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Updated: 18 अप्रिल, 2022 08:06 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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किसी फिल्म की सफलता में तीन तत्व सबसे अहम माने जाते हैं. फिल्म की कहानी, कलाकार और निर्देशक. यदि इन तीनों की तिकड़ी बेहतर बैठ गई, तो समझिए फिल्म सुपरहिट होनी तय है. फिल्म की कहानी के हिसाब से कलाकारों का अभिनय बहुत ज्यादा मायने रखता है. कई बार लीड रोल कर रहे कलाकार की लोकप्रियता भी फिल्म की सफलता में अहम भूमिका निभाती है. जैसे कि इस वक्त पैन इंडिया फिल्म 'केजीएफ चैप्टर 2' के साथ देखने को मिल रहा है. इस फिल्म के हीरो रॉकिंग स्टार यश के दीवानों की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोहराम मचाए हुए है. इस फिल्म ने ओपनिंग डे पर ही 100 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करके साबित कर दिया कि रॉकी भाई का जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है. फिल्म महज तीन दिन में 380 करोड़ रुपए का कारोबार कर चुकी है. बहुत कम लोग जानते हैं कि रॉकिंग स्टार बनने से पहले यश टेलीविजन में काम करते थे.

'बाहुबली' प्रभास के बाद दूसरे पैन इंडिया सुपरस्टार का तमगा हासिल कर चुके अभिनेता यश ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 2007 में टीवी सीरियल 'नंदा गोकुला', 'उत्तरायण' और 'सिल्ली लल्ली' से शुरु की थी. महज एक साल में ही उन्होंने अपने जबरदस्त अभिनय की वजह से फिल्म मेकर्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया. इसी वजह उनको साल 2007 में ही कन्नड फिल्म 'जंबाडा हुदुगी' में काम करने का मौका मिल गया. इसके बाद यश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने शुरूआती संघर्ष के बाद लगातार हिट फिल्में देना शुरू कर दिया. उनकी सुपर हिट फिल्मों में 'गुगली', 'गज केसरी', 'मास्टर पीस', 'मिस्टर एंड मिसेज रामचारी' और 'राजा हुली' का नाम शामिल है. ये फिल्में बनी तो कन्नड में हैं, लेकिन बाद में इनकी लोकप्रियता को देखते हुए मलयालम, तमिल, तेलुगू और हिंदी में अलग-अलग डब किया गया है. इन फिल्मों की कमाई लागत से कई गुना ज्यादा है.

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सुशांत सिंह राजपूत: एक सितारा, सबका प्यारा

रॉकिंग स्टार यश की तरह कई कलाकार हैं, जो टीवी पर लंबी पारी खेलने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में आए हैं. इन कलाकारों ने छोटे पर्दे पर जो जादू किया, उसे बड़े पर्दे पर भी बिखेरा. यही वजह है कि बहुत कम समय में इनका बड़ा नाम हो गया. इन कलाकारों की फेहरिस्त में बॉलीवुड बादशाह शाहरुख खान, इरफान खान, आयुष्मान खुराना, यामी गौतम, मौनी रॉय, राजपाल यादव, आर. माधवन और सुशांत सिंह राजपूत का नाम शामिल है. इनमें सुशांत तो जितना लोकप्रिय टीवी पर थे, उससे कहीं ज्यादा मशहूर फिल्मों में काम करने के बाद भी हुए थे. उनका पहला शो स्टार प्लस का रोमांटिक ड्रामा 'किस देश में है मेरा दिल' (2008) था. इसके बाद ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो 'पवित्र रिश्ता' (2009-11) में मानव की भूमिका के जरिए वो हिंदुस्तान के घर-घर में पहुंच गए. हर उम्र के लोग उनसे प्यार करने लगे. उनकी इस लोकप्रियता की वजह से उनको फिल्म 'काई पो चे' में डेब्यू का मौका मिला था.

फिल्म 'काई पो चे' साल 2013 में रिलीज हुई थी. इसके जरिए हर किसी ने सुशांत को नोटिस किया. लेकिन साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म 'पीके' और 'एमएस धोनी: अनटोल्ड स्टोरी' (2016) ने सुशांत को सुपरस्टार बना दिया. महज कुछ ही वर्षों के फिल्मी करियर के बावजूद उनकी तुलना बॉलीवुड के बड़े सितारों से होने लगी. इसके बाद आने वाले समय में रिलीज हुई फिल्म 'केदारनाथ', 'सोनचिरैया', 'छिछोरे' और 'दिल बेचारा' में अपने जबरदस्त अभिनय से उन्होंने हर किसी को अपना दीवाना बना दिया. लेकिन अफसोस साल 2019 में अभिनेता की रहस्यमयी मौत ने सबकुछ खत्म कर दिया. उनके दीवाने आज भी उनके लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाते रहते हैं.

इरफान खान: अभिनय की पाठशाला थे मियां

सुशांत की ही तरह अभिनेता इरफान खान भी आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. साल 1987 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्राम से इरफान ने अपनी एक्टिंग की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद दूरदर्शन पर प्रसारित हुए 'लाल घास पर नीले घोड़े' नामक टेलीप्ले में लेनिन की भूमिका निभाई, जो मिखाइल शत्रोव के एक रूसी नाटक के उदय प्रकाश के अनुवाद पर आधारित है. इसके बाद उन्होने टीवी सीरियल 'डर' में एक साइको किलर का किरदार मिला. इरफान ने 90 के दशक में कई टेलीविजन धारावाहिकों में काम किया. इनमें 'चाणक्य', 'भारत एक खोज', 'सारा जहां हमारा', 'बनेगी अपनी बात', 'चंद्रकांता', 'श्रीकांत' और 'द ग्रेट मराठा' शामिल हैं.

टीवी सीरियल 'चंद्रकांता' में अपने किरदार की वजह से इरफान बहुत लोकप्रिय हुए. हर घर में उनकी पहचान बन गई. साल 1989 में फिल्म कमला की मौत के जरिए उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया, लेकिन लोकप्रियता साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म 'हासिल' और 'मकबूल' से मिली थी. इन फिल्मों में उनके निभाए किरदारों ने लोगों को बहुत प्रभावित किया. इसके बाद उनके करियर की कार दौड़ पड़ी. उन्होंने हॉलीवुड में भी काम किया था.

मौनी रॉय: TV की 'नागिन', बॉलीवुड की 'गोल्ड'

टीवी की दुनिया से बॉलीवुड का सफर तय करने वाली अभिनेत्री मौनी रॉय आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उनको बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ा है. वेस्ट बंगाल की रहने वाली मौनी ने दिल्ली में रहकर पढ़ाई की है, लेकिन बॉलीवुड में करियर बनाने की हसरत लिए वो मुंबई आ गईं. पहले प्रयास में साल 2004 में उनको अभिषेक बच्चन और विजय राज की फिल्म 'रन' के एक गाने 'नहीं होना' में काम करने का मौका मिला था. लेकिन उसके बाद फिल्मों में दूसरा मौका नहीं मिला. थक हारकर उन्होंने टीवी इंडस्ट्री की तरफ रुख कर लिया. साल 2006 में टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से अपने टीवी करियर की शुरुआत की. इसके बाद डांस रियलिटी शो 'ज़ारा नचके दिखा' के पहले सीजन में भाग लिया.

साल 2011 में उन्होंने मोहित रैना के साथ धार्मिक शो 'देवों के देव महादेव' में काम किया. ये शो बहुत सुपर हिट हो गया. इसकी वजह से मौनी और मोहित देश भर में मशहूर हो गए. इसी बीच साल 2015 में एकता कपूर ने अपने सीरियल 'नागिन' में लीड एक्ट्रेस बना दिया. यह सीरियल भी सुपर हिट रहा. टीआरपी लिस्ट में टॉप बना रहा. इसके बाद अक्षय कुमार की फइल्म गोल्ड में पहली बार लीड रोल में मौनी रॉय को काम करने का मौका मिला था. तबसे वो लगातार काम कर रही हैं.

R. माधवन: इंजीनियरिंग छोड़ एक्टिंग करने लगे

बहुत कम लोगों को पता है कि तमिल फैमिली में पैदा हुए आर. माधवन का बचपन हिंदी पट्टी में गुजरा है. यही वजह है कि इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद भी उनका मन हिंदी सिनेमा में काम करने का था. उनके पिता झारखंड के जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील में काम करते थे. उनका जन्म जमशेदपुर में ही हुआ. स्कूल झारखंड से करने के बाद इंजीनियरिंग के लिए वो महाराष्ट्र के कोल्हापुर आ गए. यहीं से उनका झुकाव एक्टिंग की ओर हुआ. पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1993 में माधवन ने अपने करियर की शुरुआत जीटीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'बनेगी अपनी बात' से की थी. इसमें अपने बेहतरीन अभिनय से उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इसके बाद कई टीवी सीरियल्स में नजर आए. इनमें घर 'जमाई', 'साया' और 'डील या नो डील' आदि शामिल है.

साल 1996 में आर माधवन ने फिल्म 'इस रात की सुबह नहीं' से बॉलीवुड में डेब्यू किया. सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उनकी भूमिका बहुत छोटी थी, लेकिन अपने दमदार अभिनय से अपनी पहचान जरूर बना ली. साल 2001 में आई फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' से उनको लोकप्रियता हासिल हुई. इसके बाद तो उनका करियर चल पड़ा. थ्री इडियट उनकी सबसे मशहूर फिल्म है. उन्होंने बॉलीवुड के साथ ही साउथ सिनेमा में भी काम किया है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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