'रक्तांचल' के बाद 'बीहड़ का बाग़ी' डायरेक्टर रितम श्रीवास्तव OTT का भविष्य जानते हैं!
डायरेक्टर रितम श्रीवास्तव (Ritam Srivastav) की वेब सीरीज बीहड़ का बाग़ी OTT प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर (Beehad Ka Baghi Released On MX Player) पर रिलीज हो चुकी है और जैसा इसका कंटेंट है इसके लिए एक्टर्स से कहीं ज्यादा तारीफ रितम की हो रही है. बीहड़ का बाग़ी से पहले रितम की रक्तांचल (Raktanchal) भी एमएक्स प्लेयर पर ही रिलीज हुई थी.
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गुरु अगर गुड़ हो तो फिर चेले का शक्कर होना लाजमी है. बात एकदम साफ है प्रोफेशनल लाइफ में आपने जिससे भी काम सीखा हो अगर उसकी प्राथमिकतार क्वालिटी हो तो असर आप पर भी होता है. अब इन बातों के बीच डायरेक्टर रितम श्रीवास्तव (Ritam Srivastav) को ही देख लीजिए. कहना गलत नहीं है कि जिस बारीकी से रितम काम करते हैं और महीन से महीन बारीकियों का ख्याल रखते हैं उनका काम बोलता है. जिक्र रितम का हुआ है तो हमें उनके अतीत में झांक लेना चाहिए. रितम का शुमार उन चुनिंदा लोगों में है जिन्होंने निर्देशक प्रकाश झा (Prakash Jha) के साथ राजनीति', 'आरक्षण', 'सत्याग्रह' और 'चक्रव्यू' जैसी कई फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया और इसी का नतीजा है 'बीहड़ का बाग़ी' (Beehad Ka Baghi) जैसी वेब सीरीज. बीहड़ का बाग़ी OTT प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर (Beehad Ka Baghi MX Player Release) पर रिलीज हो चुकी है और जैसा इसका कंटेंट है इसके लिए एक्टर्स से कहीं ज्यादा तारीफ रितम की हो रही है. बता दें कि बीहड़ का बाग़ी से पहले रितम की रक्तांचल (Raktanchal) भी एमएक्स प्लेयर पर ही रिलीज हुई थी जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था.
एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हुई बीहड़ का बागी दर्शकों को खूब पसंद आ रही है
रितम की पहली सीरीज में यूपी के दो बड़े माफियाओं को दिखाया गया था और इस बार अपनी सीरीज बीहड़ का बाग़ी के लिए रितम ने दस्यु चुने हैं. दोनों ही सीरीज को देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि ये सब इत्तेफाकन नहीं हुआ है. एक निर्देशक के रूप में रितम ने अपने कंटेंट पर न केवल रिसर्च की है बल्कि उसे एक ऐसे अंदाज में पेश किया है जो अन्य किसी क्राइम सीरीज के मुकाबले ज्यादा रियलिस्टिक लगती है.
ज्ञात हो कि इस कोरोनकाल में सिनेमा का पूरा स्वरूप बदल गया है. और साथ ही बीते कुछ सालों में जिस तरह का सिनेमा निर्माता निर्देशकों ने हमें परोसा है उसे देख देखकर एक दर्शक के रूप में हम भी बोर हो गए हैं. दौर क्यों कि OTT का शुरू हो चुका है इसलिए रितम श्रीवास्तव जैसे कुछ चुनिंदा लोग हैं जो प्रयोगों को तरजीह दे रहे हैं और नतीजे के रूप में वो चीजें निकलकर सामने आ रही हैं जो न केवल हमारा मनोरंजन कर रही हैं बल्कि जिसने काफी हद तक सिनेमा या ये कहें कि बड़े पर्दे को नए आयाम दे दिए हैं.
क्या बताती है बीहड़ का बाग़ी की कहानी
जैसा कि हम बता चुके हैं रितम की इस दूसरी वेब सीरीज यानी बीहड़ का बाग़ी को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है तो और कोई बात करने से पहले हमारे लिए भी जरूरी ही जाता है कि हम इस सीरीज और इससे जुड़ी कहानी पर बात करें.
अपने हालिया इंटरव्यू में डायरेक्टर रितम इस बात को कह चुके हैं कि उनकी ये सीरीज भी उनकी पहली सीरीज की तरह सत्य घटनाओं पर आधारित है.5 एपिसोड्स की ये सीरीज एक ऐसे व्यक्ति के जीवन पर आधारित है जो अपने परिवार के खिलाफ किये गए अत्याचार के विरोध में विद्रोह कर देता है और बागी बन जाता है.
1998 के बैक ड्राप वाली इस वेब सीरीज में कहानी शिव कुमार की है. उसके विद्रोह की है. चित्रकूट और बुंदेलखंड में एक डाकू के रूप में उसके ख़ौफ़ की है. सीरीज में दिखाया गया है कि कोई भी व्यक्ति एक डाकू के रूप में जन्म नहीं लेता ये हालात ही होते हैं जो उसे एक साधारण से इंसान से बीहड़ का खूंखार दस्यु बनाते हैं.
कहानी में शिव कुमार भले ही एक खूंखार डाकू के रूप में दिखाया गया हो लेकिन असल में वो एक ऐसा व्यक्ति है जो गरीबों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है. सीरीज में दिखाया गया है कि रॉबिनहुड की छवि रखने वाला डाकू कैसे अपना खुदका इकोसिस्टम खड़ा करता है और फिर चाहे वो इलाके के प्रभावशाली लोग हों, थाना पुलिस हो, राजनेता हों कैसे सब के सब उसके आगे झुकने पर मजबूर होते हैं.
अब जबकि रितम की ये सीरीज एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हो चुकी है कहना गलत नहीं है कि रक्तांचल के बाद 'बीहड़ का बागी' से एक निर्देशक के रूप में रितम ने केवल OTT बल्कि दर्शकों की भी नब्ज़ पकड़ ली है. रितम जानते हैं कि फ़िक्शन के इतर वो ये रियलिस्टिक कंटेंट ही है जो उन्हें इंडस्ट्री में पहचान दे सकता है और लंबे समय तक इंडस्ट्री में टिकाए रख सकता है.
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