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Updated: 24 अप्रिल, 2022 08:01 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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''मैं बहुत जिद्दी आदमी हूं. अगर मैं फिसल कर गिर भी जाता हूं, तो मकड़ी तरह चढ़ता रहता हूं. केकड़े की तरह चढ़ने की कोशिश करता रहता हूं, भले ही सौ बार गिरूं, लेकिन मेरी कोशिश कभी बंद नहीं होगी. मेरी नजर में गिरने का मतलब रुकना नहीं होता. मैं इसी तरह का आदमी हूं''...साल 2019 में अपना डिजिटल डेब्यू कर रहे अभिनेता मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' रिलीज होने वाली थी, उस वक्त दिल्ली के होटल ली मेरिडियन में मेरी उनसे मुलाकात हुई थी. मेरे साथ हुई बातचीत में मनोज ने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में खुलकर बातें की थीं. उनके अंदर गजब का जोश, जज्बा और जिजीविषा देखने को मिला. सभी जानते हैं कि उनके करियर में कई बार उतार-चढ़ाव आया है. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी है. कोशिश करते रहे. सही मौके का इंतजार करते रहे.

अभिनेता मनोज बाजपेयी से जब मैंने पूछा कि ऐसे वक्त में वो क्या करते थे, जब उनको पास कोई काम नहीं होता था. अपने डाउन टाइम को कैसे देखते हैं? इस पर अभिनेता ने कहा, ''मेरा जब भी डाउन टाइम होता था, तो मुझे लगता था कि भगवान ने मुझे एक अवसर दिया है, अपने ऊपर काम करने के लिए. डाउन टाइम में मेरे लिए वो होता है, जहां पर मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता सकता हूं. डाउन टाइम वो होता है, जब मैं अपने गांव कई बार जा सकता हूं. जब दिल्ली में अपने दोस्तों के साथ बैठकर बहुत सारे गप्पे मार सकता हूं. डाउन टाइम में बहुत ज्यादा पढ़ता हूं. मुझे पढ़ने का बहुत शौक है. डाउन टाइम को आर्शिवाद की तरह लेता हूं, कर्ज की तरह नहीं.'' वाकई इसी सकारात्मक सोच की वजह से आज मनोज शोहरत की बुलंदियों को छू रहे हैं, वरना कब के खत्म हो जाते.

दिग्गज फिल्म मेकर शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाले मनोज बाजपेयी ने अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' से अपना डिजिटल डेब्यू किया है. मैंने उनसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आने की वजह पूछी तो उनका कहना था, ''डिजिटल एक ऐसा मीडियम है जो आज तो बढ़ ही रहा है, कल बहुत बड़ा होगा. कल आपको कई सारे एक्टर कहीं और नहीं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ही दिखाई देंगे. मुझे लगा कि डिजिटल का हिस्सा बना जाए, लेकिन सही समय का इंतजार था. मैं खोज रहा था कि मुझे वो बेहतरीन मौका कौन देगा. क्योंकि मुझे जो ऑफर मिल रहे थे वो कमाल के नहीं थे और जम नहीं रहा था. जो कमाल के होते भी थे, तो उसमें कुछ नया नहीं लग रहा था. जब अमेजन प्राइम वीडियो की तरफ से इस प्रोजेक्ट का ऑफिर मिला, तो मैंने तुरंत हां कर दिया.''

'द्रोहकाल', 'दस्तक', 'दौड़', 'तमन्ना' जैसी फिल्मों में काम करने वाले मनोज अपना असल डेब्यू साल 1998 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' को मानते हैं,. इस फिल्म ने उनकी जिंदगी बदल दी थी. इस फिल्म में उनके किरदार 'भीखू म्हात्रे' को पूरे देश में पहचान मिली. इसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. इसके बाद तो उनके सामने फिल्मों की लाइन लग गई थी. लेकिन सही कहानी और किरदार की तलाश में उन्होंने कई ऑफर रिजेक्ट किए थे. वो भी तब जब परिस्थितियां उनके खिलाफ थीं. 'शूल', 'पिंज', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'अलीगढ़' जैसी फिल्मों से उन्होंने अपने अभिनय का स्तर बहुत ऊंचा कर लिया था. वेब सीरिज़ 'द फैमिली मैन' में उन्होंने एक बार फिर 'सत्या' वाली सफलता दिखाई है. इसमें उनके किरदार श्रीकांत तिवारी को बहुत लोकप्रियता मिली है. एक बार मनोज ने कहा था, ''पहली सफलता के बाद जब मैंने अपना पहला घर खरीदा तब मैं जान गया था कि मैं इंडस्ट्री में बना रहूंगा. सपने जब सच होने लगते हैं तो मेहनत मायने नहीं रखती है''.

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मनोज बाजपेयी के पांच किरदार जो उनको अवॉर्ड विनिंग एक्टर बनाते हैं...

1. किरदार- भीखू म्हात्रे

खासियत- मुंबई का एक गैंगस्टर, जो अपराधी होते हुए भी सही और गलत का फर्क समझता है, जिसे प्यार की कीमत पता है.

फिल्म- सत्या

रिलीज डेट- 3 जुलाई 1998

फिल्म 'सत्या' को न केवल एक गैंगस्टर मूवी बल्कि एक कल्ट मूवी के तौर पर भी याद किया जाता है. इसे जिस मकसद से बनाया गया, उसे इसने पूरा किया. इसने अपनी बात अच्छे से रखी. यह उन फिल्मों में से एक है, जहां हम गैंगस्टर को एक इंसान के तौर पर भी देखते हैं. मनोज बाजपेयी इस फिल्म में निभाए अपने किरदार भीखू म्हात्रे को अपना सबसे पसंदीदा किरदार मानते हैं. उनका तो यहां तक कहना है कि उनके पास आज जो कुछ भी है, वो भीखू म्हात्रे की वजह से ही है, जिसने उनको नाम और काम दिलाया.

2. किरदार- राशिद

खासियत- एक मुस्लिम युवक जो खानदानी दुश्मनी में एक हिंदू लड़की का अपहरण करता है, लेकिन उसके पवित्र प्रेम में पूरी तरह से बदल जाता है.

फिल्म- पिंजर

रिलीज डेट- 24 अक्टूबर 2003

साल 1947 में हुए हिंदुस्तान-पाकिस्तान के विभाजन पर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं. लेकिन चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' दिल छूने में कामयाब रही है. इस फिल्म में अभिनेता मनोज बाजपेयी ने एक पाकिस्तानी युवक राशिद का किरदार निभाया है. अभिनेत्री उर्मिला मांतोडकर ने पूरो नामक हिंदू लड़की की भूमिका है. राशिद और पूरो के बीच खानदानी दुश्मनी होती है. इसी वजह से एक दिन मौका देखकर राशिद पूरों का अपहरण कर लेता है. उसे बंधक बनाकर अपने घर पर रखता है. लेकिन पूरो के व्यवहार की वजह से उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है और वो उससे प्यार करने लगता है. फिल्म में मनोज और उर्मिला कीके मिस्ट्री काबिले तारीफ है. इतना ही नहीं अपनी दमदार अदाकारी से दोनों ने अपने-अपने किरदार की हर भावना से दर्शकों को रूबरू कराया है. बदले की भावना, अपहरण, उसका अपराधबोध, मनोज ने सभी भावनाओं को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है.

3. किरदार- सरदार खान

खासियत- एक क्रूर, हिंसक और खुद को अपराजित समझने वाला गैंगस्टर, जिससे हर कोई खौफ खाता है.

फिल्म- गैंग्स ऑफ वासेपुर

रिलीज डेट- 22 जून 2012

अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' धनबाद के कोयला माफिया और तीन परिवारों के बीच अंतर्निहित सत्ता संघर्ष, राजनीति और प्रतिशोध पर केंद्रित है. इसमें मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, ऋचा चड्ढा, हुमा कुरैशी और तिग्मांशु धूलिया जैसे कलाकार प्रमुख किरदारों में हैं. इस फिल्म को इसकी कहानी से ज्यादा इनमें काम कर रहे कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी के लिए जाना जाता है. इस फिल्म के जरिए ही मनोज बाजपेयी की डूबते करियर को सहारा मिला, तो पंकज त्रिपाठी और नवाजुद्दीन सिद्दकी जैसे कलाकारों को नई पहचान मिली. इसके बाद से इन तीनों की ही किस्मत ही बदल गई. फिल्म में मनोज का किरदार सबसे ज्यादा चर्चित रहा है.

4. किरदार- वीरेंद्र प्रताप

खासियत- एक बड़े सियासी परिवार से संबंध रखने वाले राजनेता वीरेंद्र प्रताप के किरदार में दमदार अभिनय प्रदर्शन

फिल्म- राजनीति

रिलीज डेट- 4 जून 2010

''करारा जवाब मिलेगा''...फिल्म राजनीति का ये डायलॉग जितना मशहूर हुआ था, उतना ही अभिनेता मनोज बाजपेयी का किरदार भी लोकप्रिय हुआ था. इस फिल्म में मनोज ने एक बहुत बड़े सियासी परिवार से संबंध रखने वाले राजनेता वीरेंद्र प्रताप का किरदार निभाया है, जिसके पिता की तबियत खराब होने के बाद उसके साथ छल करके गद्दी और सत्ता दोनों छीन ली जाती है, लेकिन अपने कुछ दोस्तों की मदद से वो सबकुछ हासिल करने की पूरी कोशिश करता है. इस किरदार में मनोज ने अपने दमदार अभिनय से जान डाल दी है.

5. किरदार- श्रीकांत तिवारी

खासियत- पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच फंसा एक पिता, पति और जासूस के किरदार में मनोज ने अलग-अलग भावों और भावनाओं को जिया है.

वेब सीरीज- द फैमिली मैन

रिलीज डेट- 30 सितंबर, 2019

'द फैमिली मैन 2' एक थ्रिलर एक्शन-ड्रामा सीरीज है. इसमें एक मिडिल क्लास मैन श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) की कहानी को दिखाया गया है. श्रीकांत तिवारी एनआईए एजेंट हैं. उसे अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच बैलेंस बनाने में संघर्ष करते हुए देखा जा सकता है. एक मिडिल क्लास फैमिली और एक जासूस किन हालातों से गुजरता है, इसे इस वेब सीरीज में बखूबी से दिखाया गया है. श्रीकांत तिवारी एक ऐसा जासूस है, जो अपने परिवार को भी नहीं बता सकता कि वह किस तरह का काम करता है.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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