OMG-2 को A सर्टिफिकेट देकर सेंसर बोर्ड ने अपने पुराने पाप धो लिए हैं
फिल्म 'ओह माय गॉड 2' को सेंसर बोर्ड ने एडल्ट सर्टिफिकेट दिया है. इसके साथ ही फिल्म में 27 कट के आदेश भी दिए गए हैं. इसके बाद ही फिल्म 11 अगस्त को रिलीज की जा सकती है. 'आदिपुरुष' की तरह कई फिल्मों की वजह से अपनी भद्द पिटवा चुका सेंसर बोर्ड अब जग चुका है. OMG 2 के जरिए फिल्म इंडस्ट्री को कड़ा संदेश दिया गया है.
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अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'ओह माय गॉड 2' को सेंसर बोर्ड ने A यानी एडल्ट सर्टिफिकेट दिया है. यह सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जो कि अश्लीलता की श्रेणी में आती हैं. इसे सिर्फ वयस्क यानि 18 साल या उससे अधिक उम्र वाले व्यक्ति ही देख सकते हैं. जैसे डर्टी पिक्चर, जिस्म 2 जैसी फिल्मों को A सर्टिफिकेट दिया गया था. इसके साथ ही फिल्म में 27 कट के आदेश भी दिए गए हैं. इसके बाद ही फिल्म रिलीज की जा सकती है. देखा जाए तो फिल्म OMG 2 के मेकर्स के लिए ये किसी गहरे सदमे से कम नहीं होगा, क्योंकि फिल्म को धार्मिक लिबास में परोसने की कोशिश की गई थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने पहली बार कड़ाई दिखाते हुए साफ संदेश दे दिया है कि अब लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की किसी को छूट नहीं मिलने वाली है.
ओम राउत की बहुचर्चित और विवादित फिल्म 'आदिपुरुष' के मामले में अपनी भद्द पिटवा चुका सेंसर बोर्ड अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. यही वजह है कि फिल्म 'ओह माय गॉड 2' के मामले में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाह रहा है. फिल्म के जितने कट और बदलाव के सुझाव दिए गए हैं, उससे पूरी फिल्म प्रभावित होती हुई नजर आ रही है. मेकर्स को अब मजबूरन फिल्म में कई बड़े बदलाव करने पड़ रहे हैं. इसमें अक्षय कुमार के किरदार में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. इस फिल्म में पहले अक्षय को भगवान शिव का अवतार बताया गया था, लेकिन अब शिव का दूत बताया जाएगा. कई आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों को भी बदला जा रहा है. इसके साथ ही पहले फिल्म को उज्जैन में आधारित बताया गया था, लेकिन अब उसे एक काल्पनिक जगह कर दिया गया है.
बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक, फिल्म में निम्नलिखित अहम बदलाव किए गए हैं...
- अक्षय कुमार के किरदार को भगवान का दूत बताया जाएगा.
- फिल्म से अश्लील और आपत्तिजनक सीन हटाए जाएंगे. उनकी जगह नागा साधुओं की फुटेज लगाई जाएगी.
- फिल्म के कई आपत्तिजनक संवाद भी हटाए गए हैं. इसमें 'महिलाएं नहीं देख सकतीं' की जगह अब 'ओ लाल शर्ट वाले भैया, बाबा का ध्यान करते रहे' किए जाएगा.
- फिल्म दिखाए गए एक स्कूल का नाम बदलकर 'सवोदय' कर दिया गया है.
- कोर्ट से संबंधित एक संवाद और उसके विजुअल को अश्लील और अपमानजनक मानते हुए हटा दिया गया है.
- एक संवाद में शिवलिंग, श्री भगवद गीता, उपनिषद, अथर्ववेद, द्रौपदी, पांडव, कृष्ण, गोपियां और रासलीला जैसे धार्मिक शब्द हटा दिए गए हैं.
- फिल्म टीजर में दिखाए गए अक्षय के किरदार के पानी से निकलते और ध्यान करते हुए दृश्य को भी बदल दिया गया है.
- पंकज त्रिपाठी के किरदार द्वारा अप्राकृतिक सेक्स के बारे में सवाल करने वाले दृश्य और संवाद को भी बदल दिया गया है.
- हस्तमैथुन के बारे में बात करने वाले एक किरदार के दृश्य और संवाद में जरूरी बदलाव किया गया है.
'आदिपुरुष' के मामले में लोगों का जबरदस्त विरोध झेल चुका बॉलीवुड अभी भी समझने और सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. बार-बार हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने की कोशिश की जा रही है. फिल्म 'ओह माय गॉड 2' की तरह 'आदिपुरुष' के लिए भी खूब धार्मिक माहौल बनाया गया था. उसे रामायण की कहानी बताते हुए जमकर श्रीराम के नाम का जयकारा लगाय़ा गया था. लेकिन फिल्म रिलीज के बाद लोगों को पता चला कि उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है. इस फिल्म में न केवल रामायण की कहानी से छेड़छाड़ की गई, बल्कि स्तरहीन संवाद रखे गए हैं. इसके बाद फिल्म के खिलाफ इस कदर नकारात्मक माहौल बना कि 650 करोड़ रुपए की लागत में बनी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई. फिल्म के निर्देशक ओम राउत और संवाद लेखक मनोज मुंतीशर को भयंकर विरोध का सामना करना पड़ा.
वैसे फिल्म 'ओह माय गॉड 2' के मामले में एक चीज पहली बार हो रहा है, वो ये कि कुंभकरण की नींद सोने वाला सेंसर बोर्ड अब जग चुका है. उसे समझ आ चुका है कि लोगों का गुस्सा बॉलीवुड के बाद उनके उपर भी फूटने वाला है. फिल्म 'आदिपुरुष' के मामले में भी लोगों ने सेंसर बोर्ड भी सवाल उठाए थे कि आखिर इस फिल्म को रिलीज क्यों होने दिया गया. इसके बाद धार्मिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों को अब बारीकी से देखा जाने लगा है. इसी का नतीजा है कि फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है. इतना ही नहीं इस फिल्म के ट्रेलर को भी UA सर्टिफिकेट दिया गया है. फिल्म में तमाम कट और बदलाव के बाद उसकी कुल लंबाई अब 2 घंटे 36 रह गई है. पिछले दो साल से लगातार नाकामी का सामना कर रहे अक्षय कुमार के 12 साल के करियर में ये पहली फिल्म है जिसे एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है.
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