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Updated: 06 जनवरी, 2017 04:55 PM
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6 जनवरी 2017 की सुबह भारत के लिए एक बुरी खबर ले कर आई, जब तड़के दिल का दौरा पड़ने से 66 साल के बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ओम पुरी का निधन हो गया. बॉलीवुड के मूर्धन्य कलाकार जिनका योगदान समानांतर सिनेमा के अलावा मुख्या धरा की फिल्मो में भी है, इसके साथ ही हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया और वहां भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया. जीवन के तमाम रंगों को गरीब, आमिर, चरित्र, खलनायकी ... को पुरी साहब ने रंगमंच से लेकर सिल्वर स्क्रीन बखूबी उकेरा और अपनी प्रतिभा से 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करके मनोरंजन जगत को अभिभूत कर दिया. उनकी कॉमिक टाइमिंग भी काफी शानदार थी. एक साधारण से चेहरे के साथ वो आए और अपनी अदाकारी के दम पर छा गए.

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 ओम पुरी ने अपने करियर में हर तरह का किरदार निभाया

18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला में जन्मे ओम पुरी ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी. 1980 में आई 'आक्रोश' ओम पुरी के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित थी. 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक अभिनय पढ़ाया. उन्होंने अपने निजी थिएटर ग्रुप 'मजमा' की स्थापना की और फिर बॉलीवुड की ओर रुख किया. यहां भी वो अलग समानांतर फिल्मों के सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता के रूप में उभरने लगे. उनकी छवि धीर-गंभीर अभिनेता की बन गई. प्रयोगात्मक सिनेमा के दौर में ओम पुरी का अभिनय दर्शकों को खूब भाने लगा. भवनी भवई, स्पर्श, मंडी, आक्रोश, शोध जैसी फिल्मों में ओमपुरी के सधे हुए अभिनय का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला, पर उनके फिल्मी सफर में मील का पत्थर साबित हुई, अर्द्धसत्य. अर्द्धसत्य में युवा, जुझारू और आंदोलनकारी पुलिस ऑफिसर की भूमिका में वे बेहद जंचे.

धीरे-धीरे ओमपुरी समानांतर सिनेमा की जरूरत बन गए. समानांतर सिनेमा जगत में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ ओमपुरी ने मुख्य धारा की फिल्मों का भी रूख किया. उनके कुछ फिल्मे जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा - अर्ध्य सत्य, जाने भी दो यारों, मिर्च मसाला, आक्रोश, आस्था, तमस,  चाची 420, माचिस जैसी फिल्में है.

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ओमपुरी ने अपने करियर में कई हॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया है. इन फिल्मों में 'ईस्ट इज ईस्ट', 'माई सन द फैनेटिक', 'द पैरोल ऑफिसर', 'सिटी ऑफ जॉय', 'वोल्फ', 'द घोस्ट एंड द डार्कनेस', 'चार्ली विल्सन वॉर' जैसी फिल्में शामिल है.

ओम पुरी हमेशा व्यक्तिगत कारणों और अपनी टिप्पणियों के लिए विवादों में रहे हाल ही में शहीदों को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद लोगों ने उनकी तीखी आलोचना की थी. ओम पुरी को जब अपनी गलती का ऐहसास हुआ तब वह शहीद के घर गए और वहां घरवालों से लिपटकर फूट-फूटकर रोए थे.

बॉलीवुड के महारथी को भारत अभिनय के तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, भारत सरकार ने भी कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था.

किसी सामान्य व्यक्ति की तरह दिखने वाले इस असाधारण अभिनेता के प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग है जिसमें आम दर्शकों से लेकर शीर्ष के अभिनेता भी हैं. आज समानांतर फिल्मो का शहंशाह के मौत के बाद एक बॉलीवुड में आया एक बड़ा शून्य शायद ही जल्द भरेगा. बॉलीवुड के साथी कलाकारों से लेकर भारत के प्रधानमंत्री ने सिनेमा और थियेटर में ओमपुरी के अहम योगदान को याद करते हुए दुख जताया है.

लेखक

जगत सिंह जगत सिंह @jagat.singh.9210

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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