केदारनाथ फिल्म की कहानी मंदिर के पुजारी तक पहुंचकर 'लव जिहाद' बन गई
फिल्म केदारनाथ को लेकर कई विवाद पहले से ही चले आ रहे हैं और अब उनमें लव जिहाद वाला विवाद भी जु़ड़ गया है. केदारनाथ मंदिर के पुजारियों ने इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है.
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फिल्म केदारनाथ को लेकर शुरुआत से ही विवाद चल रहे हैं. पहले प्रोड्यूसरों की लड़ाई के कारण फिल्म अटक गई. फिर इसके बनने को लेकर विवाद थे और ऐसा लग रहा था कि ये फिल्म जल्दी ही रिलीज नहीं होगी. पर अब जब ये फिल्म सुबह का सूरज देख रही है तो लग रहा है कि एक बार फिर से इससे जुड़े विवाद गहरा रहे हैं. केदारनाथ पर लव जिहाद को लेकर विवाद हो रहा है. इस फिल्म में हीरो मुस्लिम है जिसका नाम मंसूर है और हिरोइन एक हिंदू तीर्थ यात्री है जिसका नाम मुक्कू है. फिल्म के अहम किरदार हिंदू और मुस्लिम हैं और यही कारण है कि अब इस फिल्म से जुड़ा सबसे बड़ा विवाद सामने आ गया है.
डायरेक्टर अभिषेक कपूर की इस फिल्म में दो संवेदनशील मुद्दे हैं. पहले तो हिंदू और मुस्लिम, और दूसरा है केदारनाथ की त्रासदी जिसे भारत की सबसे खतरनाक त्रासदियों में से एक कहा जाता है.
क्या है 'लव जिहाद' वाला विवाद-
केदारनाथ धाम के पुरोहित अब ये कह रहे हैं कि अगर ये फिल्म बैन नहीं हुई तो वो लोग केदारनाथ के पट बंद कर देंगे. कारण ये है कि ये फिल्म हिंदू बावनाओं को ठेस पहुंचा रही है. केदारसभा वो संस्था है जो केदारनाथ धाम में मौजूद पुजारियों का गठबंधंन है जो ये मांग कर रहा है कि इस फिल्म को रोका जाए. उन्हें समस्या सिर्फ फिल्म की कहानी से नहीं बल्कि इसके पोस्टर से भी है. पोस्टर में टैगलाइन लिखी है 'Love is pilgrim' (प्यार ही तीर्थ है). इस टैगलाइन से भी उन्हें समस्या है कि ये गलत है. तीर्थ ही सबसे बड़ा है. प्यार नहीं.
फिल्म केदानाथ को लेकर शुरुआत से ही कोई न कोई विवाद चल रहा है
इसी संस्था ने केदारनाथ की शूटिंग के दौरान भी विवाद किया था जब एक गाने की शूटिंग को अश्लील करार दिया गया था और केदारनाथ की शूटिंग रोकने की बात कही थी. इस फिल्म को लेकर कहा जा रहा है कि ये फिल्म खुले तौर पर लव जिहाद प्रमोट कर रही है.
अब ये समझने वाली बात है कि क्या केदारनाथ फिल्म असल में ऐसी है? चलिए सबसे पहले लव जिहाद की बात करते हैं. लव जिहाद वैसे तो बहुत नया टर्म है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को फंसाते हैं ताकि वो इस्लाम में कनवर्ट हो जाएं. कुल मिलाकर धर्म परिवर्तन से जुड़ा है ये मामला.
केदारनाथ फिल्म का न तो ट्रेलर आया है, न ही फिल्म रिलीज हुई है, लेकिन इस संस्था ने ये डिक्लेयर कर दिया है कि मामला लव जिहाद का ही है. फिल्म में क्या दिखाया गया है इससे उन्हें कोई मतलब नहीं बस अगर हिंदू और मुस्लिम जोड़े को दिखाया गया है तो मामला ऐसा ही होगा और लव जिहाद ही होगा. भले ही उसका मतलब ठीक से समझ न पाएं लोग, लेकिन आखिर उन्हें मतलब से तो कुछ लेना देना नहीं है न.
फिल्ममेकर अभिषेक कपूर ने भी इस फिल्म को बनाकर बड़ा रिस्क ही लिया है. बॉलीवुड में जहां लोग इस बात से डरते हैं कि कहीं कोई ऐसा हिंदू मुस्लिम वाला एंगल न आ जाए वर्ना फिल्म में विवाद होगा ऐसे में केदारनाथ के साथ रिस्क तो था ही कि विवाद होगा. एक तो आस्था, दूसरा रोमांस दोनों को साथ में जोड़ना कम से कम भारत में तो अच्छा नहीं है.
इससे भले ही ज्यादा लोगों को फर्क न पड़ता हो, लेकिन धर्म के ठेकेदारों को तो पड़ेगा न. उन्हें तो लगेगा कि आस्था के नाम पर उनके साथ गलत हो रहा है. उसपर ये कहना कि प्यार ही सबसे बड़ा तीर्थ है ये तो और आग में घी डालेगा.
कुल मिलाकर भले ही फिल्म बहुत अच्छी हो, भले ही काफी क्रिएटिव हो, भले ही कुछ भी हो, लेकिन फिल्म को लेकर विवाद तो बनता है. अभी तो सिर्फ टीजर और पोस्टर ही आया है. आगे ट्रेलर भी आना है और फिल्म भी. अब देखते हैं कि इसके लिए विवाद और कितना गहराता है.
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