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Updated: 29 अक्टूबर, 2016 02:40 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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जो लोग कमाल राशिद खान यानि केआरके को नहीं जानते उन्हें बता दें कि खुद को किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं समझने वाले ये शख्स अपने आपको एक बड़ा फिल्म क्रिटिक मानते हैं. कोई समय ऐसा नहीं जाता जब ये किसी कंट्रेवर्सी से न जुड़े हों, या इनके चर्चे खबरों में न हों. ट्विटर पर किसी को भी कुछ भी कहना, कंट्रोवर्शियल ट्वीट्स करना, किसी भी सेलिब्रिटी से पंगे लेना, अभिनेत्रियों का मजाक उड़ाना इनके शौक हैं. ये यूट्यूब पर फिल्मों को रिव्यू भी देते हैं.

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सिर्फ बकवास करने में माहिर हैं केआरके

पिछले दिनों इनपर आरोप भी लगा था कि इन्होंने फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' का अच्छा रिव्यू देने के लिए 25 लाख रुपए लिए. अजय देवगन ने इसका सुबूत भी ट्विटर पर डाला था. और तभी से अजय देवगन से खुन्नस खाए केआरके का एकसूत्रीय काम था, अजय और उनकी फिल्म 'शिवाय' के खिलाफ जमकर लिखना.

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जब दुबई में शिवाय की स्क्रीनिंग की गई तो इसी खुन्नस के चलते फिल्म देखने के बाद केआरके ने कुछ सीन्स अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर कर दिए, लेकिन बाद में उन्हें डिलीट कर दिया. पर तब तक देर हो चुकी थी और वो सीन्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. फिल्म को ऑनलाइन लीक करने के आरोप में अब रिलायंस एंटरटेनमेंट की ओर से कमाल आर खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. तब से केआरके बौखला गए हैं और ट्विटर पर अजय देवगन और 'शिवाय' के खिलाफ जमकर ट्वीट कर रहे हैं.

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 'शिवाय' के खिलाफ जमकर लिक रहे हैं केआरके

शिवाय को बॉलीवुड की सबसे बड़ी डिज़ास्टर और 'अजय देवगन की हिम्मतवाला2' कहा. उन्होंने कहा कि 'अजय की परेशानी ये है कि वो खान्स की तरह बडे सितारे बनना चाहते हैं, जबकि उन्हें जॉन एब्राहम से प्रतिस्पर्था करने में ही खुश रहना चाहिए. अजय को ये समझ लेना चाहिए कि वो केवल एक अभिनेता हैं और खान्स स्टार्स हैं.'

लेकिन हद तो तब पार हुई जब वो मजहब को बीच में लाए. उन्होंने कहा कि 'अजय देवगन काले मन के सबसे खतरनाक इंसान हैं, जो अपने मजहब का इस्तेमाल करके खुद को एक बड़ा स्टार बनाना चाहते हैं.'

अब इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करके केआरके इस मामल को मजहबी रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. शायद ये सब कहते हुए वो ये भूल गए कि शाहरुख खान की फिल्म 'माय नेम इस खान' में न सिर्फ टाइटल में खान था बल्कि शाहरुख ने भी एक मुस्लिम किरदार ही निभाया था. और पूरी फिल्म में वो यह बोलते भी रहे कि 'माय नेम इज खान एंड आई एम नॉट ए टैररिस्ट'. इस फिल्म की तो कहानी ही पूरी कौम पर लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास थी. जबकि 'शिवाय' में केवल टाइटल ही धर्म से जुड़ा है, पूरी फिल्म में इससे संबंधित कुछ भी नहीं है, फिर इस तरह बे-सिर-पैर की बातें करके केआरके खुद को वही साबित कर रहे हैं जो असल में लोग उन्हें समझते हैं.

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'शिवाय' और 'ऐ दिल है मुश्किल' दोनों फिल्में रिलीज हो चुकी हैं और इन दोनों फिल्मों के रिव्यू देकर केआरके ने अजय देवगन के आरोपों को सही साबित किया है. हर फिल्म क्रिटिक के हिसाब से 'ऐ दिल है मुश्किल' ने निराश किया, लेकिन केआके के हिसाब से ये फिल्म सुपरहिट है.

सुनिए क्या कहना है केआरके का फिल्म 'शिवाय' के बारे में

केआरके जैसे लोग सिर्फ कंट्रोवर्सी क्रिएट कर सकते हैं, खबरों में बने रहने के लिए अनाप शनाप बोल सकते हैं, लेकिन वो कभी नहीं बन सकते जो वो असल में खुद को समझते हैं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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