अभिनेत्री Chethana Raj ने कॉस्मेटिक सर्जरी के दौरान जान गंवाई, उफ् ये रुपहले पर्दे की क्रूर कसौटियां!
कन्नड़ सीरियल की जानी-मानी एक्ट्रेस चेतना राज 21 साल की उम्र में अपने अधूरे सपनों का भार लेकर दुनिया को छोड़ गईं. गलती तो फिल्म इंडस्ट्री की है जहां एक्ट्रेस पर हर पल परफेक्ट और खूबसूरत दिखने का दबाव बनाया जाता है.
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कन्नड़ सीरियल की एक्ट्रेस चेतना राज (Chethana Raj) 21 साल की उम्र में अपने अधूरे सपनों का भार लेकर दुनिया को छोड़ गईं. दिखने में इतनी खूबसूरत, इतनी मासूम...भला उसे और अधिक खूबसूरत दिखने की क्या जरूरत थी? चेतना की तस्वीरें देखने के बाद हमें तो लगा ही नहीं कि उसे किसी तरह की प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत थी. वह दिखने में मोटी तो नहीं लग रही. अगर मोटी होती तो भी उसे दबाव में आने की जरूरत नहीं थी.
चेतना, काश कि हम तुमसे मिल पाते और यह कह पाते कि तुम जैसी भी हो बहुत खूबसूरत हो. हम तुम्हारे इसी रूप से प्यार करते हैं और करते रहेंगे. हम समझते हैं कि तुम्हारे ऊपर परफेक्ट दिखने का बहुत प्रेशर था, वरना ये फिल्म इंडस्ट्री तुम्हें भुलाने में देर नहीं करती. काश कि तुम यह खतरा लेने से पहले एक बार अपने माता-पिता को बताती तो शायद आज तुम्हारे मौत की खबर नहीं आती.
चेतना, तुम तो पहले से ही चमकता सितारा थी
तुम्हें इस फेक दुनिया के लिए खुद को फेक दिखाने की जरूरत नहीं थी. तुम बेंगलुरू के प्राइवेट अस्पताल में जाने से पहले कितनी डरी होगी. लड़कियों को जरा सी चोट लग जाती है तो सुई लगवाने से डरती हैं. तुमने तो अपने शरीर से फैट निकलवाने का फैसला ले लिया.
हम जानते हैं कि यह तुम्हारे लिए आसान नहीं था. तुम्हें डर लगा होगा. तुम घबराई होगी, रोई होगी...10 दफा सोचा होगा कि इस सर्जरी के बारे में एक बार मां से बता दो, लेकिन तुम नहीं बता पाई होगी. तुम्हें लगा होगा कि यह सर्जरी की बात सुनते ही मां-पापा घबरा जाएंगे, इसलिए तुम दोस्तों के साथ चली गई. तुम्हें यह कहां पता था कि तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे मम्मी-पापा टूट जाएंगे.
काश कि तुम देख पाती कि कैसे मां तुम्हारे कपड़ें निहार रही हैं. पिता गुस्से में अपना माथा पिट रहे हैं कि उन्हें तुमने फैट फ्री सर्जरी जैसी बला के बारे उन्हें क्यों नहीं बताया. वे डॉक्टर पर बहुत गुस्सा कर रहे हैं, चिल्ला रहे हैं. उन्होंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है. वे तुम पर जुर्म करने वाले लोगों कोे सबक तो सिखा देंगे, लेकिन फिर भी तुम अब उन्हें कभी नहीं मिलोगी.
तुम्हें इस फेक दुनिया के लिए खुद को फेक दिखाने की जरूरत नहीं थी
चेतना, तुम तो पहले से ही चमकता सितारा थी. फैंस ने तो तुम्हें तुम्हारे शो 'गीता' और 'दोरेसानी' में ऐसे ही चाहा था जैसी तुम थी. तुमने क्यों इस फिल्म इंडस्ट्री वालों की सुनी? जरूर तुमसे किसी ने कहा होगा कि ऐसी रहोगी तो टिक नहीं पाओगी, बाकी एक्ट्रेस को देखा है वे कितनी फिट हैं...
असल में सर्जरी के बाद से ही चेतना की तबियत ठीक नहीं थी. धीरे-धीरे उनकी हालात बिगड़ने लगी. उनके फेफड़ों में पानी भर गया और अस्पताल में ही मौत हो गई. हम सभी अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं, अपने करियर में बेहतर करना चाहते हैं लेकिन कोई भी सपना हमारी जान से अधिक किमती तो नहीं हो सकता ना?
कौन जिम्मेदार है?
हो सकता है कि कुछ लोग चेतना को कोसे कि उसे सर्जरी करवाने की क्या जरूरत थी? गलती तो फिल्म इंजस्ट्री की है जहां एक्ट्रेस पर हर पल परफेक्ट और खूबसरूत दिखने का दबाव बनाया जाता है. प्रेगनेंसी के बाद अगर किसी अभिनेत्री की वजन बढ़ जाता है तो लोग भी उन्हें ट्रोल करने लगते हैं. ऐसे लोगों को और ऐसी इंडस्ट्री को चेतना के लिए शोक नहीं मनाना चाहिए.
वहीं किम कर्दाशियां जैसी एक्ट्रेस की भी है. जो नया लुक पाने के लिए बार-बार प्लास्टिक सर्जरी की सहारा लेती हैं. किम जिस तरह 21 दिनों में 7 किलो वजन कर लेती हैं. बट के साइज को हर साल प्लास्टिक सर्जरी के जरिए 43 इंच का करवा लेती हैं. वे ब्रेस्ट का साइज बढ़वा लेती हैं. उनके बाल, नाक, गाल, होठ सब फेक हैं. उनकी कमर, उनका बट सब प्लास्टिक सर्जरी का कमाल है. वे ये नहीं सोचती कि इन सबका उनके फैंस पर क्या असर होगा? उन लड़कियों का क्या होगा जो किम को अपना आदर्श मानती हैं.
किम कर्दाशियां बनने के लिए खास-फूस नहीं खाना पड़ेगा ढेर सारी प्लास्टिक सर्जरी करानी पड़ेगी
वे कम दिमाग वाली लड़कियां जो किम की फैन है, उनका भी हाल वही होगा जो इस कन्नड़ एक्ट्रेस का हुआ है...क्योंकि किम जैसा दिखने के लिए एक्सरसाइज और डाइट की जरूरत नहीं है, बल्कि ढेर सारे प्लास्टिक सर्जरी और जोखिम की जरूरत है.
इंसान खुद का नया रूप देने के लिए बाल रंग लेता है, बाल कटवा लेता है, कपड़े पहनने का तरीका बदल देता है, कान, नाक, होठ, नाभि छेदवा लेता है, टैटू करवा लेता है...यह सब करने के बाद भी जब तसल्ली नहीं मिलती तो अपने शरीर को कटवाने-छटवाने लगता है. अंत में शरीर थक जाता है और इंसान हमेशा के लिए शांत हो जाता है.
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