कार्तिक आर्यन की फ्रेडी जैसा थ्रिलर रोमांच चाहिए तो बॉलीवुड की ये 3 फ़िल्में जरूर देख लें!
थ्रिल का जादू अलग होता है. भारतीय सिनेमा में थ्रिलर फ़िल्में बनाने का कम ट्रेंड दिखता है लेकिन जब भी दमदार कहानियां आई हैं दर्शकों ने उन्हें जमकर देखा है. आइए तीन फिल्मों के बारे में जानते हैं जिन्हें देखना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है.
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अजय देवगन-अक्षय खन्ना की दृश्यम 2 और कार्तिक आर्यन की फ्रेडी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर सस्पेंस और थ्रिल के कॉकटेल में एक अच्छी कहानी नैरेट कर दी जाए तो वह खुद ब खुद अपने दर्शक तलाश लेती हैं. थ्रिलर का रोमांच दर्शकों को पसंद आता है. कुर्सी-सोफे में धंसकर ऐसी फ़िल्में देखी जाती हैं और वाहवाही भी मिलती है. सोशल मीडिया पर दृश्यम 2 और फ्रेडी की वाहवाही देखी जा सकती है. दोनों फिल्मों को देखने वाला लगभग हर दर्शक कॉन्टेंट की तारीफ़ कर रहा है. जिन्होंने यह फिल्म देख ली है, उनके लिए और भी देखने लायक फ़िल्में हैं. हालांकि थ्रिलर ऐसा सब्जेक्ट है जिसमें कुछ साल पहले तक भारतीय सिनेमा के मेकर्स पैसे निवेश नहीं करना चाहते थे. लेकीन जब भी फ़िल्में आई हैं हिट हुई हैं. अब थ्रिलर फिल्मों की मेकिंग का सिलसिला बढ़ गया है.
आई चौक ऐसी ही तीन फिल्मों के बारे में बता रहा है जो अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं और इनमें थ्रिल और सस्पेंस का जबरदस्त डोज भी है. गारंटी है फ़िल्में देखकर कोई भी दर्शक लाजवाब हो जाएगा.
तुम्बाड़, अंधाधुन और इत्तेफाक.
#1. इत्तेफाक
अक्षय खन्ना, सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म साल 2017 में आई थी. असल में यह 48 साल पुरानी बॉलीवुड की ही ब्लॉकबस्टर फिल्म की रीमेक थी. रीमेक का निर्देशन अभय चोपड़ा ने किया था. फिल्म की कहानी के केंद्र में दो हत्याएं और उसके आसपास की मिस्ट्री है. हत्याओं का शक दो लोगों पर है. लेकिन दोनों की कहानियां अलग-अलग है. एक पुलिस अफसर इन दोनों के बीच का सच सामने लाना चाहता है. पूरी फिल्म बांधकर रखती है और आखिर में जब हत्या का सच खुलता है दर्शक हैरान रह जाते हैं. क्लाइमैक्स से पहले तक उन्होंने जो कुछ भी सोचा हुआ था वह ध्वस्त हो जाता है.
इत्तेफाक मध्यम बजट की फिल्म थी. यह सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. मगर इसने अपने कॉन्टेंट के बूते दर्शकों को आकर्षित किया. अक्षय खन्ना और सिद्धार्थ के काम की खूब सराहना हुई थी.
#2. अंधाधुन
आयुष्मान खुराना, तबू और राधिका आप्टे स्टारर फिल्म साल 2018 में आई थी. फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया था. रिलीज से पहले फिल्म की बहुत हाइप नहीं थी, मगर जब यह सिनेमाघरों में आई हर तरह के दर्शकों का प्यार मिला. असल में फिल्म की कहानी के केंद्र में एक नेत्रहीन म्यूजिशियन है जिसका किरदार आयुष्मान खुराना ने निभाया है. राधिका आप्टे की वजह से एक पब में उन्हें पियानों प्लेयर की जॉब मिलती है. दोनों एक-दूसरे के करीब होते नजर आते हैं. कहानी में तबू का भी गहरा कनेक्शन है जो एक अमीर आदमी की पत्नी और टीवी की स्ट्रगलिंग एक्टर हैं.
तबू एक ऐसा जाल बुनती हैं जिसके बाद हत्या, मानव तस्करी और अपराध की कहानियां जबरदस्त ट्विस्ट और टर्न्स के साथ नजर आती हैं. एक मिनट भी आप फिल्म को छोड़ना पसंद नहीं करते. आखिर में क्लाइमैक्स भी ऐसा है जो किसी भी दर्शक के दिमाग को उलझाकर रख देता है. फिल्म हर लिहाज से बेहतरीन है.
#3. तुम्बाड़
सोहम शाह की मुख्य भूमिका से सजी यह फिल्म साल 2018 में आई थी. कायदे से देखा जाए तो यह हॉरर/फंतासी फिल्म है. मगर हॉरर/फंतासी के जरिए फिल्म में जो थ्रिल दिखता है उससे लाजवाब और कुछ नहीं हो सकता. असल में फिल्म की कहानी महाराष्ट्र के एक गांव तुम्बाड की है. यहां एक युवक अपनी मां और भाई के साथ रहता है. बाड़े में एक छिपे खजाने की बात आम है. युवक और उसकी मां को खजाने की तलाश है लेकिन कुछ ऐसा होता है कि वे गांव से पुणे चले जाते हैं.
युवक खजाने के चक्कर में बार बार तुम्बाड लौटता है. उसकी शादी और बच्चे भी हो जाते हैं. क्या वह खजाना पाता है और खजाना पाने के बाद कहानी में क्या क्या होता है- इसे दिखाया गया है. फिल्म का निर्दशन अनिल भरवे ने किया है. तुम्बाड़ को मात्र 5 करोड़ के बजट में बनाया गया था. लेकिन फिल्म ने देश दुनिया के दर्शकों को लाजवाब कर दिया था.
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