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Updated: 20 नवम्बर, 2021 06:53 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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ठगों की जिंदगी कौतूहल से भरी होती है. यही वजह है कि उनकी कहानियां बहुत दिलचस्प होती हैं; और दिलचस्प कहानियों में बॉलीवुड की दिलचस्पी हमेशा से ही रही है. साल 1968 में रिलीज हुई दिलीप कुमार की फिल्म 'संघर्ष', साल 2018 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' से लेकर आज यानी 19 नवंबर को रिलीज हुई सैफ अली खान और रानी मुखर्जी की फिल्म 'बंटी और बबली 2' तक, इन सभी फिल्मों में ठगों और उनके कारनामों को दिखाया गया है. इसी पर आधारित वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर आज से स्ट्रीम हो रही है. इसमें अभिनेता रवि दुबे, रवि किशन, पीयूष मिश्रा, जोया अफरोज, मधुर मित्तल, राजेश शर्मा और नावेद असलम जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं. इस वेब सीरीज का निर्देशन अजय भुयान ने किया है.

kand_650_111921083313.jpgवेब सीरीज 'मत्स्य कांड' एक बदमाश पुलिस अफसर और शातिर ठग के बीच चूहे-बिल्ली का खेल दिखाया गया है.

जैसी कि वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' के नाम में शामिल 'कांड' शब्द से ही प्रतीत होता है कि ये घपले और घोटालों पर आधारित है, जिसे मत्स्य ठाडा नाम का एक बहुरूपिया शातिर ठग कई वारदातों को अंजाम देता है. उसी के इर्द-गिर्द वेब सीरीज की कहानी घूमती है. इसके हर एपिसोड का एक विशेष शीर्षक है, जो पौराणिक किरदारों या घटनाओं को ध्यान में रखकर रखा गया है, विशेष रूप से महाभारत से. इसके अलावा वेब सीरीज का एक किरदार आनंद पंडित जिस तरह से इसकी कहानी को नैरेट करता है, वो उसे दिलचस्प बनाता है. इसमें आनंद पंडित मत्स्य की जिंदगी को महाभारत के अनेक किरदारों से जोड़कर पेश करता है. जैसे कि पहले एपिसोड का शीर्षक 'अभिमन्यु' है. जिस तरह महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने की कोशिश करता है, उसी तरह जेल में बंद मत्स्य सलाखों को तोड़कर भागने की कोशिश करता है.

Matsya Kaand Season 1 की कहानी

वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' की कहानी के केंद्र में सबसे महत्वपूर्ण किरदार है, मत्स्य ठाडा (रवि दुबे) का, जो सारे कांड को अंजाम देता है. वो एक बहुत ही शातिर बहरूपिया है. पहले भी देश में कई बड़े कांड कर चुका है. अपने हुनर और चालाकी के बल पर पुलिस को नाकों चने चबवा दिए हैं. लेकिन इसके 'कॉन मैन' यानी शातिर ठग बनने की दास्तान शुरू होती है जेल में सलाखों के पीछे. दरअसल, मत्स्य ठाडा कारगिल युद्ध में शहीद हुए अपने पिता के नाम पर उसकी मां को आवंटित पेट्रोल पंप को आग लगाते हुए पकड़ा जाता है. जेल में उसकी मुलाकात आनंद पंडित (पीयूष मिश्रा) से होती है, जिसके सांसारिक और आध्यात्मिक ज्ञान से वो बहुत ही ज्यादा प्रभावित होता है. आनंद पंडित के रूप में उसे एक गुरु मिलता है, जो महाभारत की शिक्षाओं का उपयोग करके उसे सजा पूरी होने के बाद जेल से बाहर जीवन के लिए तैयार करता है.

जेल से निकलने के बाद मत्स्य ठाडा एक बहुत ही शातिर अपराधी बनकर बड़ी घटनाओं को अंजाम देने लगता है. जेल में जरायम की दुनिया के गुरुओं की सीख उसके बहुत काम आती है. वो रूप बदलने में माहिर है. हर बड़ी घटना या घोटाले के बाद अपना रूप बदल लेता है. ऐसे में इस मत्स्य को पकड़ने और कांड का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से यह काम तेजतर्रार एसीपी तेजराज सिंह को सौंपा जाता है. इस शो में भोजपुरी सुपरस्टार रविकिशन एसीपी तेजराज सिंह की भूमिका में नजर आएंगे. तेजराज सिंह बहुत ही चालाक और अपने लक्ष्य को पूरा करने वाला इंसान है. उसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह शातिर अपराधी की तरह सोच सकता है. वह अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सिस्टम के खिलाफ जाने से भी नहीं डरता है. इस तरह चोर और पुलिस के बीच चूहे-बिल्ली की रेस शुरू हो जाती है.

Matsya Kaand Season 1 की समीक्षा

बॉलीवुड ने ठगी, चोरी और लूट जैसे विषयों पर कई बड़े बजट की फिल्में बनाई हैं, जिसमें नायक के अलग-अलग लुक दिखाए गए हैं. जैसे कि फिल्म 'धूम 2' को ही ले लीजिए इसमें सुपरस्टार रितिक रोशन लूट की वारदात को अंजाम देने और पुलिस से बचने के लिए कई लुक्स का सहारा लेते हैं. वो एक बूढ़ी औरत, एक बौने और एक मूर्ति के रूप में नजर आते हैं. इस तरह वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' देखऩे के बाद आपको लगेगा कि आपने इस कहानी को पहले भी कई बार देखा हुआ है. उसी तरह इसमें निर्देशक अरुण भुइयां ने मेरठ, दिल्ली और जयपुर जैसी जगहों पर दिखाई गई कहानी में एक बदमाश पुलिस वाले और शातिर ठग के बीच चूहे और बिल्ली के खेल को अच्छे से पेश किया है. इसमें काफी ट्विस्ट और टर्न हैं, जो आपको हैरान कर देंगे. इसमें पुलिस अफसर तेजराज सिंह की जिद पत्थर की लकीर की तरह दिखाई गई है. वह अपना मकसद पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. उसी तरह शातिर ठग मत्स्य भी एक ऐसा बहुरुपिया है, जिसे पकड़ना नामुमकिन है.

वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' कॉन-थ्रिलर जॉनर में बनाई गई है. यह एक ऐसा जॉनर है, जिसमें इस विषय पर बेहद कम सीरीज बनाई गई हैं. औसत निर्देशन के अलावा सोनाली धतरक द्वारा प्रोडक्शन डिजाइन काफी शानदार है. सिनेमाटोग्राफर मनोज रेड्डी ने भी बेहतरीन काम दिया है. उन्होंने दिल्ली, मेरठ और जयपुर शहर रंगीनियत को उसके ही अंदाज और रंग में बहुत ही बारीकी से अपने कैमरे में कैद किया है. हालांकि एडिटिंग थोड़ी कसी हुई हो सकती थी, लेकिन इससे शो पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जहां तक एक्टरों के परफॉर्मेंस की बात है, तो सभी ने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है. मत्स्य ठाडा के किरदार में रवि दुबे ने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है. बहुरुपिया बनने पर अलग-अलग लुक में वो कम ही पहचाने जा पा रहे हैं. हालांकि, उनका पहला गेटअप फिल्म 'कबीर सिंह' शाहिद कपूर के किरदार जैसा लगता है. पुलिस अफसर तेजराज सिंह की भूमिका में भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन ने शानदार काम किया है. उनका चरित्र दमदार नजर आता है.

कनिंग बेटिंग किंगपिन सूरी सक्सेना के किरदार में राजेश शर्मा ने प्रभाव डालने की पूरी कोशिश की है. पीयूष मिश्रा, जिन्होंने इम्तियाज अली के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म तमाशा में एक कहानीकार की भूमिका निभाई है, वेब सीरीज में आनंद पंडित के किरदार में अच्छा काम किया है. ज़ोया अफरोज और मधुर मित्तल उर्वशी और राजू राजेश्वर के किरदार में औसत लगे हैं. कुल मिलाकर, वेब सीरीज 'मत्स्य कांड' एक रोचक कहानी और रवि दुबे, रवि किशन और पीयूष मिश्रा के बेहतरीन अभिनय के लिए एक बार देखा जा सकता है. इसमें हो सकता है कि आपको कुछ अनोखा न दिखे, लेकिन रोचक जरूर मिलेगा.

iChowk.in रेटिंग: 5 में से 2.5 स्टार

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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