Panga Review: शुक्रिया कंगना!
Panga movie review : कंगना रनाउत (Kangana Ranaut) की चर्चित फिल्म Panga हमारे सामने हैं. फिल्म में कबड्डी कप्तान रह चुकी फिर हमारी तरह साधारण जीवन जी रही जया निगम के संघर्षों को दिखाया गया है. फिल्म की कहानी परिवार की मदद से अधूरे ख्वाब पूरे करने से जुड़ी है.
-
Total Shares
Panga movie review : इस वीकेंड रिलीज हुई फिल्म 'Panga' दर्शकों के सामने हैं. फिल्म में कंगना रनाउत (Kangna Ranaut) के साथ जस्सी गिल, ऋचा चड्ढा, नीना गुप्ता (Neena Gupta), यज्ञ भसीन जैसे कलाकार मजबूत भूमिका में हैं. कंगना के अलावा फिल्म की स्पोर्टिंग ने ये साबित कर दिया है कि फिल्म में कुछ भी बेवजह नहीं है. फिल्म में एक्टर्स के बीच की केमिस्ट्री को निर्देशक, अश्निनी अय्यर तिवारी (Ashwiny Iyer Tiwari Film Panga) द्वारा कुछ इस तरह परोसा गया है, जिसमें कुछ भी बनावटी नहीं लगता. फिल्म Panga जैसे जैसे आगे बढ़ती है महसूस होता है कि निर्देशक के अलावा Kangna भी अपने दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब हुई हैं. बात अगर फिल्म के सबसे मजबूत पहलू की हो तो, फिल्म पंगा से आप और हम अपने आपको जोड़कर देख सकते हैं. ध्यान रहे कि Panga सपनों की कहानी है. सपने पूरा होने की कहानी है. संघर्ष की कहानी है. रिश्तों की कहानी है और सबसे बड़ी बात ये उस आम आदमी की कहानी है जिसने कभी न सिर्फ सफलता को महसूस किया. बल्कि उसे बहुत करीब से देखा.
फिल्म पंगा अपनी कहानी से दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रही है
दब चुके ख्वाबों को पूरा करने की कहानी
फिल्म में जया निगम (कंगना रनौत) एक वर्किंग विमेन हैं. जो एक सात साल के बच्चे की मां हैं. किसी ज़माने में इंडियन कबड्डी टीम की कैप्टन रह चुकी जया निगम को एक रेल कर्मचारी के रूप में दर्शाया गया है. जिसकी जिंदगी भी हमारी आपकी हमारी तरह बेहद आम ढर्रे पर चल रही है. जया घर से ऑफिस, ऑफिस से घर के बीच कुछ इस तरह उलझ गयीं हैं कि कबड्डी उनसे छिटक के कहीं दूर जा चुकी है. जिसे वो वापस हासिल करना चाहती हैं.
फिल्म देखते हुए कई ऐसे मौके आते हैं जब एक खिलाड़ी के रूप में जया का वो दर्द हमें परदे पर दिखता है. चूंकि जिंदगी मौके सबको देती है इसलिए मौका जया को भी मिलता है. फिल्म में जया के पति प्रशांत (जस्सी गिल) और बेटे (यज्ञ भसीन) उनके इस सपने को पूरा करने में किसी उत्प्रेरक की भूमिका में नजर आते हैं. यूं तो फिल्म महिला सशक्तिकरण के बिंदु को दर्शाती है. लेकिन ये भी बताती है कि व्यक्ति सफल तभी होता है जब उसे उसके परिवार से वो समर्थन मिलता है जो उसके 'पुश' के लिए बेहद जरूरी होता है.
फिल्म में जया निगम कबड्डी के मैदान में फिर से पंगा लेना चाहती हैं इसलिए हर उस छोटी से छोटी डिटेल पर निर्देशक ने निगाह बनाई हुई है जो फिल्म के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है. कुल मिलाकर अगर हमें फिल्म पंगा का सार बताने को कहा जाए तो फिल्म पंगा एक दूसरे के सहयोग से कहीं कोने में दब चुके ख्वाबों को पूरा करने की कहानी है.
फिल्म का अभिनय फिल्म की जान माना जा रहा है. तो बात अगर हम कंगना की करें तो हमेशा ही लीग से हटकर कुछ नया देने की चाह रखने वाली कंगना अपनी मंशा और डायरेक्टर की उम्मीदों पर खरी उतरी हैं. पहले इंडियन कबड्डी टीम की कैप्टन फिर एक मध्यम वर्गीय वर्किंग महिला गृहणी के रूप में कंगना का ये ट्रांसफार्मेशन खुद-ब-खुद इस बात की तस्दीख कर देता है कि इस फिल्म के लिए मेहनत किसी एक ने नहीं बल्कि सभी ने की है.
परिवार के महत्त्व को भी दर्शाती है कंगना की फिल्म पंगा
कंगना फिल्म की रीढ़ हैं जो वाकई दमदार है और साथ ही जिसमें ये काबिलियत है कि वो दर्शकों को सीट पर और फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर टिकाए रहेगी. फिल्म में खुद कंगना ने बारीक से बारीक बिन्दुओं पर काम किया है इसलिए फिल्म देखते हुए हमें कहीं से भी ये नहीं दिखता कि फिल्म भाग रही है या फिर फिल्म में कोई पक्ष छूट रहा है. बात कंगना के अलावा फिल्म के अन्य किरदारों की हो तो फिल्म में कंगना के पति बने जस्सी गिल बेहतरीन हैं बात यज्ञ भसीन की हो या फिर अगर हम नीना गुप्ता का जिक्र करें तो जो केमिस्ट्री हमें दिख रही है वो गजब की है.
फिल्म के संवाद कमाल के हैं जो न सिर्फ हमें गुदगुदाएंगे बल्कि ये भी बताएंगे कि कैसे एक वर्किंग महिला के लिए अपने अधूरे ख्वाब जीना आज भी इस देश में एक दूर की कौड़ी है. फिल्म में ऋचा चड्ढा ने मीनू के किरदार को निभाया है और अगर हम इनके किरदार पर गौर करें तो ऋचा भी हमें अपने रोल के साथ पूरा न्याय करती हुई दिखाई देती हैं. फिल्म में कंगना और ऋचा की जोड़ी बेमिसाल है जिसे अन्य निर्देशकों द्वारा आगे भी ट्राई किया जाना चाहिए.
इन तमाम पक्षों के बाद हमारे लिए फिल्म के निर्देशन और निर्देशक अश्निनी अय्यर तिवारी पर बात करना बहुत जरूरी है. निल बट्टे सन्नाटा और बरेली की बर्फी जैसी लीग से हटकर फ़िल्में बनाने वाले अश्निनी अय्यर तिवारी से हमें बहुत उम्मीदें थीं जिनपर ये फिल्म पंगा में खरे उतरे हैं. किसी भी फिल्म की कहानी कितनी भी दिलचस्प क्यों न हो मगर वो तब तक दर्शकों को प्रभावित नहीं कर सकती जब तक निर्देशक उसे परदे के कैनवस पर खूबसूरती से उकेरना न जानता हो.
फिल्म ने ये भी बताया है कि खेल छोड़ देने के बाद एक खिलाड़ियों को किन दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है
फिल्म पंगा की कहानी एक खिलाड़ी और एक वर्किंग महिला की है और ये तिवारी का खूबसूरत निर्देशन ही है जिसने इसमें जान फूंक दी है. फिल्म में निर्देशक ने पारिवारिक रिश्तों के साथ क्योंकि कबड्डी को भी दर्शाया है तो जब हम फिल्म देखेंगे तो कबड्डी का वो थ्रिल कहीं से भी मिस नहीं होगा. फिल्म का ये पक्ष ये बताने के लिए काफी है कि डायरेक्टर ने फिल्म के निर्माण के दौरान रिश्तों, तालमेल से लेकर खेल तक किसी भी चीज को हलके में नहीं लिया है.
Panga को लेकर क्या कह रहा है सोशल मीडिया अपने सब्जेक्ट और एक्टिंग के कारण पंगा एक हिट फिल्म है. बात अगर सोशल मीडिया की हो तो सोशल मीडिया पर भी लोग फिल्म की तारीफ कर थकते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं. तमाम ऐसे यूजर्स हैं जिनका कहना है कि ये फिल्म हमें कंगना के लिए इसलिए भी देखनी चाहिए क्योंकि उन्होंने सिर्फ एक्टिंग नहीं की है बल्कि जया को परदे पर जिया है.
"Kangana Ranaut lives and breathes Jaya. Her constant worry for her child is real and so is her happiness while playing the sport she loves. She has a no-makeup look throughout and her physical transformation too is laudable." #Panga #PangaReview https://t.co/BlmNmPMvVG
— shruti.| PANGA (@megh_____) January 24, 2020
यूजर्स अन्य लोगों को फिल्म देखने के लिए शायद इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि फिल्म का कोई ही पक्ष ऐसा नही है जिसे हलके में लिया जाए.
RATING ⭐️⭐️⭐️⭐️
- Flawlesss Direction - Tight Screenplay- Beautiful Story- Excellent Performance#Panga will WIN your heart. This film should not be missed.@foxstarhindi @Ashwinyiyer @jassiegill @Rangoli_A pic.twitter.com/rCTJiOy6MU
— Siddharth Mathur (@TheSidMathur) January 24, 2020
यूजर्स ये भी मान रहे हैं कि ये कंगना की अब तक की बेस्ट परफॉरमेंस है और इसे इसलिए भी देखना चाहिए क्योंकि फिल्म में निर्देशक ने खेल के प्रति एक खिलाड़ी के दीवानेपन को तो दिखाया ही है साथ ही रिश्ते की गर्माहट का भी परदे पर बखूबी फिल्मांकन किया गया है.
बहरहाल, फिल्म पंगा हर लिहाज से देखने वाली फिल्म है. हमें इसे इसलिए भी देखना चाहिए क्योंकि ये न एक अच्छा टाइम पास और कबड्डी और उसके खिलाड़ियों की स्थिति को दर्शाती फिल्म है. बल्कि इसलिए भी क्योंकि फिल्म हमें ख्वाब देखना सिखा रही है. उन ख्वाबों को पूरा करना सिखा रही है. रिश्ते बता रही है और उन रिश्तों से तालमेल बैठाना और उनके बल पर जीत हासिल करना सिखा रही है. फिल्म फुल ऑन पैसा वसूल है इसलिए इस वीकेंड इसे देखने के लिए टिकट बुक करा ही लीजिये. हमें इस बात का पूरा भरोसा है आप सिनेमाघर से निराश होकर नहीं लौटेंगे.
ये भी पढ़ें -
Kangana Ranaut का Panga रील लाइफ से रियल लाइफ तक...
क्यों नसीरुद्दीन शाह को सीरियसली लेने की जरूरत नहीं है
Panga movie trailer: Kangana ने देश की कामकाजी महिलाओं की ओर से ये 'पंगा' लिया है
आपकी राय