Jagjit Singh की 5 फिल्मी गजलें, जो दिलों की सदाबहार आवाज बन गई
गजल गायक जगजीत सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनकी गजलें ही उनकी पहचान हैं. जो आज भी दुनियाभर में गूंजती रहती हैं. उनके गजलों का रेंज तो और भी गजब का है. इश्क होने से लेकर तन्हाई में जाने तक, हर आशिक को उनकी गजलों से सहारा मिलता है.
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गजल और जगजीत सिंह, दोनों को एक-दूसरे का पर्याय कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. 70 के दशक में जिस वक्त मेहदी हसन, नूर जहां और बेगम अख्तर जैसे गजल गायकों का 'जलजला' था, उस वक्त में भी अपनी मखमली आवाज से जगजीत सिंह ने लोगों को अपना दीवाना बना लिया. उनकी आवाज में ऐसा दर्द है, जो दिल के जरिए लोगों के रूह में उतर जाती है. उनकी आवाज में ऐसी मिठास है, जो लोगों के जिगर में इश्क का तूफान खड़ा कर देती है. उनकी आवाज में वो साथ है, जो जिंदगी का सूनापन भर देती है. आज इस गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्मदिन है, जिनका नाम सुनते ही उनकी गजलें जेहन में उतर जाती हैं.
गजल सम्राट जगजीत सिंह ने कई भाषाओं में शानदार गजलें गाई हैं.
दिल को छू लेने वाली गजलों को अपनी दर्दभरी आवाज से और भी खूबसूरत बनाने वाले गजल गायक जगजीत सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनकी गजलें ही उनकी पहचान हैं. जो आज भी दुनियाभर में गूंजती रहती हैं. उनकी गजलों का रेंज तो और भी गजब का है. इश्क होने से लेकर तन्हाई में जाने तक, हर आशिक को उनकी गजलों से ही सहारा मिलता है. चाहे लंबी दूरी की बात हो या सर्द अंधेरी रात हो, जगजीत सिंह अपने गजलों के जरिए हमारे साथ होते हैं. उनके परलोक सिधारे 9 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन आज भी ऐसा लगता है कि हमारी उनसे हर रोज मुलाकात होती है. बात होती है. जेहन में उमड़ती जज्बात होती है.
गजल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh) ने कई भाषाओं में शानदार गजलें (ghazal) गाई हैं. उन्होंने कई फिल्मों के लिए भी गजलें गाकर उन्हें गुलजार किया है. उस म्यूजिक कंपोजर, म्यूजिशियन और सिंगर की आवाज में एक ऐसा जादू था जिसने हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया. जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था. उनके बचपन का नाम जगमोहन था, लेकिन बाद में पिता ने एक सिख गुरु की सलाह पर उनका नाम जगजीत सिंह रख दिया. इनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे. घर में चार बहनों और एक भाई के साथ बड़े हुए जगजीत को बचपन से ही गाने का शौक था.
साल 2011 में अपने जीवन के 70 बसंत पूरे करने वाले जगजीत सिंह ने इसी साल 70 कॉन्टर्स साइन किए थे. यूके, सिंगापुर और मोरिशस में कॉन्सर्ट करने के बाद मुंबई में गुलाम अली के साथ परफॉर्म करने वाले थे, लेकिन ये सपना पूरा होता, इससे पहले ही उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया. मुंबई के लीलीवती अस्पताल में दो हफ्तों तक कोमा में रहने के बाद गजल किंग ने 10 अक्टूबर, 2011 को उन्होंने दम तोड़ दिया. जगजीत सिंह का निधन म्यूजिक इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों के लिए एक बड़ा सदमा था. उनकी इस कमी को आजतक कोई पूरा नहीं कर पाया है. गजल के उस्ताद जगजीत हमारे जेहन में हमेशा जिंदा रहेंगे.
संगीत सम्राट जगजीत सिंह के 5 सदाबहार गजल...
1. तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो (Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho lyrics)
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो, आंखों में नमी, हंसी लबों पर, क्या हाल है क्या दिखा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो...
साल 1983 में एक फिल्म आई थी अर्थ. इसमें इस गजल को जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने गाया था. इसे लिखा था कैफी आजमी साहब ने. इस गजल को फिल्म में सबाना आजमी और राज किरन के उपर फिल्माया गया था. मुस्कुराहट के पीछे छुपे गम की गहराई तक जाने वाले इस गजल के बोल, लोगों के दिल तक पहुंच गए.
2. तुमको देखा तो ये ख्याल आया (Tumko Dekha Toh Yeh Khayal Aaya lyrics)
तुमको देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना छाया, आज फिर दिल ने इक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया
साल 1982 में आई फिल्म साथ-साथ में इस गाने को जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने गाया था. इस गजल को फारुख शेख और दिप्ती नवल पर फिल्माया गया था. इस गजल को जावेद अख्तर ने लिखा था. प्यार के अफसाने भरे इस गजल को जवान से लेकर बूढ़ा तक हर कोई सुनना पसंद करता है.
3. वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी (Woh kagaz ki kashti lyrics)
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन, वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी
फिल्म 'आज' में फिल्माया गया ये गजल भी जगजीत सिंह ने चित्रा सिंह के साथ गाया था. गजलकार थे सुदर्शन फकीर. यह गजल आज भी उसी ताजगी के साथ गाया जाता है, जैसा पहली बार फिल्म में.
4. चिट्ठी ना कोई सन्देश (Chithi Na Koi Sandesh lyrics)
चिट्ठी ना कोई सन्देश, जाने वो कौन सा देश, जहां तुम चले गए, इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो...
इस गजल को जगजीत सिंह और उत्तम सिंह ने गाया है. साल 1998 में आई फिल्म दुश्मन में इस गजल को दिखाया गया था. इसे लिखा है आनंद बक्षी ने और संगीत दिया है उत्तम सिंह ने. अपने प्रेयसी से दूर प्रेमी जब उसकी याद तड़प उठता है, तो उसके मुंह से इस गजल के बोल फूट पड़ते हैं.
5. होंठों से छू लो तुम (Hothon Se chhu Lo Tum Lyrics in Hindi)
होंठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो, बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो, होंठों से छू लो तुम
जगजीत सिंह ने इस गजल को फिल्म प्रेमगीत के लिए गाया था. इस लिखा था इन्दीवर ने और संगीत खुद जगजीत साहब ने ही दिया था. यह गजल भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय है.
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