर किया, कुछ लोग भड़क उठे. उनका कहना है कि फिल्म इस्लामोफोबिया से ग्रसित नजर आ रही है. इसके जरिए जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. पोस्टर को देखकर ऐसा लगता है कि केवल मुस्लिम ही हिंदुस्तान में बढ़ती हुई आबादी के लिए जिम्मेदार हैं.
फिल्म 'हम दो हमारे बारह' पोस्टर पर एक लाइन लिखी हुई है, ''जल्दी ही चीन को पीछे छोड़ देंगे''. इसके साथ ही अभिनेता अन्नू कपूर अपने किरदार में 14 अन्य लोगों के साथ नजर आ रहे हैं. पोस्टर में दिख रहे लोगों और फिल्म के विषय के आधार पर कहा जा सकता है कि सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं. इसमें 10 महिलाएं और 5 पुरुष हैं. फिल्म को रवि गुप्ता, बीरेंद्र भगत और संजय नागपाल ने प्रोड्यूस किया है. कमल चंद्रा इसके निर्देशक हैं. कमल ने इससे पहले अखियां दा घर (2021), मार्कशीट (2019) और रांझणा (2019) जैसी फिल्में बनाई हैं. इसके साथ ही कुछ म्युजिक वीडियो भी निर्देशित किए हैं. ऐसे में वो 'हम दो हमारे बारह' के साथ वो कितना न्याय कर पाएंगे, ये वक्त बताएगा.
अन्नू कपूर की फिल्म 'हम दो हमारे बारह' का निर्देशन कमल चंद्रा कर रहे हैं.
इस फिल्म के विषय पर सबसे पहले पत्रकार राणा अय्यूब ने सवाल उठाया है. उन्होंने सेंसर बोर्ड और फिल्म के प्रोड्यूसर्स की मंशा पर सवाल करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "सेंसर बोर्ड इस तरह की फिल्म की अनुमति कैसे दे सकता है जो मुसलमानों को जनसंख्या विस्फोट के कारण के रूप में दिखाती है और कम्यूनिटी पर हमला करती है. यह लोगों के बीच नफरत और इस्लामोफोबिया फैला रहे हैं, क्योंकि इस तरह की फिल्म में वो एक मुस्लिम परिवार की छवि का उपयोग करते हैं.'' उनकी पोस्ट पर मिनी नैय्यर लिखती हैं, ''बॉलीवुड मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार जारी रखने की कुटिल चाल का अहम हिस्सा है. आपको फिल्म देखनी है तो साउथ सिनेमा की ओर रुख करें, खासकर मलयालम सिनेमा देखें.''
'हम दो हमारे बारह' के डायरेक्टर कमल चंद्रा ने इन सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि उनकी फिल्म का पोस्टर विवादित नहीं है. इसे जानबूझकर विवादित बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि सही नीयत और नजरिए से देखने पर लोगों की उनके फिल्म का उद्देश्य समझ में आ जाएगा. चंद्रा ने ईटाइम्स से बातचीत में कहा, ''हम आपको आश्वासन देना चाहते हैं कि हम इस फिल्म के जरिए किसी समुदाय विशेष को टारगेट नहीं कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि जब लोग मौजूदा वक्त के सबसे अहम मुद्दे पर बनी इस फिल्म को देखेंगे तो उन्हें बहुत खुशी होगी. यह फिल्म बढ़ती जनसंख्या के मुद्दे पर है. हम इसे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना बना रहे हैं. फिल्म में किसी की तरफदारी नहीं की गई
कमल चंद्रा कहते हैं, ''जब भी मुझे कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिलती है तो मैं बहुत एक्साइटेड हो जाता हूं. मैं उस फिल्म को बनाने की प्लानिंग करता हूं. कोई भी क्रिएटिव आदमी ऐसी प्रासंगिक फिल्म बनाने को लेकर एक्साइटेड होगा. आज एक समुदाय विशेष के लोग यह सोच रहे हैं कि हमारी फिल्म के जरिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है. यदि हम किसी दूसरे समुदाय को दिखाते हुए फिल्म बनाते तो तब भी यही बात कही जाती. मुझे ऐसा लगता है कि हमारे विचार और भावों को जाहिर करने के लिए सिनेमा सबसे बेहतरीन माध्यम है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वो इसका मुद्दा न बनाएं. जनसंख्या विस्फोट गंभीर मामला है. लंबे समय से हमारे देश को खा रहा है. जब तक हम इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचेंगे तब तक हमारा देश उस हिसाब से उन्नति नहीं कर पाएगा, जिस तरह हम चाहते हैं. मैं सभी से अपील करता हूं कि पोस्टर और फिल्म को सही नजरिए से देखें.''
Here is the first look poster of upcoming socially relevant film 'Hum Do Hamare Baarah'. The film touches upon the hot topic of population explosion in our country. It has been produced by Ravi Gupta, Birendra Bhagat and Sanjay Nagpal and directed by Kamal Chandra. pic.twitter.com/xKuoVhE02J
— ANNU KAPOOR (@annukapoor_) August 5, 2022
मेरा भी मानना है कि किसी फिल्म का आंकलन उसके पोस्टर के जरिए नहीं होना चाहिए. जबतक आप फिल्म नहीं देख लेते या फिर उसका ट्रेलर लॉन्च नहीं हो जाता, तब तक कोई भी प्रतिक्रिया त्वरित और अप्रासंगिक मानी जानी चाहिए. सोशल मीडिया पर इनदिनों खुद को विक्टिम दिखाने का नया चलन चल पड़ा है. हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी चीज से आहत नजर आता है. खासकर के फिल्मों के मामले में लोग ज्यादा कट्टर नजर आ रहे हैं. किसी को फिल्म के नाम से आपत्ति होती है, तो किसी को कहानी से, कई लोग तो पहले ही अनुमान लगा लेते हैं कि किसी फिल्म में उनके जाति या समुदाय का अपमान किया गया है. ऐसे विचारों को प्रोत्साहन देने की बजाए हतोत्साहित किए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही फिल्म जगत को भी सोचना होगा कि बिना किसी तरह के विवाद खड़े किए हुए अपने कंटेंट के दम पर बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल करने की कोशिश करनी होगी.
How does the censor board allow a film like this that depicts Muslims as the reason for population explosion and extends the relentless attack on the community. The brazen hate and Islamophobia when they use the image of a Muslim family and call it ‘Hum do Hamare Barah’. pic.twitter.com/UFsRqGgF89
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 6, 2022
वरना विवाद तो आजकल फैशन बन गया है. किसी भी फिल्म को प्रमोट करने का सबसे सस्ता जरिया बन गया है. इस फिल्म के पोस्टर लॉन्चिंग इवेंट पर शामिल हुए अन्नू कपूर का एक बयान भी सुर्खियों में है. लोग उनके इस बयान को लेकर ट्रोल भी कर रहे हैं. दरअसल, उनसे फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, ''वो क्या है? मुझे पता ही नहीं है''. इसके बाद जब किसी ने उनसे कहा कि दूसरी फिल्मों पर कोई कमेंट नहीं. इस पर अन्नू तपाक से बोले, ''नहीं कमेंट वाली बात नहीं है. मैं फिल्में ही नहीं देखता हूं. न आपकी न पराई. बात खत्म मुझे तो पता भी नहीं है कि कौन है ये? मुझे सचमुच नहीं पता है कि कौन है ये, तो मैं क्या बता पाऊंगा. मुझे कोई आइडिया नहीं है.''
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