गोविंदा नाम मेरा में लाख देखने की वजहें हों, पर करण जौहर की वजह से कैसे पहुंच सकता है नुकसान?
करण जौहर को हाल के कुछ सालों में सिनेमाघरों में लगातार नाकामी का सामना करना पड़ा है. अब उनकी कॉमेडी ड्रामा गोविंदा नाम मेरा सिनेमाघरों की बजाए सीधे ओटीटी पर आ रही है. क्या करण जौहर की यह फिल्म देखी जाएगी.
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एक जमाने तक धर्मा प्रोडक्शन का बैनर और उसके कर्ता-धर्ता करण जौहर बॉलीवुड के शोमैन बने रहे. लेकिन इधर के कुछ सालों में एंटी बॉलीवुड कैम्पेन ने उनकी फिल्मों को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है. इधर कुछ सालों में उनकी कई बड़ी फ़िल्में सिनेमाघरों में फ्लॉप साबित हुई हैं. अगर साल 2022 को देखें तो जुग जुग जियो और पैन इंडिया रिलीज हुई लाइगर बड़े पैमाने पर नाकाम रहीं. ब्रह्मास्त्र पर धर्मा प्रोडक्शन ने बहुत बड़ा दांव खेला था. फिल्म करीब 400 करोड़ से ज्यादा के बजट में बनाई गई थी. मेकर्स का कहना कहना है कि ब्रह्मास्त्र ने सिनेमाघरों से लागत वसूल कर ली. मगर उसके बॉक्स ऑफिस पर अभी भी संदेह के बादल ख़त्म नहीं हो पाए हैं. तमाम रिपोर्ट्स का दावा है कि करण की मल्टी स्टारर फ्लॉप ही कही जाएगी.
करण की लगभग सभी फिल्मों के खिलाफ एक जोरदार कैम्पेन देखने को मिला. और यह कहने की बात नहीं कि तमाम अभियानों की वजह से करण जौहर को कारोबारी लिहाज से सिनेमाघरों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. उनकी लगभग हर फिल्म के खिलाफ एक निगेटिव कैम्पेन नजर आता है. हो सकता है कि किसी निगेटिव कैम्पेन की वजह से सिनेमाघरों में नुकसान उठाने की बजाए करण जौहर ने इस बार अपनी फिल्म को सिनेमाघरों की बजाए सीधे ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला लिया हो. फिल्म 16 दिसंबर से डिजनी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम होगी. फिल्म है- गोविंदा नाम मेरा. इसमें विक्की कौशल, भूमिक पेडनेकर और कियारा आडवाणी अहम भूमिकाओं में हैं. मजेदार यह है कि रिलीज से पहले ही गोविंदा नाम मेरा का विरोध दिख चुका है. आशंका है कि रिलीज तक यह और बढ़ जाए.
गोविंदा नाम मेरा.
गोविंदा नाम मेरा की कहानी पहली नजर दिलचस्प और मनोरंजक तो दिख रही है
बावजूद कि गोविंदा नाम मेरा को देखने की कई वजहें हैं. फिल्म की कास्टिंग दिलचस्प है. यह भी कहा जा रहा कि इसमें विक्की, भूमि और कियारा की भूमिकाएं बहुत अलग और उम्दा हैं. विक्की के करियर में यह एक रंगीन और दिलचस्प किरदार बताया जा रहा है. वे पहली बार टपोरी की भूमिका में नजर आएंगे. असल में फिल्म की कहानी गोविंदा नाम के एक शादीशुदा युवक की है. उसकी पत्नी के किरदार में हैं भूमि. गोविंदा पर उसकी पत्नी का दबदबा है. बावजूद वह पत्नी को धोखा देते नजर आते हैं. और उनकी एक प्रेमिका भी हैं जिसका किरदार निभा रही हैं- कियारा आडवाणी. कुछ माफिया भी हैं फिल्म में. एक हत्या होती है और उसकी मिस्ट्री के आसपास कॉमिक अंदाज में कहानी बुनी गई है. फिल्म का ट्रेलर पहले ही आ चुका है और पहली नजर में इसे एंटरटेनिंग कहा जा सकता है.
गोविंदा नाम मेरा का निर्देशन शशांक खेतान ने किया है. ट्रेलर के आधार पर कहा जाए तो कहानी, कॉमिक सीक्वेंस, एक्टर्स की परफॉर्मेंस मनोरंजक है. पर असल सवाल है कि क्या ये चीजें काम करेंगी? वह भी तब जब करण जौहर के नाम भर से तमाम लोग सोशल मीडिया पर नाक भौ सिकोड़ते दिखते हैं. ऐसा नहीं दिखता कि फिल्म को निगेटिव कैम्पेन से कोई नुकसान पहुंचे. दर्शकों को कॉन्टेंट तो चाहिए. लेकिन देखने में आया है कि वे जिनका विरोध करते हैं- उनकी फिल्मों पर पैसा खर्च कर सिनेमाघरों में देखना पसंद नहीं करते. बल्कि टीवी प्रीमियर या ओटीटी स्ट्रीमिंग का इंतज़ार करते हैं. हाल में ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों को ओटीटी पर देखा गया जो इस बात को पुख्ता भी करता है. इसकी एक वजह तो यह भी है कि अभी बॉलीवुड फिल्मों को लेकर ओटीटी को फोकस करते हुए कोई आक्रामक कैम्पेन ड्राइव नहीं दिखा है.
ओटीटी पर होने की वजह से नुकसान से बच जाएगी फिल्म मगर...
काफी हद तक कहा जा सकता है कि ओटीटी पर होने की वजह से करण जौहर की फिल्म को नुकसान नहीं पहुंचेगा. फिलहाल तो. लेकिन अगर कोई तीखा कैम्पेन करण की फिल्म के बहाने उसे स्ट्रीम करने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर चला तो भविष्य में यह बॉलीवुड के कुछ निर्माताओं को नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि ऐसे कैम्पेन में लोग एप अनसब्सक्राइब करने लगते हैं और खराब रेटिंग देने लगते हैं, जिससे संबंधित प्लेटफॉर्म को कारोबारी लिहाज से नुकसान उठाना पड़ता है. कुछ एप्स के खिलाफ इस तरह के कैम्पेन चल चुके हैं. और उसके नतीजे भी दिखे हैं. जिन वजहों से ऐसे कैम्पेन चलें संबंधित प्लेटफॉर्म भविष्य में उससे बचते दिखी हैं. जाहिर है कि अगर करण जौहर की वजह से गोविंदा नाम मेरा को लेकर कोई कैम्पेन चला तो उसका खामियाजा भविष्य में दूसरी फिल्मों को उठाना पड़ सकता है.
होता यह है कि विरोध की वजह से मेकर्स को उनके फिल्म का सही मूल्य नहीं मिल पाता है. जैसे आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा के मामले में दिखा भी. खबरें थीं कि ओटीटी राइट्स के बदले मेकर्स ने जो अमाउंट डील में डिमांड की वह प्लेटफॉर्म देने को तैयार नहीं हुए. और यह भी नजर आता है कि अपने सब्सक्राईबर बेस को बचाने के लिए संबंधित प्लेटफॉर्म भविष्य में विवादित चेहरों या कंपनियों से बचती भी नजर आती हैं. जिन फिल्मों को लेकर भारी नकारात्मकता दिखी उन्हें मनमाफिक पैसे नहीं मिल पाते हैं.
देखना होगा कि इस बार करण जौहर के लिए उनके विरोधी दर्शक कौन सा हथकंडा अपनाते हैं. बावजूद कि अच्छा यही रहेगा कि करण जौहर की फिल्म गोविंदा नाम मेरा के खिलाफ कोई कोई कैम्पेन ना दिखे और फिल्म दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे.
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