कंगना बनाम हृतिक: जंग दो आशिकों की नहीं, हीरो और शीरो की है
कंगना रनोट ने अपने किसी पूर्व दोस्त को “सिली एक्स” क्या कह डाला, यह बात हृतिक रोशन के दिल पर लगी. अब दोनों के बीच विवाद चल रहा है और मामला अब पूरी तरह से कानून के पाले में है.
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कहते हैं, इश्क में आशिक न जाने क्या-क्या कुर्बानी दे डालते हैं. शायद यह गुजरे जमाने की बात होगी. आजकल तो आशिक बिना कुछ कहे भी बात का बवाल बना डालते हैं. कुछ ऐसा ही मामला कंगना रनोट और हृतिक रोशन के बीच का भी है. कंगना रनोट ने अपने किसी पूर्व दोस्त को “सिली एक्स” क्या कह डाला, यह बात हृतिक रोशन के दिल पर लगी. कंगना ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया था. फिर हृतिक इतने परेशान क्यों हो गए, यह सवाल जरूर परेशान करता है. चलिए उनकी वे दोनों जानें. उनके अपने-अपने पक्ष हैं. लेकिन बात अब पूरी तरह से कानून के पाले में है, और मामला खूब सुर्खियां लूट रहा है. शायद बॉलीवुड में आजतक ऐसा कुछ नहीं हुआ था. इसी सबके बीच, कंगना और हृतिक के करियर पर एक नजर डालना जरूर दिलचस्प होगाः
डेब्यू
कंगना रनोट: उम्र 29 साल. उनकी बॉलीवुड में कोई जान-पहचान नहीं थी. हिमाचल की लड़की दिल्ली आई. थिएटर में हाथ आजमाए और बड़े ख्वाब लेकर अपने दम पर मुंबई चली आई, और उनकी पहली फिल्म 2006 में गैंगस्टर थीं.
हृतिक रोशनः उम्र 42 साल. पिता राकेश रोशन बड़े डायरेक्टर हैं. उनकी पहली फिल्म कहो न प्यार है (2000) उनके पिता राकेश रोशन के डायरेक्शन में बनी थी. कहते हैं, सलमान खान की मेंटरिंग मिली है.
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हिट फिल्मों का आंकड़ा
कंगना रनोट: दस साल का करियर है. अपनी पहली फिल्म गैंगस्टर (2006) से लेकर तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) तक वे अपने काम और अपने दम पर ऐक्टिंग का लोहा मनवाती आई हैं. उनकी सफल फिल्मों में गैंगस्टर (2006), वो लम्हे (2006), लाइफ इन अ...मेट्रो (2007), फैशन (2008), राज (2009), वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई (2010), तनु वेड्स मनु (2011), कृष-3 (2013), क्वीन (2014) और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) शामिल हैं.
हृतिक रोशनः उनका सोलह साल का करियर है. उनकी हिट फिल्मों में कहो न प्यार है (2000), मिशन कश्मीर (2000), कभी खुशी कभी गम (2001), कोई मिल गया (2003), धूम-2 (2006), कृष (2006) , जोधा अकबर (2008), जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011), अग्निपथ (2012), और कृष-3 (2013) शामिल हैं. इनमें से उनकी चार बड़ी हिट और यादगार फिल्में उनके पिता के डायरेक्शन की ही हैं.
क्यों हैं खास
कंगना रनोट: उन्होंने बॉलीवुड में शीरोज की कल्पना को स्थापित किया और सिद्ध किया कि अपने दम पर अच्छा काम करके पहचान बनाई जा सकती है. हीरोइनें भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच सकती हैं. सार्थक कहानियों के दम पर यादगार किरदार किए जा सकते हैं और हीरोइनें सिर्फ ग्लैमर की वस्तु से आगे की चीज भी है. वे स्टाइलिश और सेंसिबल हैं. वे बॉलीवुड की सबसे ज्यादा पैसा लेने वाली हीरोइन हैं.
हृतिक रोशनः वे सुपरहीरो की इमेज लिए हुए हैं. शानदार डांस कर लेते हैं. स्टाइलिश हैं. ऐक्शन भी अच्छा कर लेते हैं. पूरी तरह स्टार हैं, और अपनी स्टार वैल्यू समझते हैं. पिता के डायरेक्शन में निखर कर आते हैं. वे बॉलीवुड के उन सितारों में आते हैं जो काफी मोटी फीस लेते हैं.
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कितने जौहर
कंगना रनोट: बतौर ऐक्ट्रेस अपनी इमेज को लेकर वे कोई भी जोखिम उठाने को तैयार रहती हैं. उन्होंने ऐसे किरदार किए हैं जो संजीदा है, चाहे वे लाइफ इन अ मेट्रो का हो या वो लम्हे या फिर तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की दत्तो का. उन्होंने अपने लुक से प्रयोग किया और जब भी कुछ हटकर और सेंसिबल करने की कोशिश की दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया. उनकी गर्ल नेक्स्ट डोर वाली इमेज कनेक्ट करने का काम करती है. हरियाणवी दत्तो बॉलीवुड का अमर किरदार बन चुकी है.
हृतिक रोशनः उनकी गुजारिश जैसी प्रयोगात्मक फिल्म सफल नहीं हो सकी. उन्होंने धूम सीरीज में विलेन बनकर दिल जीता. लक्ष्य और मिशन कश्मीर में भी हटकर रोल किए. कृष सीरीज तो बच्चों में लोकप्रिय है ही. उन्होंने सुपरहीरो की भारतीय संकल्पना को स्थापित किया.
पुरस्कार
कंगना रनोट: कंगना रनोट अक्सर जगह-जगह होने वाले पुरस्कार समारोहों में यकीन नहीं करती हैं और उनके खिलाफ बेबाक राय रखती हैं. लेकिन वे क्वीन (2014) और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं जबकि फैशन (2008) के लिए बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार.
हृतिक रोशनः हृतिक रोशन मुंबई में होने वाले ढेरों फिल्म पुरस्कार समारोहों में ढेरों पुरस्कार जीत चुके हैं जिसमें फिल्मफेयर भी शामिल हैं.
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