कौन प्रवीण तांबे: OTT पर आ रही 41 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले क्रिकेटर की दिलचस्प कहानी!
पूरा जीवन क्रिकेट में खपा देने वाले तांबे को कभी भी घरेलू मैचों को खेलने का मौका नहीं मिला था. वे मुंबई के क्लब टूर्नामेंट 'कांगा लीग' ही खेलते रह गए. वे एक उम्दा स्पिनर हैं लेकिन आईपीएल से पहले कभी किसी को उनकी खूबी नहीं दिखी.
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करीब 17 साल पहले नागेश कुकूनूर के निर्देशन में क्रिकेट पर एक फिल्म आई थी- इकबाल. इसमें श्रेयस तलपड़े, नसीरुद्दीन शाह, श्वेता बसु प्रसाद और गिरीश कर्नाड ने जादुई काम किया था. इकबाल के बाद श्रेयस किसी हिंदी फिल्म में फिर कभी दमदार भूमिका में नहीं दिखे. अब 17 साल बाद वे एक और क्रिकेट ड्रामा में नजर आने वाले हैं और फिलहाल तो मान लेना चाहिए कि यह अन्य स्पोर्ट्स ड्रामा से कई मायनों में अलग, प्रेरक और प्रभावशाली साबित हो सकती है. फिल्म है- कौन प्रवीण तांबे. असल में यह बायोपिक ड्रामा है.
कौन प्रवीण तांबे को 1 अप्रैल के दिन सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म डिजनी प्लस हॉट स्टार पर रिलीज किया जाएगा. रिलीज से पहले 9 मार्च को फिल्म का ट्रेलर आने वाला है. श्रेयस, क्रिकेटर प्रवीण की भूमिका निभा रहे हैं. कौन प्रवीण तांबे का निर्माण फॉक्स स्टार स्टूडियो ने जबकि निर्देशन जयप्रद देसाई ने किया है. कौन प्रवीण तांबे को हिंदी के साथ-साथ तमिल और तेलुगु में भी रिलीज किया जाएगा.
कौन प्रवीण तांबे
प्रवीण तांबे कौन हैं?
प्रवीण तांबे ऐसे क्रिकेटर हैं जिनकी कहानी ने दुनिया को हैरान कर दिया था. 41 साल की जिस उम्र में आमतौर पर क्रिकेटर संन्यास ले लेते हैं प्रवीण तांबे ने डेब्यू किया था. आईपीएल 2013 में जब राजस्थान रॉयल्स ने 41 साल के एक क्रिकेटर को खरीदा हर कोई उसके बारे में जानना चाहता था कि आखिर ये है कौन और इस उम्र में भला वो अपनी टीम के लिए क्या करेगा? भला उनसे उम्मीद भी कैसे की जाती. एक तो उनकी उम्र बहुत ज्यादा थी और दूसरा उन्होंने आईपीएल से पहले किसी भी तरह का प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं खेला था.
पूरा जीवन क्रिकेट में खपा देने वाले तांबे को कभी भी घरेलू मैचों को खेलने का मौका नहीं मिला था. वे मुंबई के क्लब टूर्नामेंट 'कांगा लीग' ही खेलते रह गए. वे एक उम्दा स्पिनर हैं लेकिन आईपीएल से पहले कभी किसी को उनकी खूबी नहीं दिखी. लेकिन जब आईपीएल में उन्हें लिया गया और अपना हुनर दिखाने का मौका मिला, उनकी फिरकी गेंदों के आगे अच्छे अच्छे बल्लेबाजों के पैर डगमगाने लगे. साल 2013 तांबे के खास मौका बन गया. तांबे ने रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए 12 विकेट झटके थे. चैंपियंस लीग टी20 में दुनियाभर के दिग्गजों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा विकेट भी हासिल किए. तांबे ने उस वक्त दुनियाभर को हैरान कर दिया जब उन्होंने आईपीएल में शानदार हैटट्रिक का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
कैसे क्रिकेटर बने प्रवीण तांबे
क्रिकेट से प्रवीण का जुड़ाव उनके पिता की वजह से हुआ. उनके पिता एक कंपनी में काम करते थे और क्रिकेट टीम के सदस्य भी थे. प्रवीण पिता के साथ उनके मैचों को देखने जाया करते थे. इसी दौरान उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना देखा. लेकिन वे स्पिनर नहीं थे. प्रवीण फास्ट बॉलिंग करते थे. जब ओरिएंट शिपिंग कंपनी की टीम के साथ बतौर क्रिकेटर जुड़े तो उनके कप्तान ने उन्हें तेज गेंदबाजी की बजाय लेग स्पिन की सलाह दी. प्रवीण ने लेग स्पिनर के रूप में खेलना शुरू किया और बहुत जल्द उन्हें मजा आने लगा. उन्हें विकेट भी मिल रहा था और टीम की जरूरत भी पूरी करते दिख रहे थे. इस टीम के साथ लंबे समय तक तांबे जुड़े रहे. हालांकि उनके खेल पर किसी की नजर नहीं पड़ी.
प्रवीण तांबे
तांबे यहां से डीवाई पाटिल अकादमी पहुंचे. लेकिन अभी एक क्रिकेटर के रूप में ताम्बे ने जो सपना देखा था वह बहुत दूर था. एक तरह उनकी उम्र बढ़ती जा रही थी और क्लब क्रिकेट के आलावा कहीं उन्हें मौका नहीं मिल रहा था. घरेलू चयनकर्ताओं की नजर भी उनपर नहीं थी. लेकिन क्रिकेट को जीवन बना चुके तांबे के जीवन में बदलाव तब शुरू हुए जब राजस्थान रॉयल्स की स्काउट टीम की नज़र उनके खेल पर पड़ी. चयन से पहले उन्हें परखने के लिए खुद राहुल द्रविड़ नेट्स पर मौजूद थे.
तांबे की उम्र और वजन उनके पक्ष में नहीं था. लेकिन द्रविड़ को उनकी गेंदबाजी में बहुत भरोसा दिखा. तांबे ने 2013 में चयन होने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 64 T20 मैचों में 70 विकेट हासिल किए. इसमें उनका सबसे शानदार प्रदर्शन 15 रन देकर 4 विकेट हैसल करना रहा. 22.35 की शानदार एवरेज और 6.92 की इकोनोमी उनकी सधी गेंदबाजी का सबूत है.
आईपीएल में मौका मिलने के बाद तांबे क्रिकेटर के रूप में लगातार व्यस्त दिखे हैं. जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तब भी तांबे क्रिकेट की पिच पर ही नजर आए. साल में 2020 में वे भारत के पहले खिलाड़ी बने जो कैरिबियन प्रीमियर लीग में खेलने पहुंचे. कैरेबियन लीग से उनकी कुछ वीडियोज वायरल हुई जिसमें उम्रदराज क्रिकेटर की फुर्ती देखकर हर कोई हैरान था. तांबे की कहानी जिद की मिसाल है. कौन प्रवीण तांबे में जुनके जीवन को देखना दर्शकों के लिए एक बेहतरीन अनुभव होगा. कहने की बात नहीं कि इकबाल के बाद यह फिल्म श्रेयस तलपड़े के करियर में मील का पत्थर साबित हो सकती है.
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