Panchayat 2 के अंतिम एपिसोड में राष्ट्रवाद का मुद्दा क्या बेमतलब है? जवाब ये रहा...
'राष्ट्रवाद' की चाशनी में डूबा हुआ Panchayat 2 का अंतिम एपिसोड चर्चा का विषय है. सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे लेकर भले ही अपना पक्ष रख रहे हों लेकिन इसे देखकर ये कहना गलत नहीं है कि पंचायत 2 के 8 वें एपिसोड के जरिये मेकर्स ने बलिया की असली विरासत को दुनिया के सामने पेश किया है. वाक़ई बलिया को स्थापित करने के लिए इसकी जरूरत थी.
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8 एपिसोड्स वाले पंचायत 2 को लेकर फैंस का उत्साह देखने योग्य है. अमेजन प्राइम पर प्रदर्शित हो रहे पंचायत 2 में जहां एक तरफ जीतेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, चन्दन रॉय और फैसल मलिक जैसे कलाकारों द्वारा की गयी एक्टिंग की तारीफ हो रही है. तो वहीं हर दूसरी बात को मुद्दा बनाने वालों ने इस वेब सीरीज में भी आलोचना के बिंब खोज लिए हैं. विषय बना है सीरीज का आठवां एपिसोड. कहा गया कि सीरीज में रोमांच का तड़का लगाने और इसे 'हिट' बनाने के लिए राष्ट्रवाद का मसाला छिड़का गया है. तर्क कुछ ऐसे भी हैं कि पंचायत 'हल्की फुल्की और गुदगुदाने वाली सीरीज है. ऐसे में जिस तरह लास्ट एपिसोड में जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सैनिक की शहादत को दर्शाया गया व्यर्थ में ही सीरीज को गंभीर करने का प्रयास हुआ है. इन तमाम आरोपों के बाद सवाल ये है कि क्या वाक़ई ऐसा है? क्या सच में एक सैनिक की शहादत को बतौर X-Factor इस्तेमाल किया गया?
अपने लास्ट एपिसोड में राष्ट्रवाद दिखाकर मेकर्स ने पंचायत 2 में बलिया को संपूर्ण कर दिया है
जवाब है नहीं. बहुत साफ़ शब्दों में कहें तो पंचायत 2 का 8वां एपिसोड उतना ही जरूरी है जितना पहला या फिर दूसरा और तीसरा एपिसोड. सीरीज का बैकड्रॉप फुलेरा है. फुलेरा, जिला बलिया का एक गांव है. देश के वो तमाम लोग जो बलिया से वाकिफ होंगे इस बात को बखूबी समझते होंगे कि बलिया उत्तर प्रदेश के उन चुनिंदा जिलों में से एक है जहां के ग्रामीण अंचल में ऐसे तमाम घर हैं जहां के बच्चे भारतीय सेना में हैं और देश की रक्षा कर रहे हैं.
हो सकता है कि पर्दे पर अपने जवान लड़के की मौत का विलाप करते फुलेरा के उप प्रधान प्रह्लाद पांडे के आंसुओं ने हमारी आंखों भी नम कर दी हों लेकिन जब हम बलिया के गांवों का अवलोकन और उनका विश्लेषण करते हैं तो मालूम यही देता है कि ताबूतों में जवानों के शव आना यहां के लोगों के लिए नया नहीं है.
The worst thing about Panchayat season 2 is.....it ends.If you haven't cried watching the last episode, you're no less than a "banrakas".#TVF Please bring back that happy Pralhad ?#PanchayatSeason2
— Prasad Morey (@PrasadMorey770) May 22, 2022
सीरीज का लास्ट एपिसोड हमें इस बात को भी समझा देता है कि फुलेरा का अर्थ केवल ख़राब सड़कें, आपसी नोकझोंक, खुले में शौच, दो से अधिक बच्चे, सचिव जी की चुनौतियां, प्रधान की सीट पर प्रधान पति का कब्ज़ा, वर्चस्व, बाहुबल और लौकी नहीं है. अगर फुलेरा की समस्याओं के साथ साथ उपरोक्त बिन्दुओँ पर बात होगी तो फिर शहीद और उनकी शहादत का जिक्र होगा. तिरंगे पर बात होगी. चर्चा का विषय राष्ट्रवाद होगा.
@panchayatThe last episode of Panchayat season -2 is very impactful. Wonderful story and screenplay ?? pic.twitter.com/cfeIqvw6yw
— Varun Tiwari (@IamPanditVarun) May 23, 2022
बिलकुल संभव है कि इस 8वें एपिसोड के जरिये मेकर्स ने शो को हिट करने. या ये कहें कि बज बनाने के लिए राष्ट्रवाद का इस्तेमाल बहुत ही चतुराई के साथ किया है. लेकिन हम इस बात को भी ख़ारिज नहीं कर सकते कि देश की सीमा पर शहीद होते सैनिकों की शहादत बलिया की शान है. यही वो बात है जो बलिया को लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर, जौनपुर जैसे यूपी के अन्य जिलों से अलग करती है.
Panchayat Season 2 last episode is emotional and ?? @TheViralFever @malikfeb you made us cry?? pic.twitter.com/X8aoMYxxXZ
— Ankit (@bittwobit) May 19, 2022
वो तमाम लोग जो सोशल मीडिया पर पंचायत 2 के आखिरी एपिसोड पर अंगुली उठा रहे हैं, उन्हें इस बात को समझना होगा कि फुलेरा का यथार्थ ही आखिरी यानी 8वां एपिसोड है बाकी जो है वो सब ऐसी कहानियां हैं जो फुलेरा में भी हैं और देश के अन्य गांवों में भी. भले ही हम जवान बेटे की मौत पर रो रहे प्रह्लाद को देखकर दुखी हों लेकिन हमें इस बात को भी समझना होगा कि बलिया में ऐसे तमाम फुलेरा हैं, ऐसे तमाम प्रह्लाद हैं.
Kash ye wala episode last episode hota Panchayat 2 ka . ?? pic.twitter.com/mFxzTDEO3f
— Prof Hunटरर ♂ ? (@nickhunterr) May 23, 2022
बहरहाल अब जबकि अपने 8वें एपिसोड के कारण पंचायत 2 ने सुर्खियां बटोरनी शुरू ही कर दी है. तो हम भी बस ये कहते हुए अपनी बातों को विराम देंगे कि मेकर्स वाक़ई धन्यवाद के पात्र हैं उन्होंने कुछ ही मिनटों में जिस तरह हमें जिला बलिया के गौरव से रू-ब-रू कराया वाक़ई इसकी बड़ी जरूरत थी, साथ ही हम ये भी कहेंगे कि सिर्फ इस एपिसोड से टीवीएफ और अमेजन प्राइम ने बता दिया कि अगर उन्होंने अपनी सीरीज के बैकड्रॉप के लिए बलिया को चुना तो उसके सभी बिंदुओं पर बात की और एक जिले के रूप में बलिया के साथ इंसाफ किया.
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