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Updated: 29 मई, 2022 11:37 PM
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सिंगर, एक्टर, रैपर और पॉलिटिशियन रहे सिद्धू मूसेवाला की पंजाब के मानसा में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उनके साथ गाड़ी में मौजूद उनके दो साथी गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. वारदात के वक्त मूसेवाला खुद अपनी थार जीप चला रहे थे. तभी सामने से काले रंग की एक गाड़ी आई, जिसमें मौजूद लोग थार पर दनादन गोलियां चलाने लगे. सिद्धू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि उनके दोनों साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मूसेवाला की सुरक्षा तगड़ी थी. उनकी सिक्योरिटी में पंजाब पुलिस के 10 जवान हर वक्त मौजूद रहते थे. लेकिन पंजाब में भगवंत मान की सरकार बनने के बाद उनकी सुरक्षा को घटा दिया गया. 10 की जगह केवल 2 सिक्योरिटी गार्ड ही छोड़े गए थे. मूसेवाला की मौत से पंजाब में सनसनी फैल गई है.

दिनदहाड़े गोलियों के शिकार हुए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला पर सूबे में गन कल्चर को प्रमोट करने का आरोप लगता रहा है. अक्सर सोशल मीडिया पर और अपने गानों में मूसेवाला हथियारों के साथ दिखाई देते थे. ज्यादा दिन नहीं हुए 10 मई को ही सिद्धू ने ट्विटर पर अपना एक फोटो शेयर किया था, जिसमें वो पिस्टल को अपने कान पर मोबाइल की तरह लगाए हुए दिखाई दिए थे. उनको हथियारों का बहुत शौक था, जो उसके म्युजिक वीडियो में भी अक्सर दिखाई देता था. उनका एक म्युजिक वीडियो 'संजू' भी बहुत विवादों में रहा था. इसमें अपने ऊपर लगे आर्म्स एक्ट के खिलाफ उन्होंने अपने गाने के जरिए विरोध दर्ज कराया था. उनका कहना था कि जिस तरह से संजय दत्त को आर्म्स एक्ट में फंसाया गया, उसी तरह उसके ऊपर भी झूठा केस दर्ज किया गया है. इस वीडियो में अत्याधुनिक हथियारों के साथ दिखे थे.

sidhu-moose-wala-120_052922083426.jpgविधान सभा चुनाव लड़ चुके मूसेवाला पर सूबे में गन कल्चर को प्रमोट करने का आरोप लगता रहा है.

म्युजिक वीडियो 'संजू' की वजह से सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई थी. इतना ही नहीं मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट तक भी पहुंचा था. इस गाने पर अर्जुना अवार्ड विजेता ओलंपियन और पंजाब के फरीदकोट की एएसपी अवनीत सिद्धू ने भी ऐतराज जताया था. उनका कहना था कि पंजाबी म्युजिक वीडियो के लिए एक सेंसर बोर्ड बनाया जाना चाहिए. दरअसल, इस पूरे मामले की शुरूआत तब हुई जब साल 2020 में मूसेवाला के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इन वीडियो में वो छह पुलिसकर्मियों के साथ एके-47 और पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग लेते हुए दिखाई दिए थे. इस मामले का संज्ञान लेते हुए सरकार ने वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद आर्म्स ऐक्ट की दो धाराओं के तहत मूसेवाला के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

आर्म्स ऐक्ट के तहत दर्ज हुए केस में उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने बहुत कोशिश की, लेकिन हाथ नहीं आए. इसके बाद में पुलिस जांच में सहयोग करने की बात करते हुए जमानत करा ली. लेकिन अगले ही महीने पंजाब के नाभा में पुलिस ने उनकी कार पकड़ ली, क्योंकि नियमों के विपरीत काले शीशे लगवाए थे. यहां जुर्माना देकर उन्होंने किसी तरह से अपनी जान छुड़ाई. साल 2020 के दिसंबर में मूसेवाला का एक म्युजिक वीडियो 'पंजाब: माई मदरलैंड' रिलीज हुआ, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन किया था. इस वीडियो में खालिस्तानी समर्थक भरपुर सिंह बलबीर द्वारा 1980 में दिए गए भाषण के विजुअल भी शामिल किए गए हैं. इतना ही नहीं इस गाने में अलगाववाद को खुलकर बढ़ावा दिया गया है. गाने में कहा गया है, ''राज दी गल क्यूं न करिए. अस्सी माला फड़ के हिंदुस्तान दे किसी मठ दे पुजारी नी बनना चौहंडे'' यानी स्वशासन की बात क्यों नहीं करें? हमें सिर्फ माला पकड़कर हिंदुस्तान के किसी मठ में पुजारी नहीं बनना.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में जिस तरह से पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच जानी दुश्मनी है. ठीक उसी तरह पंजाबी सिंगर करण औजला के साथ सिद्धू मूसेवाला की दुश्मनी थी. दोनों अक्सर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ बोलते हुए नजर आए हैं. इतना ही नहीं अपने म्युजिक वीडियो में भी एक-दूसरे की बुराई करते दिखे हैं. दोनों के गानों में अक्सर हिंसा को बढ़ावा देने वाली बातें दिखी है, जिसकी वजह से उनकी आलोचना भी होती रही है. औजला और सिद्धू कई बार एक-दूसरे को धमकी भी दे चुके हैं. औजला की तरह सिद्धू की दुश्मनी पंजाबी गायक बब्बू मान से भी थी. अक्सर इन दोनों कलाकारों को अपने गीतों या लाइव शो में एक-दूसरे को अप्रत्क्ष रूप से जवाब देते देखा या सुना गया है. बीते विधान सभा चुनाव के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने मूसेवाला को कांग्रेस में शामिल कराया था. उसे पंजाब के मानसा सीट से टिकट भी दिलाया, लेकिन आम आदमी पार्टी के डॉ. विजय सिंगला चुनाव जीत गए और मूसेवाला हार गए थे. सिंगला ने मूसेवाला को 63323 वोटों से हराया था.

विधानसभा चुनाव हारने के बाद 11 अप्रैल 2022 को सिद्धू मूसेवाला ने एक म्युजिक वीडियो लॉन्च किया, जिसका नाम 'स्केपगोट' है. इसमें उन्होंने अपने विधानसभा की हार के कारणों पर बात करते हुए अफसोस जताया था. इस बार आम आदमी पार्टी भड़क गई. उन्होंने आरोप लगाया कि मूसेवाला ने आम आदमी पार्टी को जीताकर उनकी सरकार बनाने वाले पंजाबियों को गद्दार कहा है. उनका कहना था कि ये गाना पंजाब विरोधी मानसिकता का परिचय देता है. इसके लिए नवनियुक्त पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से जवाब मांगा गया कि क्या वो गायक के विचारों का समर्थन करते हैं? यह मामला काफी दिनों तक सूबे के सियासी माहौल को गरम किए हुए था. इस तरह से देखा जाए तो सिद्धू ने अपने हर तरफ अपने दुश्मन खड़े कर लिए थे. पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में तो उनके दुश्मन थे ही राजनीति में आने के बाद संख्या ज्यादा बढ़ गई थी. सिद्धू ने कल ही अपने वकील से बात की थी, जिसमें उन्होंने जान का खतरा बताया था. उनका कहना था कि अचानक बिना नोटिस सुरक्षा घटा दी गई है.

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