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Updated: 19 सितम्बर, 2020 08:34 PM
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ओटीटी प्लैटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फ़िल्म रिलीज होने वाली है, जिसका नाम है सीरियस मेन. नैशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर सुधीर मिश्रा की इस फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है. सीरियस मैन आगामी 2 अक्टूबर को रिलीज कर जी जाएगी, जिसके बाद आपलोग एक बार फिर नवाज की जादुई एक्टिंग से दो-चार हो सकेंगे. मनु जोसेफ के उपन्यास सीरियस मेन पर आधारित नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फ़िल्म एक वंश के बौद्धिक विकास की दास्तां हैं, जिसे देखकर आप महसूस करेंगे कि एक पिता के लिए उसके बेटे की सफलता और उसे ऊंचे मुकाम पर देखने से बड़ी मेहनत और सुख कुछ भी नहीं. सीरियस मेन में नवाज के साथ ही श्वेता बासु प्रसाद, नसीर, इंदिरा तिवारी, अक्षत दास और संजय नारवेकर प्रमुख भूमिका में हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी सीरियस मेन में एक ऐसे पिता की भूमिका निभा रहे हैं, जो दुनिया को विकास का मतलब समझा रहा है. आप सोचेंगे कि यहां किस तरह के विकास की बात हो रही है? चलिए आपको बताते हैं.

दुनिया में सकारात्मक बदलाव यानी विकास की कहानी बिल्कुल उसी तरह है जैसे दुनिया में इंटरनेट का आगमन हुआ. आज से सैकड़ों वर्ष पहले भी जिंदगी थी और लोग खा-पी-सो रहे थे. लेकिन वह जिंदगी बेहद सीमित थी, जहां लोग सीमित संसाधन में अपना गुजर बसर करते थे और जानकारी के अभाव में उनकी ख्वाहिशें भी सिमटी हुई थीं. लेकिन जैसे-जैसे विज्ञान और प्रोद्दौगिकी में विकास हुआ, इंटरनेट लोगों की जरूरत बनने लगा और फिर दुनिया इस तरह विकसित होने लगी कि आज लोग घर बैठे अपने मोबाइल और लैपटॉप पर मिनटों में दुनिया की सैर कर सकते हैं. यानी लोगों की सोच के साथ ही जीवनशैली में भी काफी बदलाव हुआ और इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी शिक्षा की, क्योंकि बिना एजुकेशन के लोग अपना बौद्धिक विकास कर ही नहीं पाते हैं. इसे विकास की परिभाषा माना जा सकता है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फ़िल्म में भी इसी विकास की झलक दिखती है, जिसमें नवाज इंटरनेट के विकास यानी 2जी और 4जी के जरिये अपनी दास्तां कहते दिखते हैं.

सीरियस मेन की कहानी कुछ इस तरह है...

सीनियर जर्नलिस्ट मनु जोसेफ के साल 2010 में आए उपन्यास सीरियस मेन पर आधारित डायरेक्टर सुधीर मिश्रा की फ़िल्म की कहानी अय्यन मणि (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) नामक दलित कर्मचारी की है, जो मुंबई स्थित झुग्गी झोपड़ी में अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहता है. उसे अपनी जिंदगी में काफी मलाल रहता है कि वह ज्यादा पढ़ नहीं सका. इससे लिए वह अपने बाप को भी कोसता है. अय्यन मुंबई स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ थ्योरी एंड रिसर्च में एक ब्राह्मण ज्योतिषी के असिस्टेंट के रूप में काम करता है. खुद को बेहतर स्थिति में न पाने के मलाल में अय्यन अपने बेटे से सारी उम्मीदें लगा बैठता है और उसके बेटे में झूठी अफवाह फैला देता है कि वह साइंस का जीनियस है. हालांकि, वह अपने बेटे को काफी पढ़ाता भी है. अय्यन के बेटे को भी पढ़ने का काफी शौक है और वह बेहद कम उम्र में बड़े क्लास की किताबें पढ़ जाता है. ऐसे में कुछ संगठन और पार्टी उसकी मदद को आते हैं और अय्यन के बेटे की कहानी दुनिया को दिखा देते हैं. बाद में अय्यन के बेटे की प्रतिभा देखकर उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजने की योजना बनती है. लेकिन एक दिन अय्यन का झूठ पकड़ा जाता है और फिर उसकी जिंदगी में क्या कुछ होता है, इसी कहानी को नवाज समेत अन्य कलाकारों ने बेहद सादगी और खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है, जो कि सुधीर मिश्रा और नवाज के फैंस के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है.

कॉमेडी, इमोशन और सोशल मेसेज

मनु जोसेफ के उपन्यास को स्क्रीनप्ले की शक्ल देने वाले भावेश मंदालिया ने फ़िल्म को भी उपन्यास की तरह ही हंसी और गंभीरता के साथ सामाजिक संदेश देने वाली कहानी के रूप में पेश किया है, जिसमें सुधीर मिश्रा की मास्टरी ने और निखार दिया है. सीरियस मेन नवाजुद्दीन सिद्दीकी के करियर की बेहद अहम फ़िल्म साबित होने वाली है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी कई मौकों पर बोल चुके हैं कि वह अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत से ही कोशिश कर रहे थे कि उन्हें सुधीर मिश्रा की फ़िल्म में काम करने का मौका मिले. इसका कारण हजारों ख्वाहिशें ऐसी, ये साली जिंदगी, चमेली और इस रात की सुबह नहीं जैसी फ़िल्में हैं, जिसमें सुधीर मिश्रा के अद्भुत निर्देशन का जलवा दिखता है और थिएटर बैकग्राउंड का हर एक्टर अपनी जिंदगी में सुधीर मिश्रा के साथ जरूर काम करना चाहता है. ऐसे में जब सीरियस मेन लोगों के सामने होगी तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि डायरेक्टर और एक्टर की यह जोड़ी दर्शकों पर क्या छाप छोड़ने वाली है.

 
 
 
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बीस साल बाद... #seriousman

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उल्लेखनीय है कि सीरियस मेन नेटफ्लिक्स और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यारी का एक नया पड़ाव है, जो कि सेक्रेड गेम्स, रात अकेली है जैसे रास्तों से होकर आई है. नेटफ्लिक्स की फ़िल्म और वेब सीरीज में नवाज का अलग ही रूप देखने को मिलता है और उम्मीद है कि सीरियस मेन में भी नवाज बिल्कुल अलग अंदाज में नजर आएंगे. एक और बात बताना जरूरी है कि बीते कुछ महीनों के दौरान कई ऐसी फ़िल्में और वेब सीरीज आई हैं, जो कि उपन्यास पर आधारित थी. हाल ही में रिलीज बॉबी देओल की फ़िल्म 83 हो या इमरान हाशमी की वेब सीरीज बार्ड ऑफ ब्लड, ये सभी उपन्यास पर आधारित थीं. अब इसी कड़ी में एक और फ़िल्म सीरियस मेन आ रही है, जो मनु जोसेफ के उपन्यास पर आधारित है.

 
 
 
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Video Credit : @sudheertomar09

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