Koi Jaane Na Movie Review: केवल आमिर खान के फैन ही फिल्म देखने का रिस्क ले सकते हैं!
आमिर खान के अजीज दोस्त अमीन हाजी की फिल्म 'कोई जाने ना' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस फिल्म के जरिए हाजी बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू कर रहे हैं. लेकिन हाजी शायद ये बात भूल गए कि अब फिल्में बड़े चेहरों से नहीं बल्कि दमदार कहानी से चलती हैं.
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एक जमाना था जब कोई फिल्म अपनी स्टारकास्ट की बदौलत हिट हुआ करती थी, उस वक्त मशहूर एक्टर या एक्ट्रेस के नाम पर लोग थियेटर में फिल्में देखने आया करते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है. फिल्में स्टारकास्ट की वजह से नहीं अब अपनी कहानी और प्रजेंटेशन की बदौलत बॉक्स ऑफिस पर टिकती हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म के इस युग में दर्शकों के पास रिजेक्ट और सिलेक्ट करने के मौके ज्यादा हैं. वह अपनी पसंद की फिल्में देखते हैं, वरना अगली फिल्म या वेब सीरीज की तरफ बढ़ जाते हैं. ऐसे दौर में बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू कर रहे निर्देशक अमीन हाजी ने अपने दोस्त आमिर खान के नाम और चेहरे के सहारे फिल्म 'कोई जाने ना' बनाने की असफल कोशिश की है. यह फिल्म 2 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है.
'हर फन मौला' सॉन्ग में एली अवराम के साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं आमिर खान.
अमीन हाजी और आमिर खान की दोस्ती 20 साल पुरानी है, जो फिल्म लगान के जमाने से है. आमिर ने अमीन की फिल्म के स्पेशल सॉन्ग को शूट करने के लिए अपनी अपकमिंग फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग को बीच में रोक दिया था. आमिर का फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस है, जो 'हर फन मौला' सॉन्ग में एली अवराम के साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. फिल्म का टाइटल भी आमिर की पसंद पर ही रखा गया है. दरअसल, साल 1968 में आई फिल्म 'अनोखी रात' में एक गाना है 'कोई जाने ना', जो बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट का पसंदीदा गाना है. वह इसे अक्सर अपने दोस्तों को सुनाते हैं. फिल्म की कहानी के हिसाब से ये टाइटल एकदम सही बैठता है. इसलिए अमीन हाजी ने अपनी फिल्म का नाम भी 'कोई जाने ना' रख दिया.
लव, थ्रिलर और सस्पेंस का तड़का
एक्टर कुणाल कपूर और एक्ट्रेस अमायरा दस्तूर स्टारर फिल्म 'कोई जाने ना' में लव, थ्रिलर और सस्पेंस तीनों का तड़का लगाने की कोशिश की गई है. इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर को बनाने में अमीन हाजी को 9 साल लग गए. लेकिन फिल्म को देखने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि एक-दो साल और लग जाते, पर ऐसी फिल्म बनाने की क्या जल्दी थी. सबसे पहले तो फिल्म की कहानी ही बहुत कमजोर है. देखकर ऐसा लगेगा कि आपने पहले भी ऐसी कहानी कहीं देखी हुई है. स्क्रीनप्ले 80 के दशक के क्लिच के साथ भरा हुआ है. कलाकारों का अभिनय तो उससे भी ज्यादा खराब है. लंबे समय बाद बॉलीवुड में वापसी कर रहे कुणाल कपूर को देखकर लग ही नहीं रहा कि उन्होंने 'रंग दे बसंती' और 'डियर जिंदगी' जैसी फिल्मों में काम किया है.
'हम सबके अंदर दो शख्स होते हैं. एक शरीफ जिसे हम दुनिया से मिलाते हैं, और दूसरा बदमाश जिसे हम छुपाते हैं.' फिल्म का ये डायलॉग काफी हद तक इसकी दास्तान बयां करता है. वैसे फिल्म की जान हैं, इसके खूबसूरत गाने. पहला 'हर फन मौला' गाना, जिस पर एली अवराम के साथ आमिर खान ने डांस नंबर किया है. दूसरा है फिल्म का टाइटल सॉन्ग 'इश्क करो दिल से'. कैमरा वर्क और सिनेमैटोग्राफी दोयम दर्जे का है. फिल्म के डायलॉग, खास करके जासूस का रोल करने वाले करीम हाज़ी के संवाद, प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन व्यापक स्तर पर प्रभाव नहीं डाल पाते. फिल्म अपने टाइटल 'कोई जाने ना' पर बखूबी फिट बैठती है. क्योंकि इसके रिलीज होने के बाद भी बहुत लोगों को नहीं पता कि ऐसी कोई फिल्म भी रिलीज हुई है.
फिल्म 'कोई जाने ना' की कहानी
कबीर कपूर (कुणाल कपूर) एक मशहूर लेखक और YouTuber होता है. वह अपनी कहानियों के जरिए मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने और अपराध को रोकने कोशिश करता है. लेकिन एक दिन उसकी अपनी लाइफ में समस्याएं शुरू हो जाती हैं. उसकी पत्नी (विद्या मालवदे), उसे धोखा दे देती है. उसके खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराकर उसकी प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगने लगती है. पत्नी की नजर कबीर के खटारा जीप और पंचगनी में स्थित बंगले पर है, जहां उसका गहरा अतीत छिपा होता है. इतना ही नहीं कबीर की पत्नी उसको ब्लैकमेल करने के लिए एक चालाक जासूस रिकी रोसारियो (करीम हाजी) को हायर कर लेती है. इन सबके बीच पंचगनी के रास्ते पर कबीर की मुलाकात सुहाना (अमायरा दस्तूर) नामक खूबसूरत लड़की से होती है.
बहुत जल्द दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं. पंचगनी में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं. कबीर वहां अपनी किताब लिखता है. इसी बीच उसकी जिंदगी में एक बार फिर तूफान आ जाता है. शहर में खून होने लगते हैं. खून करने का तरीका कबीर की किताबों में लिखी गई कहानियों में बताए गए आइडिया के आधार पर होता है. पुलिस की नजर में कबीर संदिग्ध हो जाता है. पुलिस उससे पूछताछ करती है. ऐसा ही कुछ सुहाना के साथ भी होने वाला होता है. इस तरह सस्पेंस और थ्रिलर बढ़ता जाता है. कबीर और सुहाना के साथ आगे क्या होता है? क्या सच में कबीर ही कातिल होता है? क्या कबीर की पत्नी उसे फंसाने के लिए कोई चाल चलती है? या फिर कोई रहस्यमयी किरदार है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए तो आपको फिल्म ही देखनी होगी.
9 साल तक करना पड़ा इंतजार
अमीन हाजी को इस फिल्म की रिलीज को लेकर 9 साल तक इंतजार करना पड़ा. यह फिल्म पिछले 2 साल से बनकर तैयार थी, लेकिन रिलीज नहीं हो पा रही थी. हाजी ने साल 2013 में आमिर खान को ये स्क्रिप्ट सुनाई थी. इसकी कहानी उनको इतनी पसंद आई कि उन्होंने हाजी से कहा कि ये फिल्म वो किसी और को न देकर खुद बनाएं. लेकिन हाजी जब इस फिल्म को बनाने के लिए निकले तो कभी एक्टर ना मिले, तो कभी एक्ट्रेस. एक्टर मिले भी तो एक्ट्रेस ना बोल दे, कभी प्रोड्यूसर की दिक्कत आ जाए. इस तरह 6 साल इसी काम में निकल गए. कड़ी मेहनत के बाद जब हीरो, हीरोइन और प्रोड्यूसर तीनों मिल गए तो हाजी आमिर खान से मिले. आमिर ने वादे के मुताबिक, इस फिल्म में अपना स्पेशल अपीयरेंस दिया. एक गाने में डांस भी किया.
आमिर के फैन देख सकते हैं फिल्म
फिल्म 'कोई जाने ना' बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की पसंद पर, आमिर के लिए, आमिर के कहने पर, आमिर के स्पेशल अपीयरेंस और आइटम सॉन्ग की वजह से बनी है और चर्चा में है. फिल्म पहली बार चर्चा में तब आई, जब आमिर खान के आइटम सॉन्ग शूट की एक वीडियो क्लिप वायरल हुई. इस फिल्म में कुणाल कपूर, अमायरा दस्तूर, नेहा महाजन, अश्विनी कालसेकर, अतुल कुलकर्णी, करीम हाजी, अचिंत कौर, विद्या मालवडे, आदित्य लाखिया और राज जुत्शी जैसे कलाकारों की लंबी-चौड़ी फौज है, लेकिन ये बात शायद ही कोई जानता होगा. इसलिए हमारी राय यही है कि यदि आप आमिर खान के डाई हार्ट फैन हैं, बड़े पर्दे पर उनका आइटम सॉन्ग देखना चाहते हैं, तो फिल्म देखने जाइए, वरना कोरोना काल में घर में रहना ज्यादा सुरक्षित है. अब रिस्क लेकर सिरदर्द लेने का क्या फायदा?
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