जेम्स कैमरून और स्टीवन स्पीलबर्ग की तारीफ के बाद राजामौली अब 'ग्लोबल ब्रांड' हैं!
पहले गोल्डन ग्लोब, और अब क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड में जिस तरह RRR का डंका बज रहा है कई बातें साफ़ हो गयी हैं. अब वो वक़्त आ गया है जब देश में बॉलीवुड बनाम साउथ सिनेमा जैसी बातें बंद हो जानी चाहिए. जेम्स कैमरन और स्टीवन स्पीलबर्ग जैसों ने अपनी तारीफ से बता दिया कि राजामौली अब सिनेमा का 'ग्लोबल ब्रांड' हैं.
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साल 2022 तक एक से एक घटिया और बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरने वाली फिल्मों के बाद उम्मीद यही थी कि नए साल में बॉलीवुड के निर्माता निर्देशक पुरानी गलतियों से सबक लेंगे औरकुछ ऐसा करेंगे जिससे सिने जगत पर एक बार फिर बॉलीवुड का परचम लहराएगा लेकिन साल 2023 में अब तक जो भी फिल्में हिंदी पट्टी से रिलीज हुई हैं स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है. अब उम्मीद सिर्फ साउथ से है और ये उम्मीद तब और बढ़ जाती है जब हम एक तेलुगू फ़िल्म RRR को वर्ल्ड सिनेमा पर भारत का प्रतिनिधित्व करते देखते हैं. चाहे वो गोल्डन ग्लोब हो या फिर क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड जिस तरह राजामौली की फ़िल्म को हाथों हाथ लिया जा रहा है कहा जा सकता है कि अब बॉलीवुड बनाम साउथ सिनेमा जैसी बातें बंद हो जानी चाहिए. बाहुबली के निर्देशक राजामौली ने RRR के जरिये बता दिया है कि भारत में फिल्म बनाने का नया पैमाना क्या है. अब करण जौहरों का खिलंदड़पना नहीं चलने वाला. देश के किसी कोने या किसी तबके के बीच फिल्म का चल जाना अब कोई मायने नहीं रखता.
RRR के जरिये राजामौली ने साबित कर दिया कि सही मायनों में भारतीय सिनेमा है क्या
वहीं जिस तरह एस एस राजामौली के नेतृत्व में आरआरआर सफलता के नए मानक स्थापित कर रहा है और जिस तरह हॉलीवुड के दिग्गजों जेम्स कैमरून और स्टीफन स्पिलबर्ग ने आर आर आर की शान में कसीदे पढ़े हैं बिल्कुल साफ हो गया है कि राजामौली सिर्फ साउथ तक सीमित न होकर अब एक 'ग्लोबल ब्रांड' के रूप में स्थापित हो गए हैं.
AvataRRR moment ❤️? #JamesCameron #SSRajamouli pic.twitter.com/Vqupe6fRPG
— RRR Movie (@RRRMovie) January 16, 2023
वाक़ई ये देखकर हैरत होती है कि वो बॉलीवुड जो आज से 2 - 3 दशक पहले तक एक के बाद एक एंटरटेनिंग फिल्में दे रहा था आज गर्त के अंधेरों में चला गया है. आज न तो बॉलीवुड के पास अच्छी कहानियां हैं और न ही प्लॉट. खानों और कुमारों को लेकर फिल्में बनाई जा रही हैं और सिर्फ और सिर्फ दर्शकों का समय और पैसा बर्बाद किया जा रहा है.
आप ख़ुद बताइए क्या क्राइटेरिया बचा है आज हिंदी पट्टी के निर्माता निर्देशकों के पास फ़िल्म को हिट कराने का? क्यों कि बॉलीवुड में नया कुछ हो नहीं रहा इसलिए बॉलीवुड और यहां के प्रोड्यूसर डायरेक्टर्स को सिर्फ विवादों का सहारा है. वहीं जब हम दक्षिण के सिनेमा का रुख करते हैं और आरआरआर जैसी फिल्मों को देखते हैं तो वहां निर्माता निर्देशक सीन दर सीन पूरा होम वर्क कर रहे हैं. फ़िल्म में क्या डाला जा रहा है? गानों को किस तरह का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है सब दर्शकों को उनकी पसंद को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.
जिक्र एस एस राजामौली का हुआ है तो चाहे वो मगधीरा और ईगा हों या बाहुबली और आरआरआर राजामौली ने बतौर निर्देशक अपनी दूरदर्शिता से इस बात पर मोहर लगाई है कि क्रिएटिविटी विवादों को जन्म देने में नहीं बल्कि कन्टेंट में काम करने, उसे एंटरटेनिंग और एंगेजिंग बनाने में है.
अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जौहरों ने, चोपड़ाओं ने, भंसालियों ने ऐसा माहौल तैयार किया था कि साउथ और वहां का सिनेमा हास्य का पर्याय या फंतासी घोषित कर दिया गया था. लेकिन आज जिस तरह इसी साउथ के सिनेमा की बदौलत या ये कहें कि राजामौली की बदौलत जिस तरह हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कहीं न कहीं इस बात की भी पुष्टि हो जाती है कि प्रोपोगेंडा लाख हो लेकिन एक दिन सच सामने आ ही जाता है. और तब उस अवस्था में उसे देखना कितना सुखद होता है? ये कितना फ्रेश होता है चाहे वो गोल्डन ग्लोब हो या क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड हम कहीं का भी रुख कर सकते हैं.
आर आर आर किस तरह की फ़िल्म में कैसे इस फ़िल्म ने सफलता के नए मानक स्थापित किये उस तारीफ से समझ सकते हैं जो इस फ़िल्म के लिए अवतार के निर्देशक जेम्स कैमरून ने की है. कह सकते हैं कि जैसी तारीफ हुई है कैमरून राजामौली के दीवाने हो गए हैं.
A glimpse into the conversation between @JimCameron and @SSRajamouli???#RRRMovie pic.twitter.com/fKVi38FXtz
— RRR Movie (@RRRMovie) January 16, 2023
जेम्स, राजामौली के काम से कितना प्रभावित हैं? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड सेरेमनी के बाद न केवल उन्होंने 10 मिनट तक राजामौली के साथ आरआरआर को लेकर चर्चा की बल्कि अपनी पत्नी को भी प्रोत्साहित किया कि वो आरआरआर को देखें.
जेम्स और राजामौली की मुलाकात का जो वीडियो वायरल हुआ है उसे देखें तो मिलता है कि जेम्स न केवल राजामौली से अपनी अनुभव साझा कर रहे हैं. बल्कि उन्हें ये भी ज्ञान दे रहे हैं कि क्वालिटी सिनेमा के लिए क्या क्या चीजें एक फिल्म को ऐतिहासिक बनाती हैं.
जेम्स की तरह ही स्टीवन स्पीलबर्ग भी आरआरआर से प्रभावित दिखे. गोल्डन ग्लोब अवार्ड के बाद स्पीलबर्ग ये कहते पाए गए कि उन्हें फिल्म का गाना नाटू-नाटू बहुत पसंद आया है.
I just met GOD!!! ❤️?❤️?❤️? pic.twitter.com/NYsNgbS8Fw
— rajamouli ss (@ssrajamouli) January 14, 2023
And I couldn’t believe it when he said he liked Naatu Naatu ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️?? pic.twitter.com/BhZux7rlUK
— mmkeeravaani (@mmkeeravaani) January 14, 2023
क्रिटक्स चॉइस अवार्ड सेरेमनी के बाद राजामौली की स्पीच भी जम कर वायरल हो रही है. फिल्म के लिए उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी सभी महिलाओं का धन्यावाद किया है. स्पीच में राजामौली ने अपनी कम पढ़ी लिखी मां का जिक्र किया जिन्होंने उन्हें रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए कॉमिक्स पढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा उन्होंने अपनी भाभी और पत्नी का भी जिक्र किया और उन्हें धन्यवाद कहा. स्पीच का सबसे जरूरी हिस्सा वो रहा जब मेरा भारत महान कहते हुए राजामौली ने विदेशी धरती पर जय हिंद का उद्घोष किया.
RRR won the BEST FOREIGN LANGUAGE FILM award at the #CritcsChoiceawards ?????? Here’s @ssrajamouli acceptance speech!! MERA BHARATH MAHAAN ?? #RRRMovie pic.twitter.com/dzTEkAaKeD
— RRR Movie (@RRRMovie) January 16, 2023
राजामौली की इस स्पीच ने ही उनके बारे में बहुत कुछ बता दिया है. खुद सोचिये यहीं पर अगर कोई बॉलीवुड का निर्देशक होता तो उसका अंदाज क्या रहता. और साथ ही वो अपनी सफलता को किस किस से और कितना बांटता.
बहरहाल हम फिर इस बात को कहेंगे कि राजामौली ही भारतीय सिनेमा हैं. और बतौर दर्शक हमें अपने को उनसे और उनके सिनेमा से जोड़ते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है.
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