New

होम -> सिनेमा

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 12 मार्च, 2022 07:07 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
  • Total Shares

आतंकवाद का शिकार होने से पहले कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता था. यहां का मनोरम प्राकृतिक वातावरण आज भी हर किसी का मन मोह लेता है. यही वजह है कि बॉलीवुड को कश्मीर बहुत पसंद रहा है. कई फिल्मों में कश्मीर की वादियों में हीरो-हिरोईन को रोमांस करते हुए देखा जा सकता है. 60 के दशक में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जिनमें रोमांस का स्वर प्रधान रहा है. इनमें 'कश्मीर की कली', 'जब जब फूल खिले' और 'नूरी' जैसी फिल्मों में कश्मीर की रोमांटिक, शांत और प्राकृतिक छवि को प्रदर्शित किया गया है. हरी-भरी पहाड़ियां, घास के मैदान, कल-कल बहती नदियां और प्रकृति छटा फिल्म की जान हुआ करती थी. लेकिन समय के साथ जब कश्मीर बदला, तो फिल्मों में उसकी कहानी भी बदल गई. रोमांस की जगह आतंकवाद और उनसे जुडी़ गतिविधियों ने ले लिया. इसलिए 90 के दशक के बाद सिनेमा में कश्मीर की छवि भी बदल गई. उसके बाद 'रोजा', 'मिशन कश्मीर', फिजा और 'फना' जैसी फिल्में रिलीज हुईं, जिनमें आतंकवाद को दिखाया गया. इनके जरिए दिखाया गया कि कश्मीर में आतंकवाद किस तरह से पैठ बना चुका है.

इसी तरह कश्मीर के एक प्रमुख संवेदनशील मुद्दे 'पंडितों के पलायन' पर आधारित एक फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और अतुल श्रीवास्तव जैसे दिग्गज अभिनेता अहम किरदारों में हैं. फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. कहा जाता है कि कश्मीर से पंडितों को हटाने के लिए वहां उनका नरसंहार किया गया था. आंकड़ों की माने तो साल 1990 में घाटी के भीतर 75,343 कश्मीरी पंडित परिवार थे. लेकिन साल 1990 और 1992 के बीच आतंकियों के डर से 70 हजार से ज्‍यादा परिवारों ने घाटी को छोड़ दिया. साल 1990 से 2011 के बीच आतंकियों ने 399 कश्‍मीरी पंडितों की हत्‍या कर दी थी. पिछले 30 सालों के दौरान घाटी में बमुश्किल 800 हिंदू परिवार ही बचे हैं. कश्मीरी पंडितों की दिल झकझोर देने वाली दास्तान को इस फिल्म के जरिए पेश किया गया है.

haider_650_031122114716.jpg

आइए उन फिल्मों पर नजर डालते हैं, जिनमें कश्मीर मुद्दे को बहुत समझदारी और संवेदनशीलता से पेश किया गया है...

1. रोजा (Roja)

रिलीज डेट- 15 अगस्त, 1992

स्टारकास्ट- अरविंद स्वामी और मधु

डायरेक्टर- मणि रत्नम

कहां देख सकते हैं- अमेजन प्राइम वीडियो

90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद तेजी से अपने पांव पसार रहा था. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी कश्मीर में तेजी से अपनी पैठ भी बना रहे थे. इसके लिए घाटी में खून खराबा होना तो आम बात थी, वहां से हिंदूओं को टारगेट करके बाहर भगाया जा रहा था. इसी वक्त कश्मीरी पंडित उनके निशाने पर आए और उनका जमकर नरसंहार किया गया. उनके घर जला दिए गए. घाटी को लहूलुहान कर दिया गया. कभी अपनी प्राकृतिक संपदा की वजह से धरती का स्वर्ग कहे जाने वाली कश्मीर की धरती धूं-धूं कर जलने लगी. उसी वक्त दिग्गज फिल्म मेकर मणि रत्नम ने फिल्म 'रोजा' की कहानी बुनी थी. इसमें तमिलनाडु की रहने वाली एक साधारण लड़की अपने पति की तलाश में कश्मीर चली आती है. उसका पति एक अंडर कवर एजेंट होता है, जिसको आतंकी अगवा बना लेते हैं. अपने प्रेमी रूपी पति को एक पत्नी आतंकियों के चंगुल से कैसे छुड़ाती है, इसकी कहानी फिल्म में दिखाई गई है.

2. मिशन कश्मीर (Mission Kashmir)

रिलीज डेट- 27 अक्टूबर 2000

स्टारकास्ट- संजय दत्त, ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और जैकी श्रॉफ

डायरेक्टर- विधु विनोद चोपड़ा

कहां देख सकते हैं- अमेजन प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स

विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म में कश्मीर में बढ़ रहे आतंकवाद का मुद्दा उठाया गया है. इसमें संजय दत्त, ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. फिलम में संजय दत्त जहां इसमें पुलिस ऑफिसर बने होते हैं, वहीं ऋतिक रोशन एक कश्मीरी युवा के रोल में नजर आ रहे हैं. इस फिल्म में एक अनाथ लड़के की कहानी दिखाई गई है, जिसके माता-पिता एक पुलिस कार्रवाई में मारे जाते हैं. एक पुलिस अफसर उसे अपना बेटा बना लेता है, लेकिन जब उसे पता चलता है कि उसके पिता का हत्यारा और कोई नहीं बल्कि वो पुलिस अफसर ही है, तो घर से भागकर आतंकियों के पास चला जाता है. इस तरह उनकी पनाह में रहकर एक खतरनाक आतंकी बन जाता है. उसकी घर वापसी के लिए तमाम कोशिशें की जाती हैं, लेकिन वो कश्मीर में आतंकी वादरात को अंजाम देता रहता है. इस फिल्म में उन कश्मीरी युवाओं पर प्रकाश डाला गया है जो आतंकियों के बहकावे में आकर अपना घर छोड़कर आतंकी बन जाते हैं. हिंदुस्तान के खिलाफ कश्मीर में आतंकी गतिविधियां करते हैं.

3. हैदर (Haider)

रिलीज डेट- 2 अक्टूबर 2014

स्टारकास्ट- शाहीद कपूर, श्रद्धा कपूर, के के मेनन और इरफान खान

डायरेक्टर- विशाल भारद्वाज

कहां देख सकते हैं- नेटफ्लिक्स और जी5

विशाल भारद्वाज द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित फिल्म 'हैदर' में शाहिद कपूर और तब्बू लीड रोल में हैं. ये फिल्म भी 90 के दशक में जल रहे कश्मीर की हालात को बयां करती है, जब आतंकवाद और उग्रवाद अपने चरम पर था. इस फिल्म को विलियम शेक्सपियर के 'हैमलेट' का ऑफिसियल अडैप्टेशन बताया जाता है. यह बशारत पीर के संस्मरण 'कर्फ्यूड नाइट' से भी प्रेरित है. इसमें कश्मीर का युवा छात्र अपने पिता के लापता होने के बाद उसकी तलाश में इधर-उधर भटकता हुआ राज्य की राजनीति में फंस जाता है. फिल्म उस दौर के कश्मीर के राजनीतिक हालात पर भी गंभीरता से प्रकाश डाला गया है. इसके साथ ही आतंकी वारदात और आर्मी गतिविधियों से प्रभावित कश्मीर को बहुत ही संवेदनशीलता के साथ दिखाया गया है. 'हैदर' विलियम शेक्सपियर के उपन्यासों पर आधारित विशाल भारद्वाज की तीसरी फिल्म है, इससे पहले साल 2003 में मकबूल और 2006 में ओमकारा रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म को पूरे देश में पसंद किया गया था. इतना ही नहीं 62वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में इसे पांच पुरस्कार मिले थे, जिसमें बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन और बेस्ट स्क्रीनप्ले (डायलॉग्स) का अवॉर्ड विशाल भारद्वाज को दिया गया था. इसमें शाहिद और तब्बू के दमदार अभिनय को भी बहुत सराहा गया था.

4. हामिद (Hamid)

रिलीज डेट- 15 मार्च, 2019

स्टारकास्ट- रसिका दुगाली, विकास कुमार और तल्हा अरशद रेशी

डायरेक्टर- ऐजाज़ खान

कहां देख सकते हैं- नेटफ्लिक्स

मो. आमिन भट्ट के नाटक 'फोन नंबर 786' पर आधारित फिल्म 'हामिद' में रसिका दुगाली, विकास कुमार और तल्हा अरशद रेशी लीड रोल में हैं. इस फिल्म की कहानी एक सात साल के कश्मीरी बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका पिता एक दिन अचानक गायब हो जाता है. उसके दोस्त कहते हैं कि वो अल्लाह के प्यारे हो गए, लेकिन वो उनसे बात करना चाहता है. एक दिन उसके एक नंबर पर मिल जाता है, जिसमें 786 होता है. उसे लगता है कि ये अल्लाह का नंबर है, इसलिए उस पर कॉल करता है. उधर से एक सीआरपीएफ के जवान की आवाज आती है. उससे वो अपनी सारी समस्या कह सुनाता है. इस तरह दोनों के बीच आए दिन बातें होने लगती है. इस तरह एक कश्मीरी बच्चे और जवान के बीच होने वाली बातचीत के जरिए वहां की समस्याओं को दिखाया गया है. इसको दो नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था. पहला बेस्ट ऊर्दू फीचर फिल्म और दूसरा बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट.

5. शिकारा (Shikara)

रिलीज डेट- 7 फरवरी, 2020

स्टारकास्ट- आदिल खान और सादिया खातिब

डायरेक्टर- विधु विनोद चोपड़ा

कहां देख सकते हैं- अमेजन प्राइम वीडियो

कोरोना के दौरान रिलीज हुई रोमांटिक ड्रामा फिल्म 'शिकारा' निर्माण और निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया है. यह फिल्म 1990 के दशक के दौरान जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के चरम पर एक कश्मीरी पंडित जोड़े की प्रेम कहानी पर आधारित है. इसमें कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को भी दिखाया गया है. यह फिल्म दो हिस्सों में आधारित है. इसमें एक तरह वर्तमान कश्मीर के हालात को दिखाया गया, तो दूसरी तरफ 90 के दशक की घाटी को उकेरा गया है, जहां से निर्ममता पूर्वक कश्मीरी पंडितों को बंदूक की नोक पर बाहर कर दिया गया था. उस वक्त बड़ी संख्या में पलायन हुआ था. लोगों का नरसंहार हुआ था. इस विभिषिका को विधु विनोद चोपड़ा ने बहुत संवेदनशीलता के साथ पेश किया है.

#द कश्मीर फाइल्स, #कश्मीरी पंडित, #मिशन कश्मीर, The Kashmir Files Movie, Bollywood Movies Based On Kashmir, Movies Based On Kashmir Problems

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय