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Updated: 07 मई, 2021 10:27 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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इसी महीने ईद पर रिलीज हो रही "राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई" में सलमान खान (55 साल) के अपोजिट दिशा पाटनी हैं जिनकी उम्र 28 साल है. दोनों सितारों के बीच उम्र के अंतर पर सवाल आ रहे हैं. एज गैप पर बहस राधे के कई गानों और कुछ प्रमोशनल मेकिंग वीडियो सामने आने के बाद बढ़ा है. टीवी और सोशल मीडिया में रियल सलमान को लगातार देखने वाले राधे में उनके नकली मेकओवर को देखकर हैरान हैं. यही वजह है कि काफी उम्रदराज सलमान को राधे में एक छरहरे नौजवान के रूप में देखना कुछ लोगों को पच नहीं रहा है. उम्र पर बहस के बीच राधे का एक मेकिंग वीडियो सामने आया जिसमें दबंग खान ने भी मजाकिया अंदाज में कहा- दिशा उनसे उम्र में 27 साल छोटी है, मगर फिल्म में हमउम्र नजर आ रहे हैं.

पहली बात तो ये कि उम्र के अंतर (खासकर सलमान खान) से जुड़ा सवाल ही बेफजूल है. सलमान से पहले कई ने ऐसा किया है और अब भी कर रहे हैं. अगर प्रशंसक सलमान को हल्के-फुल्के मनोरंजक फिल्मों में लगातार पसंद कर ही रहे हैं तो दूसरों को क्या फर्क पड़ता है. ऐसा नहीं होता तो उनके किरदार उम्र के हिसाब से परदे पर भी ढल रहे होते या एक्टिंग फ्रंट से ही उन्हें हटना पड़ता.

जमाने भर पहले तकनीकी दिक्कतों से रोमांटिक और रफ-टफ भूमिकाओं के लिए मशहूर सितारों को उम्र की चुनौती के आगे जूझना पड़ता था. लेकिन वक्त के साथ मेकअप, वीएफएक्स और दूसरी तकनीकों ने नामुमकीन चीजों (कम उम्र) को भी दिखाना आसान कर दिया है. जिसकी वजह से सलमान जैसे सितारों का करियर ज्यादा लंबा और असरदार हो गया है. 78 के अमिताभ बच्चन कुछ साल पहले "पा" में प्रिजोरिया से पीड़ित बच्चे का रोल करते हैं तो जीरो में करीब 5 फीट 7 इंच लंबे शाहरुख खान बौने का किरदार निभा ले जाते हैं. लोग भांप भी नहीं पाते. 70 साल के रजनीकांत लगातार नौजवान किरदार निभा रहे हैं.

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आखिर जब परदे पर 55 के सलमान को 30 या 35 का दिखाना संभव है तो उनके अपोजिट 27 साल की हीरोइन के उम्र का सवाल का कोई मतलब नहीं.

उम्रदराज सलमान का राधे में निभाए कैरेक्टर को करना मजबूरी भी है और ताकत भी. ताकत इस लिहाज से कि शाहरुख जैसे सितारों की अपेक्षा तगड़े फैनबेस की वजह से बॉक्स ऑफिस पर उनकी पकड़ मजबूत है. उनके प्रशसंकों में बच्चे, युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में हैं. मजबूरी इसलिए कि उनका एक्टिंग मिजाज (मसालेदार, हल्का फुल्का मनोरंजन) उन्हें ज्यादा मैच्योर किरदारों के खांचे में फिट ही नहीं बिठाता. सलमान के फैनबेस का एजग्रुप 35 वर्ष तक माना जाता है. ऐसे दर्शकों का समूह लगभग वही फ़िल्में पसंद करता है जैसी सलमान कर रहे हैं. भला जमे-जमाए माहौल में कोई एक्टर क्यों रिस्क लेना चाहेगा.

बॉलीवुड में नए सितारों की खेप आने के बाद सलमान के समकक्ष अभिनेताओं में आमिर खान और अक्षय कुमार को छोड़ दिया जाए तो बाकी को संघर्ष से गुजरना पड़ा है. सुनील शेट्टी, गोविंदा जैसे कलाकार रेस से बाहर हैं और सैफ अली खान, बॉबी देओल, मनोज वाजपेयी जैसों ने खुद को सहायक अभिनेताओं और चरित्र किरदारों के सांचे में ढाल लिया है.

शाहरुख अब भी लीड एक्टर बने रहने की जिद में हैं. पिछली कई बड़ी फ़िल्में लगातार असफल हुई हैं. जबकि उम्र की चुनौती के मद्देनजर उन्होंने डियर जिंदगी, दिलवाले और जीरो के जरिए प्रयोग का जोखिम भी उठाया. फिर भी विफल रहे. राजेश खन्ना से लेकर गोविंदा-सनी देओल तक लंबी लिस्ट है जिसमें उम्रदराज होने के बावजूद अपने फन में हीरो बने रहने की जिद में कई सितारों ने खुद करियर का बंटाधार कर लिया.

जबकि वक्त के साथ बदलाव करने वाले प्रासंगिक बने रहे. जैसे- अजय देवगन, अक्षय कुमार की फिल्मों का विषय उम्र के लिहाज से उन्हें रेस में बनाए हुए है. आमिर खान तो प्रयोगों के लिए मशहूर हैं. जबकि उम्र का असर उनके चेहरे पर लगभग ना के बराबर है. बावजूद कहानी की डिमांड पर दंगल में उम्रदराज रोल कर जाते हैं. लाल सिंह चड्ढा में भी अलग-अलग उम्र में नजर आने वाले किरदार कर रहे हैं. टेस्ट के हिसाब से अभी भी सलमान खान- रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, कार्तिक आर्यन की श्रेणी में नजर आते हैं. सलमान की मजबूरी ही है. सोचिए कि अजय देवगन, अक्षय कुमार और आमिर खान की पिछली फिल्मों को अगर सलमान करते तो कैसे क्या दिखाते?

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लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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