Pathaan Controversy: शाहरुख की फिल्म का विरोध हिंदू ही नहीं मुस्लिम संगठन भी करने लगे हैं
शाहरुख खान की 'पठान' और उसके हालिया रिलीज 'बेशर्म रंग' गाने का चौतरफा विरोध हो रहा है. हिंदू संगठनों के बाद अब मुस्लिम संगठन भी इसके खिलाफ हो गए हैं. मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने फिल्म का बायकॉट करते हुए इसे रिलीज ना करने की मांग की है. इस तरह से देखा जाए तो 'पठान' की स्थिति आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' से भी खराब दिख रही है.
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पांच साल बाद बॉलीवुड में कमबैक की तैयारी कर रहे अभिनेता शाहरुख खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. उनकी फिल्म 'पठान' के टीजर रिलीज के साथ शुरू हुआ विरोध पहले सॉन्ग 'बेशर्म रंग' के लॉन्च होते ही तेज हो गया है. इस गाने के एक सीन में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकिनी पहनी है, जिसे देखने के बाद लोग आग बबूला हो गए हैं. लोगों का कहना है कि ये सनातन धर्म का अपमान है. बॉलीवुड लगातार हिंदू धर्म के खिलाफ काम कर रहा है. देश के कई राज्यों में हिंदू संगठन इस फिल्म के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही कुछ मुस्लिम संगठन भी फिल्म के विरोध में आ गए हैं. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के फिल्म विरोधी बयान के बाद वहां के उलेमा बोर्ड ने भी इसके बायकॉट की बात कही है. इस तरह से देखा जाए तो 'पठान' की स्थिति आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' से भी खराब दिख रही है.
मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने कहा, ''एक फिल्म पठान नाम से बनी है, जिसमें शाहरुख खान एक हीरो हैं, लोग उन्हें देखते हैं, पसंद करते हैं. लेकिन हमारे पास कई जगह से फोन और शिकायतें आई हैं. लोग अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस फिल्म के अंदर अश्लीलता फैलाई गई है. इसमें इस्लाम का गलत प्रचार प्रसार किया गया है. इसी फिल्म को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने एक स्टैंड लिया है और इस फिल्म का बायकॉट किया है. हम भी हुकूमत के लोगों से, अपने जवानों से अपील करते हैं कि वो इस फिल्म को ना देखें ना दिखाएं. यह हमारा हक है कि हमारे इस्लाम को, हमारे मजहब को इस तरह से कोई पेश करेगा तो इस पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. कोई इस्लाम को गलत तरीके से पेश करेगा तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमारे मजहब का सही तरीका पेश कराएं. उन्हें सबक सिखाएं.''
शाहरुख खान की 'पठान' को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
अनीस अली ने आगे कहा, ''मैं सेंसर बोर्ड से पुरजोर अपील करता हूं. तमाम भारत के थिएटर वालों से कहना चाहता हूं कि यह फिल्म कहीं लगने ना दें, क्योंकि इससे एक गलत मैसेज जाएगा, शांति भंग होगी और इस मुल्क के अंदर जितने मुसलमान हैं उन सब की भावनाएं आहत होंगी और हमारा मजाक बनाया जाएगा. मैं अपील करता हूं सभी से कि यह फिल्म बिल्कुल ना देखें. वो अपना नाम शाहरुख खान कहते हैं और शाहरुख खान कहकर पठान फिल्म बनाते हैं. इस्लाम का, मुसलमानों का मजाक बनाने के लिए ऐसे फिल्म बनाते हैं, इनका भी विरोध होना चाहिए. पठान एक बेहद सम्मानित बिरादरी है, लेकिन फिल्म में उसे बेहद गलत तरीके से पेश किया गया है.'' इतना ही नहीं मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष ने हज कमेटी से सिफारिश की है कि वो शाहरुख खान को आगे से उमरा पर जाने के लिए भी वीजा ना दें. क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म का मजाक बनाया है.
इतना ही नहीं ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने भी फिल्म का विरोध किया है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस संस्था के अध्यक्ष पीरजादा खुर्रम मियां चिश्ती ने कहा कि 24 घंटे के अंदर देशभर से उन्हें 400 से ज्यादा लोगों ने कॉल किया है. कई लोग घर पर आए और पठान फिल्म को मुस्लिमों के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काया गया है. उन्होंने कहा, ''हमने इस संबंध में अपना विरोध दर्ज करा दिया है. इसके बाद भी यदि फिल्म रिलीज होती है, तो हम इसके खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल को ज्ञापन देंगे. केंद्रीय सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखकर फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाले सीन हटाने की मांग करेंगे. कोई भी हो, हम उसका पुरजोर विरोध करेंगे. फिल्म में इस्लाम के नियमों और कानून का मजाक बनाया गया है. यह सहनीय नहीं है. हमारा समाज इसका पुरजोर विरोध करता है.''
इस फिल्म का धार्मिक संगठनों के साथ राजनीतिक दल भी विरोध कर रहे हैं. इसके खिलाफ सबसे पहले मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बोला था. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि 'पठान' फिल्म के गाने में अभिनेत्री की वेशभूषा और दृश्यों को ठीक किया जाए, वरना इस फिल्म को मध्य प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति दी जाए या नहीं, इस पर विचार किया जाएगा. इसके गाने में जो भी कॉस्ट्यूम इस्तेमाल किए गए हैं, वो पहली नजर में बेहद आपत्तिजनक है. इसमें साफ दिख रहा है कि यह गाना दूषित मानसिकता के कारण फिल्माया गया है. वैसे भी दीपिका पादुकोण टुकड़े-टुकड़े गैंग की समर्थक रही हैं, इसलिए आपत्तिजनक दृश्यों को यथाशिघ्र ठीक किया जाए. नरोत्तम मिश्रा इस तरह के मामलों में हमेशा मुखर रहते हैं. खासकर फिल्मों से जुड़े किसी विवाद पर उनका बयान सबसे पहले सामने आता है. वो अपने तल्ख अंदाज में बॉलीवुड का विरोध करते नजर आते हैं.
बीजेपी नेता के साथ हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भी 'पठान' फिल्म के गाने में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि इस फिल्म में भगवा रंग का अपमान किया गया है. भगवा के अपमान को हिंदुस्तान नहीं सहेगा. उन्होंने कहा, ''शाहरुख खान और दीपिका की फिल्म पठान में जिस तरह से भगवा रंग के कपड़े अश्लील तरीके से पहनाए गए हैं और उसे पहनाकर बेशर्म रंग गाना गाया है. ये भगवा और सनातन धर्म का अपमान है. बॉलीवुड सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रहा है. दुर्भाग्य की बात है कि जिस भगवा ने पूरे देश और दुनिया को दिशा देने का काम किया उसे बेशर्म रंग कहा जा रहा है. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है कि सेंसर बोर्ड इसे पास करता जाता है. इस तरह हिंदू धर्म का अपमान होता जा रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं. मैं हिंदू समाज से निवेदन करता हूं कि वो 'पठान' फिल्म का बायकॉट करें.''
इस तरह से देखा जाए तो फिल्म 'पठान' का चौतरफा विरोध शुरू हो चुका है. फिल्म की रिलीज में एक महीने का समय बचा है. यदि विरोध की ये आग इसी तरह से बढ़ती रही तो फिल्म के मेकर्स के लिए मुसीबत का सबब बन सकती हैं. बॉलीवुड बायकॉट की आंधी पहले से ही चल रही है, इस बीच में यदि फिल्म के विरोध ने इसी तरह मजहबी रंग बरकरार रखा तो यकीन कीजिए इसे डिजास्टर बनने से कोई नहीं रोक सकता. करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से बन रही इस फिल्म के जरिए शाहरुख खान का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. यदि ये फिल्म फ्लॉप हुई तो इसका सीधा असर उनकी आने वाली दो अन्य फिल्म 'जवान' और 'डंकी' पर पड़ना तय है. ऐसे में एक साथ तीन फ्लॉप फिल्में होने के बाद शाहरुख एक बार उसी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे, जैसे वो 'जीरो' के फ्लॉप होने के बाद तीन साल तक घर बैठे हुए थे. ये शाहरुख खाने के लिए जीवन मरण की स्थिति है.
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