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Updated: 17 मार्च, 2023 02:58 PM
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बॉलीवुड एक्ट्रेस और राज्यसभा सांसद जया बच्चन अक्सर अपने स्वभाव की वजह से सुर्खियों में रहती हैं. उनको कई जगहों पर सार्वजनिक रूप से गुस्सा व्यक्त करते हुए देखा गया है. उनकी तुनकमिजाजी की वजह से कई बार उनके पति अमिताभ बच्चन को शर्मिंदा भी होना पड़ा है. जया को अक्सर संसद में भी किसी मुद्दे पर बहुत बेबाकी से अपनी राय रखते हुए देखा गया है. कई बार आपा खोकर चिखते और चिल्लाते भी देखा गया है. एक बार तो उन्होंने राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ को उंगली भी दिखा दी थी, जिसकी वजह से उनकी बहुत आलोचना हुई थी. लेकिन इस बार उन्होंने 'आरआरआर' फिल्म के गाने 'नाटू नाटू' को ऑस्कर अवॉर्ड मिलने के बाद 'दक्षिण बनाम उत्तर' की जो बहस शुरू हुई है, उसके खिलाफ जो बयान दिया है, उसका हर किसी को स्वागत करना चाहिए.

दरअसल, एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म 'आरआरआर' के गाने 'नाटू नाटू' को ऑस्कर अवॉर्ड मिलने के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है. लोग सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक फिल्म के मेकर्स को अपनी बधाई प्रेषित कर रहे हैं. ऐसे में भला सियासत कैसे अछूती रह सकती है. ऑस्कर अवॉर्ड मिलने की खुशी देश के संसद में भी दिखाई दी है. संसद के दोनों सदनों में सांसदों ने अपनी-अपनी शुभकामनाएं दी हैं. इसी दौरान साउथ के दो अहम राजनीतिक दल एमडीएमके और एआईएडीएमके के नेताओं ने 'साउथ सिनेमा बनाम बॉलीवुड' का मुद्दा छेड़ दिया. दोनों ही दलों के कई नेताओं ने ऑस्कर अवॉर्ड का श्रेय साउथ सिनेमा को दे दिया. उनका कहना था कि साउथ का सिनेमा देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा समृद्ध है. इसलिए इसे दुनिया का इतना बड़ा सम्मान मिला है.

650x400_031523085053.jpgराज्यसभा सांसद जया बच्चन अक्सर अपने स्वभाव की वजह से सुर्खियों में रहती हैं.

एमडीएमके और एआईएडीएमके के नेताओं की इन बातों को सुनकर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन नाराज हो गईं. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि सिनेमा को हमें किसी क्षेत्र विशेष में बांटने की बजाए देश का कहना चाहिए. वैसे भी वैश्विक स्तर पर जाने के बाद ये भारतीय सिनेमा ही कहलाएगा. ऐसे में ये क्षेत्रीय विभेद कहां तक जायज है. जया ने कहा, ''मैं बहुत खुश हूं. मुझे बहुत खुशी है कि हम इस देश के सबसे महत्वपूर्ण एम्बेसडर के बारे में चर्चा कर रहे हैं, जो कि फिल्मी लोग हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे कहां से हैं, उत्तर, पूर्व, दक्षिण या फिर पश्चिम. वे सभी भारतीय हैं. मैं यहां हमारी फिल्म बिरादरी के लिए गर्व और गरिमा के साथ खड़ी हूं. इन्होंने कई बार इस देश का प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें सत्यजीत रे से लेकर कई लोगों ने पुरस्कार जीते हैं.''

जया बच्चन ने आगे कहा, ''मैं एसएस राजामौली को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं. उनके पिता और फिल्म लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद महज पटकथा लेखक नहीं है, वो कहानीकार भी हैं. वे इस सदन के भी सदस्य हैं. यह एक बड़ा सम्मान है. रचनात्मक दुनिया से ऐसे कई लोग हुए हैं, जिन्हें पहले और आज भी इस सदन में नामांकित किया गया है. ये सिर्फ शुरुआत है. मैं भारत की जनता का धन्यवाद देना चाहती हूं, जिनकी खातिर विदेश के लोग आज हमारी जनता को पहचान रहे हैं. भारतीय जनता को बधाई, जिसके कारण पश्चिम में लोग भारतीय निर्माताओं के महान काम को पहचान रहे हैं. सिनेमा का बाजार यहां हैं, अमेरिका में नहीं.'' अभिनेत्री से पहले एआईएडीएमके के नेता थंबी दुराई ने कहा कि वो उस तमिलनाडू से हैं, जहां ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' शूट हुई है.

भारतीय संसद में सिनेमा को लेकर सियासत यहीं तक खत्म नहीं हुई, उससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष रुप से तंज कस दिया. उन्होंने 'नाटू नाटू' को ऑस्कर अवॉर्ड मिलने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ''उम्मीद है कि मोदी सरकार इन पुरस्कारों का श्रेय नहीं लेगी.'' मल्लिकार्जुन खड़गे ये बोलते हुए संसद में जोर-जोर से हंसने लगे. उनकी बात सुनकर सत्ता पक्ष में बैठे पीयूष गोयल और एस जयशंकर के साथ कई नेता भी ठहाका लगाते हुए नजर आए. इसके बाद देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ अपनी खुशी जाहिर करते हुए यहां तक कह गए कि वो यदि वकील नहीं होते, निश्तित रूप से फिल्मों में काम कर रहे होते. खैर, सिनेमा ही सही इस विश्व स्तर के सम्मान की वजह से आज पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा है.

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