ये हैं दुनिया की 5 खतरनाक खुफिया एजेंसियां, एक के जासूस तो सीधे मौत देते हैं!
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 2017 में इजराइल से मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए कई गई 2 अरब डॉलर की भारी भरकम डील के दौरान उससे पेगासस स्पाइवेयर भी खरीदा था. पेगासस स्पाइवेयर एक जासूसी सॉफ्टवेयर है, जो किसी भी आईफोन या एंड्रॉयड स्मार्टफोन की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है.
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किसी व्यक्ति, परिवार, संस्था औरे देश के बारे में उनकी गोपनीय और खुफिया जानकारी को अवैध तरीके से पाने की प्रक्रिया को जासूसी कहा जाता है. जासूसी का दायरा बहुत बड़ा है. सत्ता और सियासत के केंद्र में बैठे शक्तिशाली लोग अपनी अपनी धाक और साख बनाए रखने के लिए अक्सर जासूसी का सहारा लेते हैं. पहले जासूसी के लिए बाकयदा लोगों की भर्ती की जाती थी. उसके बाद के समय में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी भर्ती होने लगी. ये महिलाएं लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर जासूसी का काम किया करती हैं. इनका इस्तेमाल आज भी होता है. समय के साथ डिजिटल युग में जासूसी अब ज्यादा आसान हो गई है. जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल फोन हैक करके बहुत आसानी से किसी की जासूसी की जा सकती है. इसी जुड़ा एक मामला इस वक्त देश में सुर्खियों में बना हुआ है.
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 2017 में इजराइल से मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए कई गई 2 अरब डॉलर की भारी भरकम डील के दौरान उससे पेगासस स्पाइवेयर भी खरीदा था. पेगासस स्पाइवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर है, जो किसी भी आईफोन या एंड्रॉयड स्मार्टफोन की सुरक्षा में सेंध लगाकर उसकी जासूस कर सकता है. पेगासस को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि उसका ये जासूसी सॉफ्टवेयर वो काम कर सकता है, जो न कोई प्राइवेट कंपनी और न ही कोई खुफिया एजेंसी कर सकती है. इजराइल से ये जासूसी सॉफ्टवेयर अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन ने भी खरीदा था. एफबीआई ने घरेलू निगरानी के लिए उसका इस्तेमाल करने के लिए टेस्टिंग भी की थी, लेकिन पिछले साल इसका यूज बंद कर दिया था.
वैसे जासूसी के लिए हर देश में अपनी एक खुफिया एजेंसी होती है, जो अपने सरकार के इशारे पर देश और दुनिया में जासूसी का काम करती है. इनमें कई जासूसी एजेंसियां तो ऐसी हैं, जिनका पूरी दुनिया में खौफ है. इन एजेंसियों के जासूसी इतने खतरनाक होते हैं कि पल भर में किसी को मौत की नींद सुला सकते हैं. हाईटेक उपकरणों और हथियारों से लैस ये जासूसी जिंदा मौत बनकर घूमते हैं.
आइए दुनिया की शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों के बारे में जानते हैं...
1- मोसाद (MOSSAD)
इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे बेहतरीन और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है. इसकी स्थापना साल 1949 की गई थी. इसका निदेशक सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है. मोसाद का मतलब मौत माना जाता है. कहा जाता है कि एक बार जो मोसाद की निगाह में चढ़ गया, उसका बचना मुश्किल है. मोसाद के खूंखार एजेंट उसे दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकालने का दम रखते हैं. अपने दुश्मनों को सीधे मौत के घाट उतार देते हैं. मोसाद की पहुंच हर उस जगह तक है, जहां इजरायल या उसके नागरिकों के खिलाफ़ कोई भी साजिश रची जा रही हो.
2- सीआईए (CIA)
साल 1947 में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए यानी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की स्थापना हुई थी. इसका मुख्यालय वाशिंगटन के पास वर्जीनिया में है. सीआईए को अमेरिका ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा सक्षम और ताकतवर मानी जाती है. सीआईए के अलावा अमेरिका में तीन एजेंसियां एनएसए, डीआईए और एफबीआई हैं. सीआईए का काम साइबर क्राइम, आतंकवाद रोकने समेत विदेशों से सूचना एकत्रित करना है. साल 2013 में वाशिंगटन पोस्ट ने सीआईए को सबसे ज्यादा बजट वाली खुफिया एजेंसी बताया था. यह पूरी दुनिया में काम करती है.
3. रॉ (RAW)
भारत की खुफिया एजेंसी रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग को दुनिया की ताकतवर खुफिया एजेंसी माना गया है. इसकी स्थापना 1968 में की गई थी. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. इस एजेंसी की खासियत यह है कि भारत के प्रधानमंत्री के अलावा किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है. रॉ विदेशी मामलों, अपराधियों, आतंकियों के बारे में पूरी जानकारी रखती है. वहीं, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) भी देश की सुरक्षा के लिए काम करती है. दोनों एजेंसियों ने मिलकर कई बड़े आतंकी हमलों को नाकाम किया है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान रॉ से बहुत परेशान रहता है.
4. आईएसआई (ISI)
किस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई यानी इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस भी बहुत ही खतरनाक खुफिया एजेंसी मानी जाती है. इसकी स्थापना साल 1948 में हुई थी. इसका मुख्यालय इस्लामाबाद के शहराह ए सोहरावर्दी में है. इसकी नींव ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर मेजर जनरल आर. कैथोम ने रखी थी, जो उस वक्त पाकिस्तानी आर्मी स्टाफ के मुख्य थे. देश की सुरक्षा के नाम पर आईएसआई पर आए दिन आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं. कई आतंकी हमलों में उसका हाथ माना जाता है. इसकी महिला जासूस हनीट्रैप के जरिए जासूसी करती हैं.
5- एमएसएस (MSS)
चीन की खुफिया एजेंसी एमएसएस यानी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्यूरिटी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 1983 में हुई थी. इसका मुख्यालय बीजींग में है. इसका काम भी बाकी देशों की खुफिया एजेंसी की तरह है, लेकिन यह देश को राजनैतिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए काम करती है. चीन बाकी देशों के मुकाबले अपने खुफिया तंत्र का जिक्र काफी कम करता है. यहां तक कि ज्यादातर लोगों को वहां के खुफिया विभाग के प्रमुख तक की जानकारी नहीं होती. एमएसएस काउंटर-इंटेलिजेंस, विदेशी इंटेलिजेंस के साथ-साथ घरेलू और विदेशी धरती पर खुफिया तंत्र द्वारा जानकारी जुटाने, निगरानी रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.
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