मनोज बाजपेयी से पंकज त्रिपाठी तक, OTT पर ओवरएक्सपोजर इन कलाकारों के लिए नुकसानदेह है
मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, राधिका आप्टे, तनुज विरवानी, दर्शन कुमार और दिव्येंदु शर्मा जैसे फिल्मी कलाकारों को बीतों कुछ ही महीनों में कई वेब सीरीज में देखा गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि लगातार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नजर आने वाले इन सितारों के लिए ओवरएक्सपोजर कहां तक ठीक है?
-
Total Shares
कोरोना काल में OTT प्लेटफॉर्म्स लोगों के लिए मनोरंजन का सबसे बड़ा जरिया बनकर सामने आया है. यही वजह है कि भारत में तेजी से OTT प्लेटफॉर्म्स की संख्या बढ़ी है. एक वक्त था जब लोग केवल नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो के सहारे रहते थे, लेकिन आज 40 से ज्यादा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं, जो यूजर्स को ओरिजिनल कंटेंट उपलब्ध करा रहे हैं. सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स नहीं खुलने की वजह से वेब सीरीज के अलावा नई फिल्में भी ओटीटी पर आ रही हैं. कई प्रोडक्शन हाउस ऐसे हैं जो फिल्मों की तरह ही वेब सीरीज पर फोकस कर रहे हैं. इस वजह से कलाकारों की डिमांड भी बढ़ी है. खासकर मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, राधिका आप्टे, तनुज विरवानी, दर्शन कुमार और दिव्येंदु शर्मा जैसे कलाकार जो ओटीटी पर हिट हो चुके हैं. उनकी मांग ज्यादा है.
मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन', पंकज त्रिपाठी की वेब सीरीज 'मिर्जापुर' और दिव्येंदु शर्मा की वेब सीरीज प्यार का पंचनामा ओटीटी पर सुपरहिट साबित हुई हैं. इन सभी वेब सीरीज को दूसरे सीजन भी स्ट्रीम हुए हैं और तीसरे की तैयारी चल रही है. ऐसे में ये कलाकार लगातार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर किसी न किसी सीरीज या फिल्म में आए दिन दिखते रहते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के जरिए इन कलाकारों का ओवरएक्सपोजर कहां तक ठीक है? क्या ये इनके लिए फायदेमंद है या भविष्य में इनके करियर के लिए नुकसानदेह साबित होगा? इन सवालों के जवाब जानने से पहले एक किस्सा पढ़ाते हैं.
मनोज बाजपेयी और पंकज त्रिपाठी, इस वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म के सबसे डिमांडिंग कलाकार हैं.
ये किस्सा फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार और आशुतोष राणा से जुड़ा हुआ है. हुआ यूं कि एक बार एक कार्यक्रम में आशुतोष राणा की दिलीप साहब से मुलाकात हो गई. वो उनके पास गए अपना परिचय देते हुए बोले- 'सर, मेरा नाम आशुतोष राना है. मैं नवोदित अभिनेता हूं, मैंने हाल ही में दुश्मन नाम की एक फ़िल्म की है जिसे महेश भट्ट सर और मुकेश भट्ट सर की विशेष फ़िल्मस ने प्रोडयूस किया है, तनुजा चंद्रा इसकी निर्देशक हैं.' आंखों में किंचित मुस्कान लिए बहुत धैर्यपूर्वक सुन रहे दिलीप कुमार बहुत स्नेह से आशुतोष का हाथ अपने हाथ में थामते हुए बोले- 'बर्खुरदार, मैंने आपका काम देखा है. आपके हुनर से इत्तफ़ाक़ भी रखता हूं, इसलिए आपको एक मशविरा देना चाहता हूं. चाहे दिलीप कुमार हो या आशुतोष राणा, हम सभी अभिनेता खिलौना बेचने वाले जैसे होते हैं.'
दिलीप साहब आगे बोले- 'हम सभी के पास एक निश्चित संख्या में खिलौने होते हैं. अब ये तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है कि तुम अपने सभी खिलौनों को सिर्फ पांच साल में बेंचकर अपनी दुकान बंद कर लेते हो, या तुम एकदम से नहीं बल्कि धीरे-धीरे अपने पास के खिलौनों को पचास साल तक लगातार बेचते रहते हो. तुम काम जानते हो इसलिए मेरा मशविरा है की जल्दबाज़ी मत करना, बहुत जतन से काम करना, किसी दौड़ का हिस्सा मत बनाना. हो सकता है बीच में तुम्हारे पास बिलकुल भी काम ना हो, कुछ काम तुम्हारे हाथ से छूट जाएं लेकिन तुम जगह मत छोड़ना. अपनी चाल चलना और दुनिया से कहना- 'मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे और फिर मेरी चाल देख ले.'
वैसे तो ये मशविरा दिलीप कुमार ने आशुतोष राणा को दिया, लेकिन काम ये उन सभी सितारों के आ सकता है, जो इनदिनों ओवरएक्सपोजर के शिकार हैं. इसके पीछे दो वजहें हो सकती हैं. पहला ये कि उनका खुद का डिसीजन हो की लंबे समय बाद उनको काम मिलना शुरू हुआ है, तो वो लगातार काम करें. दूसरा कई बार डिमांड इतनी ज्यादा होती है कि सामने वाला चाहकर भी मना नहीं कर पाता. उसका मन नहीं होता फिर बाजार के दबाव के आगे वो झुक जाता है. जैसे कि पंकज त्रिपाठी की कहानी कुछ ऐसी ही है. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में कहा था- 'मैं अभिनय करते-करते थक गया हूं. बर्नआउट की सीमा तक पहुंच चुका हूं. मुझे कुछ महीनों के लिए काम से ब्रेक लेने की जरूरत है, लेकिन इंडस्ट्री मुझे छुट्टी नहीं लेने देगी. मैं अपनी जीवन-यात्रा के बारे में सोचना चाहता हूं, खुद को खोजना चाहता हूं, यह आंकलन करना चाहता हूं कि कहीं मैं जरूरत से ज़्यादा काम तो नहीं कर रहा.' पंकज त्रिपाठी की इन बातों से साफ जाहिर हो रहा है कि न चाहते हुए भी वो काम किए जा रहे हैं.
नेटफ्लिक्स की चर्चित वेब सीरीज दिल्ली क्राइम में अहम रोल निभाने वाली अभिनेत्री शेफाली शाह का इस मसले पर कहना है, 'जब आप इतने सारे अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं तो इसमें ओवरएक्सपोजर क्या है. मैं यही काम करने तो यहां आई हूं. मुझे यह जानकर अच्छा लगता है कि लोग मुझे मेरे बजाय मेरे किरदारों से पहचानते हैं. वो मेरा काम देखते हैं, मेरा किरदार को पसंद करते हैं, शेफाली को नहीं.' इस पर अभिनेता दर्शन कुमार कहते हैं, 'लोग मुझे बार-बार अलग-अलग किरदारों में देखते रहते हैं. यदि मैं एक तरह का किरदार निभाता तो शायद ये दर्शकों को बोर करता और ओवर एक्सपोजर का खतरा रहता है, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा. जैसे कि मैंने फिल्म तूफान में एक बॉक्सर की भूमिका निभाई. वेब सीरीज द फैमिली मैन में मेजर तो आश्रम में एक पुलिस अफसर का रोल किया है. यह अभिनेताओं के लिए अच्छा समय चल रहा है, इसलिए हमें सराहना मिल रही है. हमें काम मिल रहा है. इसमें कोई बुराई नहीं है, न ही ओवर एक्सपोजर का खतरा है.'
ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'सनफ्लावर' में एक पुलिस अफसर का रोल करने वाले अभिनेता रणवीर शौरी का कहना है, 'ऐसा नहीं है कि मैं एक सुपरस्टार हूं जो एक साल या दो साल में केवल एक फिल्म रिलीज करूं. मैं उस कैटेगरी में शामिल नहीं हूं. मैं विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं और परियोजनाओं का हिस्सा बनूं, मुझे इसी में खुशी मिलेगी. यदि हर महीने मेरी फिल्म या वेब सीरीज रिलीज हो तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं.' अभिनेत्री दिव्या दत्ता कहती हैं, 'अभी जो कास्ट कर रहे हैं, वो कहेगा कि अरे ये तो हर सीरीज में नजर आ रहा है, इसको छोड़ दो. वहीं कुछ लोग उसके फेवर में भी बोलेंगे. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे समझते हैं. आप वही करते हैं जो आपको पसंद है और अपने आप को इतना स्पेस दें. यदि आप अपने काम को एन्जॉय कर रहे हैं, तो दर्शक भी करेंगे.'
आपकी राय