सिंगल खुश रहने वालों को जिंदगी में कब कब पड़ती है पार्टनर की जरूरत, एक्टर पार्थ की सुनिए
एक्टर पार्थ समथान (actor Parth Samthaan) ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए जो कुछ कहा है उससे कई लोग अपना सिंगल रहने का इरादा बदल सकते हैं.
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आपने बहुत से लोगों को सिंगल रहने की वकालत करते सुना होगा. कई लोगों का मानना होता है कि सिंगल रहने से इंसान खुश रहता है. हम आजाद होते हैं और अपनी मर्जी के मालिक होते हैं. वहीं एक्टर पार्थ समथान (Parth Samthaan) ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए जो कुछ कहा है उससे कई लोग अपना सिंगल रहने का इरादा बदल सकते हैं.
दरअसल, लड़कियों के चहेते एक्टर टीवी सीरियल ‘कसौटी जिंदगी की 2’ फेम एक्टर अनुराग बासु यानी एक्टर पार्थ ने एक इंटरव्यू में खुद को सिंगल बताते हुए कहा है कि उन्हें अब एक साथी की तलाश है. हैंडसम और लड़कियों के चहेते पार्थ से जब उनके रिलेशनशिप स्टेट्स (Is Parth Samthaan single?) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘हां मैं अकेला हूं और खुश हूं, लेकिन इस वक्त ऐसा लगता है कि कोई होनी चाहिए थी क्योंकि यह दौर ही ऐसा है.’ वहीं शादी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हां अब साथी की तलाश जारी है. पार्थ का नाम पहले दिशा पटानी और एरिका फर्नांडिस के साथ जुड़ चुका है.
अकेले जिंदगी बिताना क्या आसाना है
आखिर एक साथी की जरूरत कब पड़ती है
अकेले रहकर खुद को आजाद मानने वाले कई लोगों को भी एक टाइम के बाद पार्टनर की कमी महसूस होने लगती है. दिनभर की थकान के बाद के बाद हमें एक ऐसे साथी की जरूरत होती है जिससे हम अपनी बातें शेयर कर सकें.
जिसके साथ थोड़ा अपनापन महसूस कर सकें और टाइम बिता सकें. सिंगल रहने वाले लोगों को सोचना पड़ता है कि किस दोस्त को फोन करें क्योंकि ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ बिजी होते हैं. ऐसे में पार्टनर की कमी महसूस होती है.
वहीं कई लोगों में अकेलापन हावी हो जाता है. जिससे वे स्ट्रेस (mental stress) में रहने लगते हैं और मानसिक रूप से बीमार महसूस करने लगते हैं. ऐसे में उन्हें एक साथी की जरूरत महसूस होती है जो उन्हें समझे.
कई बार ऐसा भी होता है कि किसी कपल या पति-पत्नी और बच्चों को देखकर लगता सिंगल लोगों को लगता है काश हमारी लाइफ में भी कोई होता जिसे अपना कह सकते.
जब भी हम बीमार पड़ते हैं डॉक्टर और दवाइयों के अलावा हमें किसी अपने की जरूरत होती है. एक ऐसे साथी की जो हमारा ख्याल रखे और अपनेपन की एहसास दिलाए.
जिंदगी में उतार-चढ़ाव लगा रहता है. जब भी कोई परेशानी या फिर खुशी का मौका आता है तो सिंगल लोगों को लगता है किसी के साथ इसे बांटे. कोई ऐसा जिसे अपना कहें. जिसके साथ घूमना-फिरना, मौज-मस्ती, सुख-दुख यानी पूरी जिंदगी शेयर कर सकें.
कुछ मौकों पर खासकर पार्टनर की कमी लगती है
- अकेले सिनेमा हॉल में फिल्म देखने के समय पार्टनर की जरूरत महसूस होती है.
- वैलेंटाइन डे के दिन दूसरों को देखकर पार्टनर की कमी का एहसास होता है और ना हो तो भी लोग फील करवा ही देते हैं.
- जब आप सिंगल होते हैं तो तब कोई यह बताने वाला नहीं होता कि आप पर क्या अच्छा लगता है क्या नहीं, इस अहसास को वही समझ सकता है जिसका पार्टनर होता है, क्योंकि दोस्त बता सकते हैं लेकिन उतना नहीं जो एक प्यार करने वाले की नजरें बयां कर सकती हैं.
- छुट्टियां या ट्रैवल के समय लिए पार्टनर की कमी महसूस होती है. सोलो ट्रैवेल तो ठीक है लेकिन साथी के साथ बात ही कुछ और होती है.
- जब आप दुखी होते हैं तब फीलिंग को समझने वाले पार्टनर की कमी लगती है. जब आपको यह लगता है कि कोई है जो आपको कोई खुद से ज्यदा चाहता है, तो यह एहसास सबसे खास होता है. हर पल आपको ऐसा लगता है कि कोई है जो आपका इंतजार करता है.
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